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'ISIS इंडिया' प्रमुख की हुई गिरफ्तारी, हारिस फारूकी युवा लड़कों और लड़कियों का करता था ब्रेन वॉश : असम पुलिस - ISIS India chief arrested

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By PTI

Published : Mar 21, 2024, 6:33 PM IST

Updated : Mar 21, 2024, 6:39 PM IST

Assam Police : असम पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के आईजीपी पार्थसारथी महंत ने गुरुवार को गुवाहाटी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि फारूकी आईएसआईएस में युवा लड़कों और लड़कियों को भर्ती करने में विशेषज्ञ था. पढे़ं पूरी खबर...

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गुवाहाटी : खुफिया सूचनाओं के 15 दिनों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण, स्थानीय संपर्कों की तलाश, पुख्ता योजना, एक ठोस टीम का गठन और सटीक कार्रवाई के कारण असम से ‘आईएसआईएस इंडिया’ प्रमुख की गिरफ्तारी हुई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद बुधवार को असम के धुबरी जिले में गिरफ्तार कर लिया गया.

पूरे अभियान का नेतृत्व करने वाले असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों खूंखार आईएसआईएस आतंकियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पहले ही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमें लगभग 15 दिन पहले एक केंद्रीय एजेंसी से जानकारी मिली थी कि धुबरी के कुछ हिस्सों में आईएसआईएस के शीर्ष नेताओं की संभावित आवाजाही हो सकती है. जानकारी विश्वसनीय थी और इसलिए एसटीएफ शामिल थी.

महंत ने कहा, इसके बाद एसटीएफ ने आवाजाही के संभावित क्षेत्रों पर काम करना शुरू कर दिया, यदि कोई स्थानीय संपर्क हो तो उसे ढूंढने की कोशिश की और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उसी के अनुसार एक योजना तैयार की. उन्होंने कहा कि हमने 18 मार्च तक अपना ध्यान (लक्ष्य पर) केंद्रित कर लिया और हमें 19 मार्च को उनकी संभावित गतिविधि के बारे में बहुत विशिष्ट जानकारी मिली. हम तुरंत धुबरी के धर्मशाला क्षेत्र पहुंचे। हमने 20 मार्च को सुबह लगभग चार बजे दो लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए साधन की तलाश में सड़क पर जाते देखा.

पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पुलिस के पास पहले से ही आईएसआईएस सदस्यों की तस्वीरें थीं और उनमें से दो सड़क पर जा रहे लोगों से मेल खाती थीं. उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और तुरंत गुवाहाटी ले आए. हमने उन्हें बीती रात ही एनआईए को सौंप दिया. एनआईए उन्हें दिल्ली और अन्य स्थानों पर ले जाएगी, जहां दोनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.' असम के पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने गिरफ्तारी को देश में हिंसक आतंकवाद का मुकाबला करने के राष्ट्रीय प्रयास में अंतर-एजेंसी तालमेल का परिणाम बताया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'अभियान में शामिल अधिकारियों के दल को बधाई.'

विवरण साझा किए बिना महंत ने कहा कि दोनों चरमपंथियों से उनके तंत्र, स्थानीय संपर्क, वित्तपोषण के स्रोत और विस्फोटकों की जानकारी लेने के लिए पूछताछ जारी है. महंत ने कहा कि जांच के दो हिस्से हैं अगर असम से संबंधित कुछ भी पाया जाता है, तो हम उस पर ध्यान देंगे. शेष भारत के घटनाक्रम पर एनआईए नजर रखेगी. उन्होंने कहा, 'असम हमेशा से संवेदनशील रहा है और हम लगातार सतर्क रहते हैं। यही कारण है कि जब वे पड़ोसी देश से भारत में घुसे तो हम उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर सके.'

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दोनों आईएसआईएस सदस्य दिल्ली मॉड्यूल से संबंधित एनआईए मामले में वांछित हैं, जिसमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की संबंधित घटनाएं शामिल हैं. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कट्टरपंथियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और अपने देश की धरती से आतंकवाद को खत्म करेंगे. शुक्रिया असम पुलिस.

असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि ये दोनों भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और कट्टर सदस्य हैं. उन्होंने कहा था, 'उन्होंने कई स्थानों पर भर्ती, आतंकी फंडिंग और आईईडी के जरिये आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था.'फारूकी देहरादून के चकराता का रहने वाला है, जबकि सिंह पानीपत का रहने वाला है और वह इस्लाम धर्म अपना चुका है. सिंह की पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है.

धुबरी से संगठन के टॉप स्तर के नेता को सफलतापूर्वक पकड़ने के एक दिन बाद गुरुवार को असम पुलिस की मीडिया ब्रीफिंग के बाद ऐसा सवाल उठने लगा है कि क्या असम पुलिस के जाल में फंसा कुख्यात आतंकवादी और आईएसआईएस इंडिया का प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारूकी आईएसआईएस के लिए युवाओं की भर्ती करने के लिए असम आया था? प्रेस कॉन्फ्रेंस में महंत ने कहा कि फारूकी आईएसआईएस में युवा लड़कों और लड़कियों को भर्ती करने में विशेषज्ञ था. महंत ने कहा कि फारुकी युवाओं का ब्रेनवॉश करने और उन्हें कुख्यात आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए लुभाने में माहिर था.

इसके अलावा महंत ने खुलासा किया कि फारूकी को बम बनाने में विशेषज्ञता हासिल है और वह आतंकी फंड इकट्ठा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच अभी भी चल रही है कि दोनों बांग्लादेश से असम में क्यों दाखिल हुए थे. गौरतलब है कि आईजीपी पार्थसारथी महंत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कल्याण कुमार पाठक के नेतृत्व में एसटीएफ ने फारूकी को उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान के साथ बुधवार सुबह धुबरी से गिरफ्तार किया था.

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गुवाहाटी : खुफिया सूचनाओं के 15 दिनों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण, स्थानीय संपर्कों की तलाश, पुख्ता योजना, एक ठोस टीम का गठन और सटीक कार्रवाई के कारण असम से ‘आईएसआईएस इंडिया’ प्रमुख की गिरफ्तारी हुई. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को बांग्लादेश से सीमा पार करने के बाद बुधवार को असम के धुबरी जिले में गिरफ्तार कर लिया गया.

पूरे अभियान का नेतृत्व करने वाले असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों खूंखार आईएसआईएस आतंकियों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पहले ही राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि हमें लगभग 15 दिन पहले एक केंद्रीय एजेंसी से जानकारी मिली थी कि धुबरी के कुछ हिस्सों में आईएसआईएस के शीर्ष नेताओं की संभावित आवाजाही हो सकती है. जानकारी विश्वसनीय थी और इसलिए एसटीएफ शामिल थी.

महंत ने कहा, इसके बाद एसटीएफ ने आवाजाही के संभावित क्षेत्रों पर काम करना शुरू कर दिया, यदि कोई स्थानीय संपर्क हो तो उसे ढूंढने की कोशिश की और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए उसी के अनुसार एक योजना तैयार की. उन्होंने कहा कि हमने 18 मार्च तक अपना ध्यान (लक्ष्य पर) केंद्रित कर लिया और हमें 19 मार्च को उनकी संभावित गतिविधि के बारे में बहुत विशिष्ट जानकारी मिली. हम तुरंत धुबरी के धर्मशाला क्षेत्र पहुंचे। हमने 20 मार्च को सुबह लगभग चार बजे दो लोगों को अपने गंतव्य तक जाने के लिए साधन की तलाश में सड़क पर जाते देखा.

पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि पुलिस के पास पहले से ही आईएसआईएस सदस्यों की तस्वीरें थीं और उनमें से दो सड़क पर जा रहे लोगों से मेल खाती थीं. उन्होंने कहा, 'हमने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और तुरंत गुवाहाटी ले आए. हमने उन्हें बीती रात ही एनआईए को सौंप दिया. एनआईए उन्हें दिल्ली और अन्य स्थानों पर ले जाएगी, जहां दोनों के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं.' असम के पुलिस महानिदेशक जी.पी. सिंह ने गिरफ्तारी को देश में हिंसक आतंकवाद का मुकाबला करने के राष्ट्रीय प्रयास में अंतर-एजेंसी तालमेल का परिणाम बताया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'अभियान में शामिल अधिकारियों के दल को बधाई.'

विवरण साझा किए बिना महंत ने कहा कि दोनों चरमपंथियों से उनके तंत्र, स्थानीय संपर्क, वित्तपोषण के स्रोत और विस्फोटकों की जानकारी लेने के लिए पूछताछ जारी है. महंत ने कहा कि जांच के दो हिस्से हैं अगर असम से संबंधित कुछ भी पाया जाता है, तो हम उस पर ध्यान देंगे. शेष भारत के घटनाक्रम पर एनआईए नजर रखेगी. उन्होंने कहा, 'असम हमेशा से संवेदनशील रहा है और हम लगातार सतर्क रहते हैं। यही कारण है कि जब वे पड़ोसी देश से भारत में घुसे तो हम उन्हें तुरंत गिरफ्तार कर सके.'

एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि दोनों आईएसआईएस सदस्य दिल्ली मॉड्यूल से संबंधित एनआईए मामले में वांछित हैं, जिसमें दिल्ली, मुंबई और लखनऊ की संबंधित घटनाएं शामिल हैं. इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कट्टरपंथियों के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और अपने देश की धरती से आतंकवाद को खत्म करेंगे. शुक्रिया असम पुलिस.

असम पुलिस के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी प्रणबज्योति गोस्वामी ने बुधवार को एक बयान में कहा था कि ये दोनों भारत में आईएसआईएस के अत्यधिक प्रशिक्षित और कट्टर सदस्य हैं. उन्होंने कहा था, 'उन्होंने कई स्थानों पर भर्ती, आतंकी फंडिंग और आईईडी के जरिये आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने की साजिशों के माध्यम से भारत में आईएसआईएस के उद्देश्य को आगे बढ़ाया था.'फारूकी देहरादून के चकराता का रहने वाला है, जबकि सिंह पानीपत का रहने वाला है और वह इस्लाम धर्म अपना चुका है. सिंह की पत्नी बांग्लादेशी नागरिक है.

धुबरी से संगठन के टॉप स्तर के नेता को सफलतापूर्वक पकड़ने के एक दिन बाद गुरुवार को असम पुलिस की मीडिया ब्रीफिंग के बाद ऐसा सवाल उठने लगा है कि क्या असम पुलिस के जाल में फंसा कुख्यात आतंकवादी और आईएसआईएस इंडिया का प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारूकी आईएसआईएस के लिए युवाओं की भर्ती करने के लिए असम आया था? प्रेस कॉन्फ्रेंस में महंत ने कहा कि फारूकी आईएसआईएस में युवा लड़कों और लड़कियों को भर्ती करने में विशेषज्ञ था. महंत ने कहा कि फारुकी युवाओं का ब्रेनवॉश करने और उन्हें कुख्यात आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए लुभाने में माहिर था.

इसके अलावा महंत ने खुलासा किया कि फारूकी को बम बनाने में विशेषज्ञता हासिल है और वह आतंकी फंड इकट्ठा करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. उन्होंने कहा कि इस बात की जांच अभी भी चल रही है कि दोनों बांग्लादेश से असम में क्यों दाखिल हुए थे. गौरतलब है कि आईजीपी पार्थसारथी महंत और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कल्याण कुमार पाठक के नेतृत्व में एसटीएफ ने फारूकी को उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान के साथ बुधवार सुबह धुबरी से गिरफ्तार किया था.

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Last Updated : Mar 21, 2024, 6:39 PM IST
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