दंतेवाड़ा: दस सालों से नक्सली संगठन में काम कर रहे पति पत्नी ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. पति भीमा पर पुलिस ने पांच लाख और पत्नी विमला पर तीन लाख का इनाम था. सरेंडर करने वाले दंपत्ति सरकार की ''घर वापस आईए'' यानि ''लोन वर्राटू अभियान'' से प्रभावित हैं. 15 अगस्त से पहले दो हार्डकोर नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने से पुलिस काफी खुश है. पति पति दोनों दंतेवाड़ा में हुए कई नक्सली वारदातों में शामिल रहे हैं.
हार्डकोर नक्सली दंपत्ति ने किया सरेंडर: पूरे बस्तर में एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया जा रहा है. नक्सल विरोधी अभियान के साथ साथ माओवादियों को आत्मसर्पण कराने के लिए लोन वर्राटू और पूना नर्कोम अभियान चलाया गया है. सरकार की ओर से चलाए गए दोनों अभियानों को बड़ी सफलता मिल रही है. बड़ी संख्या में माओवादी हथियार छोड़ आत्मसमर्पण कर रहे हैं.
''लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर नक्सली दंपत्ति भीमा उर्फ पवन माड़वी औरी विमला मड़काम ने सरेंडर कर दिया. भीमा मलांगेर एरिया कमेटी का सदस्य है और एरिया मिलिशिया का इंचार्ज भी रहा है. भीमा अरनपुर का रहने वाला है. भीमा की गिरफ्तारी पर पांच लाख का इनाम पुलिस ने रखा था. भीमा की पत्नी विमला मड़काम पर दो लाख का इनाम सरकार ने रखा था''. - राम कुमार बर्मन, एडिशनल एसपी
861 माओवादियों ने किया अबतक आत्मसमर्पण: सरेंडर करने वाले दोनों माओवादियों को सरकार की पुनर्वास नीति के तहत मदद दी गई. भीमा और विमला को 25 - 25 हजार की आर्थिक मदद दी गई. पुलिस ने कहा है कि जल्द ही बाकि की आर्थिक मदद और मुहैया कराई जाएगी. लोन वर्राटू अभियान के तहत अबतक 193 इनामी नक्सली सहित 861 माओवादी हथियार डाल चुके हैं.