कांकेर: 16 अप्रैल को कांकेर के छोटेबेठिया इलाके में नक्सलियों से जवानों की जोरदार मुठभेड़ हुई. एनकाउंटर में जवानों ने 29 नक्सलियों को मौके पर मार गिराया. मारे गए 29 माओवादियों में से 9 नक्सलियों की पहचान सुरक्षा एजेंसियों ने कर ली है. इस बात की जानकारी खुद अधिकारियों ने दी है.
मारे गए 9 नक्सलियों की हुई पहचान: मारे गए बाकी के नक्सलियों की पहचान का काम भी जारी है. फोर्स से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि माओवादियों के उत्तर बस्तर डिविजन कमेटी में 70 से लेकर 80 तक नक्सली हैं. इनमें चार एरिया कमेटी रावघाट, परतापुर, कुवे और किसोडो हैं. मारे गए नक्सली इन डिविजन कमेटी के भी सदस्य हो सकते हैं. मौके से मिले सामान के जरिए भी मारे गए नक्सलियों के पहचान की कोशिश की जा रही है.
मंगलवार को मुठभेड़ के बाद मारे गए नक्सलियों की पहचान का काम जारी है. एनकाउंटर के दिन दो मारे गए नक्सलियों की पहचान हुई थी. बुधवार को सात और ढेर हुए नक्सलियों की पहचान कर ली गई है. मारे गए नक्सलियों की पहचान हार्डकोर माओवादी शंकर राव, ललिता के रुप में हुई है. मारे गए दोनों माओवादी डिविजनल कमेटी के सदस्य रहे. एनकाउंटर में ढेर हुई माधवी, रामशिला और रंजीता तीनों उत्तरी बस्तर संभाग में सक्रिय माओवादी थी. मुठभेड़ में परतापुर एरिया कमेटी का जुगनी, सुखलाल और श्रीकांत भी शामिल है. मारे गए नक्सलियों में स्थानीय संगठन के दस्ते का कमांडर मेढ़की भी शामिल है. - सुंदरराज पी, पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज
मौके से मिले हथियार: मुठभेड़ के बाद मौके से बड़ी संख्या में हथियारों का जखीरा बरामद हुआ है. हथियारों में 1 एके-47 राइफल, दो इंसास राइफल, एक सेल्फ-लोडिंग राइफल (एसएलआर), एक कार्बाइन, तीन .303 राइफल, दो 315 बोर राइफल, दो 9 एमएम पिस्तौल, दो देशी लॉन्चर और देशी हथगोला मिला है. बरामद किए गये हथियारों के मिलान का काम भी चल रहा है जिससे ये पता चले कि ये हथियार कहीं जवानों से लूटे हुए तो नहीं हैं.
छोटेबेठिया मुठभेड़ में 200 जवान शामिल थे: मंगलवार को हुए ऑपरेशन में राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड और सीमा सुरक्षा बल के लगभग 200 जवान शामिल थे. मुठभेड़ के दौरान जवानों को लीड करने वाले अधिकारियों में से एक पखांजूर पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर लक्ष्मण केवट ने कहा कि मौसम की वजह से इलाके में ऑपरेशन के दौरान हमेशा दिक्कतें आती है. बावजूद इसके हम बुलंद हौसले के साथ ऑपरेशन को अंजाम देते हैं.
"गर्म मौसम की स्थिति और सूखे इलाके में ऑपरेशन के दौरान दिक्कतें आती हैं. भारी हथियारों के साथ पहाड़ की चढ़ाई करना भी एक चुनौती होता है. इन तमाम दिक्कतों के बाद भी हमने इस मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया. हमने पूरे इलाके को पहले घेरा फिर अपने ऑपरेशन को सफल बनाया. ऑपरेशन के दौरान लगातार जोखिम बना रहता है. मार्च महीने के बाद नक्सली अपनी गतिविधियां तेज करते हैं. गर्मी के मौसम में जंगल दूर दूर तक दिखाई देता है. इसलिए ऑपरेशन में बड़ी सफलता भी मिली. हमने बड़ी दिलेरी के साथ कोटरी नदी को पार किया. मौके पर पहुंचे और नक्सलियों को ढेर कर दिया. हमने इंतजार किया जबतक कि उनकी बंदूकें शांत नहीं हो गई. जब गोलियों की आवाजें आनी बंद हो गई तब हमने सर्च ऑपरेशन चलाया. नक्सलियों के डेड बॉडी लेकर कैंप तक पहुंचे. मरने वाले नक्सलियों की संख्या और अधिक हो सकती है. - लक्ष्मण केवट, पखांजूर पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर
नक्सलियों पर करारा वार: मुठभेड़ वाली जगह से नक्सलियों के कुल 22 हथियार मिले हैं. लक्ष्मण केवट की मानें तो मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है. बस्तर में मतदान से पहले जिस तरह से जवानों ने 29 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा है उससे जवानों के हौसले बुलंद हैं. बस्तर में बैकुफुट पर चल रहे नक्सली लगातार संख्या के बल पर सिमटते जा रहे हैं.