देहरादून: बहती हुई गाड़ियों के वायरल वीडियोज ने हरिद्वार और ऋषिकेश का व्यापार खराब कर दिया है. वीडियो वायरल होने के बाद कई टूरिस्ट ने बुकिंग कैंसिल करवा दी. इसके साथ ही कई लोगों ने वीडियोज को देखकर हरिद्वार, ऋषिकेश आने का प्लान भी रद्द कर दिया. जिसका सीधा असर धर्मनगरी और तीर्थनगरी के पर्यटन पर असर पड़ा है. जिसके कारण इन दोनों जगहों के व्यापारी नाखुश हैं.
4 दिन में बदल गई शहरों की सूरत: आज से 4 दिन पहले हरिद्वार और ऋषिकेश में पर्यटकों का तांता लगा हुआ था. हालात ये थी कि इन दोनों शहरों में पैर रखने की जगह तक नहीं थी. आलम ये था कि हरिद्वार से ऋषिकेश 25 किलोमीटर के दायरे में पांच जगहों लंबा जाम लग रहा था, टूरिस्ट्स को एक किलोमीटर का सफर तय करने के लिए 40 से 50 मिनट का वक्त लग रहा था, गाड़ियां रेंग रेंग कर चल रही थी. इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि ये तस्वीर पूरी तरह से बदल गई. इसके बाद हरिद्वार के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गये. ये वीडियो हरिद्वार खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट के पास सूखी नदी के थे, जिसमें नदी में तिनके की तरह गाड़ियां बहती दिखी. पहाड़ों में रो रही बारिश के कारण निचले इलाकों में नदियों का जलस्तर बढ़ा. गंगा की सहायक नदियां भी इससे उफान पर आ गई. सूखी नदी 12 महीने सूखी रहता है. मानसून के सीजन में यहां बहुत कम पानी होता है, मगर पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण यहां भी पानी ने हाहाकार मचा दिया. सूखी नदी में आधे घंटे तक चले पानी ने वहां पर खड़ी तमाम गाड़ियों को न केवल नुकसान पहुंचाया बल्कि बहाकर के सीधे हरिद्वार के उस स्थान पर पहुंचा दिया जहां पर सबसे अधिक भीड़भाड़ रहती है. हर की पौड़ी के आसपास की गंगा में जब गाड़ियां बहती हुई दिखाई दी तो लोग भयभीत हो गए. ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई. देशभर में ये वीडियोज देखे गये. जिसका असर धर्मनगरी और तीर्थनगरी के पर्यटन पर असर पड़ा है.
हरिद्वार में खड़खड़ी स्थित सूखी नदी में अचानक आये उफान से बहे वाहनों को #UttarakhandPolice SDRF द्वारा सर्च ऑपरेशन चलाकर ढूंढकर निकाला जा रहा है। अभी तक 07 वाहनों को बाहर निकाला जा चुका है। बाकी वाहनों निकालने हेतु SDRF द्वारा मौके पर लगातार सर्चिंग की जा रही है।@uksdrf pic.twitter.com/3Df3EexFyn
— Uttarakhand Police (@uttarakhandcops) July 1, 2024
फिलहाल इन दोनों शहरों में पड़ा है सूखा: जिस समय ये वीडियो वायरल हो रहे थे तब हरिद्वार और ऋषिकेश में हजारों लोग रुके थे. उस समय वे लोग जानते थे कि हरिद्वार में एक बूंद तक नहीं गिरी, लेकिन सोशल मीडिया पर अत्यधिक और अलग-अलग जानकारी के माध्यम से शेयर की गई यह वीडियो ऋषिकेश और हरिद्वार शहर के लिए बिना बारिश की आफत बन गई. पहाड़ों में जिस वक्त बारिश होती है उसे वक्त हरिद्वार और ऋषिकेश का मौसम बेहद खूबसूरत रहता है. हर साल शुरुआती मानसून के दिनों में शहर में भीड़भाड़ अधिक रहती है. हैरानी की बात यह है कि जब से मानसून शुरू हुआ है तब से हरिद्वार और ऋषिकेश में बहुत कम बारिश हुई है. वीडियोज वायरल होने के बाद जिन लोगों ने होटल्स की बुकिंग करवाई थी वो भी कैंसिल होनी शुरू हो गई. टेलिफोनिक कैंसिल के जरिये होटल के कर्मचारी लोगों को मौजूदा जानकारी दे रहे हैं, इसके बाद भी पर्यटक मानने को तैयार नहीं हैं.
हरिद्वार के वीडियोज से ऋषिकेश को नुकसान: ऋषिकेश निवासी हरीश तिवारी कहते हैं ऐसा पहले भी हो चुका है. साल 2013 की आपदा और उसके बाद परमार्थ निकेतन की मूर्ति के ऊपर पानी आने लगा तो लोगों ने समझा ऋषिकेश डूबने लगा है. तब भी ऋषिकेश में सभी चीजें सामान्य थी, इसके बाद भी ऋषिकेश पर्यटन को लेकर अफवाह फैलाई गई. इसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ा. अब हरिद्वार के कुछ वीडियो की वजह से ऋषिकेश परेशानी में है. हरिद्वार के वीडियो के कारण टूरिस्ट ऋषिकेश भी नहीं आ रहे हैं. हरीश तिवारी कहते हैं आज ऐसे युग में जब लोग सोशल मीडिया पर अत्यधिक भरोसा कर रहे हैं
होटल बुकिंग हो रही कैंसिल: हरिद्वार होटल कारोबारी ओमप्रकाश जमदग्नि हरिद्वार की हालत देख बेहद परेशान हैं. ओमप्रकाश कहते हैं कुछ भ्रामक वीडियो की वजह से हमारा पूरा व्यापार चौपट हो गया है. अब मानसून सीजन आने वाले है. इसमें हरिद्वार में वैसे ही यात्री नहीं आते हैं. उससे पहले वायरल हुए वीडियोज ने हरिद्वार से पर्यटन को चौपट कर दिया है. जिसके कारण लोगों ने बुकिंग कैंसिल करवाना शुरू कर दिया है. ओम प्रकाश कहते हैं जिन लोगों ने 2 जुलाई तक 10 जुलाई तक बुकिंग करवाई है वो कैंसिल हो गई है. हम लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे है. होटल संगठन से मिले आंकड़े के मुताबिक अमूमन रोजाना 700 से 800 कमरों की बुकिंग कम हो रही है. इसी तरह से हरिद्वार के पतंजलि पार्किंग और हर की पैड़ी पार्किंग के साथ-साथ ऋषिकेश की पार्किंग में भी रोजाना आने वाली गाड़ियों की संख्या में 300 से 400 की कमी आई.
सब कुछ है पर भक्त नहीं: हरिद्वार हर की पौड़ी गंगा सभा के सदस्य उज्ज्वल पंडित कहते हैं हर की पौड़ी पर रोजाना की तरह सब कुछ सामान्य है. पूजा, कर्मकांड, आरती और दुकानें भी रोजाना खुल रही हैं. इसके बाद भी यहां भक्त नहीं पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियोज के कारण लोगों में डर का माहौल है. उसकी वजह से धार्मिक, साहसिक पर्यटन को बेहद नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा यह हरिद्वार, ऋषिकेश और उत्तराखंड के लिए बिल्कुल भी सही नहीं है.
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