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इस जज ने पहली बार मुख्तार अंसारी को सुनाई थी सजा, फिर जेल से बाहर नहीं निकल सका माफिया - Mukhtar Ansari death - MUKHTAR ANSARI DEATH

मुख्तार अंसारी की मौत के बाद से खबरों का बाजार गर्म है. जहां एक तरफ मुख्तार अंसारी के आपराधिक मामलों की चर्चा हो रही है, वहीं दूसरी ओर हमीरपुर के जज दिनेश सिंह के बारे में बात की जा रही कि कैसे मुख्तार अंसारी के खौफ से बिना डरे उन्होंने उसे पहली बार सजा सुनाई थी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 2, 2024, 1:47 PM IST


हमीरपुर: मुख्तार अंसारी इन दिनों चर्चा में है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उससे जुड़े किस्सों और मामलों की चर्चा हो रही है. ऐसा ही एक किस्सा हमीरपुर का है. जब मुख्तार अंसारी के खौफ से हर कोई कांपता था. इस बीच जनपद के रहने वाले जज ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी. इसके बाद लगातर कई मामलों में मुख्तार को सजा होती गई और वह जेल से बाहर नहीं आ पाया. आईए इस किस्से से जुड़ी कहानी आपको बताते है.


गौरतलब हो कि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की हाल ही में हृदय गति रुक जाने से मौत हुई थी. मुख्तार के ऊपर कहने को तो कई अपराधिक मामले दर्ज थे. लेकिन, उसे किसी भी मामले में सजा नहीं हुई थी. उसका खौफ आम जनता के साथ जजो में भी था. जिसके कारण कोई भी जज मुख्तार को सजा सुनाने से डरता था. जब मुख्तार का केस हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के टिकरी गांव के रहने वाले और तत्कालीन समय में लखनऊ उच्च न्यायालय के जज दिनेश सिंह की बेंच में पहुंचा, तो उसने दिनेश सिंह को भी खौफ दिखाने की कोशिश की. मुख्तार अंसारी ने सोचा कि जिस तरह जनता में उसका खौफ है, उसी तरह जज दिनेश सिंह भी उसका खौफ मानेगें. लेकिन दिनेश ने निडरता के साथ अपने कर्तव्य का पालन किया. 22 सितंबर 2022 को 32 वर्ष के अपराधिक इतिहास के बाद 2003 में लखनऊ जिला जेल के जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष की सजा सुनाई थी.

इसे भी पढ़े-अफजाल अंसारी बोले, 20 साल बाद भी मुख्तार के शव के नाखून-बाल से जहर की जांच हो सकेगी, ऐसे दफन किया - Mukhtar Ansari Death

जज दिनेश सिंह ने मुख्तार अंसारी की अर्जी की थी खारिज: कुछ समय बाद मुख्तार ने जेल में विशेष सुविधा के लिए जज दिनेश सिंह की बेंच में अर्जी डाली थी. लेकिन, दिनेश सिंह ने यह कह कर अर्जी को खारिज कर दिया कि मुख्तार अंसारी एक कुख्यात अपराधी है और उसको जेल में विशेष सुविधा का कोई अधिकार नहीं है. रामू मल्लाह जोकि मुख्तार अंसारी का नजदीकी माना जाता हैं, उसकी जमानत भी यह कह कर खारिज कर दी थी, कि रामू के जेल के बाहर रहने की वजह से गवाहों और अन्य लोगों की जान को खतरा है. इसलिए रामू मल्लाह को जमानत नहीं मिल सकती.

कौन है जज दिनेश सिंह: दिनेश सिंह मूल रूप से हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के टिकरी गांव के निवासी है. वह प्रयागराज उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में न्यायाधीश रहे हैं. वर्तमान समय में केरल राज्य के उच्च न्यायालय में जज है. निडर और निष्पक्ष होकर वह अपने न्यायिक फैसले सुना रहे हैं. दिनेश सिंह के बेटे शांतनु की शादी 11 मार्च 2024 को लखनऊ में गौरी गंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह की बेटी शुभी सिंह के साथ हुई थी. इसमें मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे.

यह भी पढ़े-मुख्तार अंसारी की दबंगई की कहानी पुलिस की जुबानी; रिश्तेदारों पर कार्रवाई हुई तो पहुंच जाता था थाने - Mukhtar Ansari Death


हमीरपुर: मुख्तार अंसारी इन दिनों चर्चा में है. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद उससे जुड़े किस्सों और मामलों की चर्चा हो रही है. ऐसा ही एक किस्सा हमीरपुर का है. जब मुख्तार अंसारी के खौफ से हर कोई कांपता था. इस बीच जनपद के रहने वाले जज ने मुख्तार अंसारी को सजा सुनाई थी. इसके बाद लगातर कई मामलों में मुख्तार को सजा होती गई और वह जेल से बाहर नहीं आ पाया. आईए इस किस्से से जुड़ी कहानी आपको बताते है.


गौरतलब हो कि कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी की हाल ही में हृदय गति रुक जाने से मौत हुई थी. मुख्तार के ऊपर कहने को तो कई अपराधिक मामले दर्ज थे. लेकिन, उसे किसी भी मामले में सजा नहीं हुई थी. उसका खौफ आम जनता के साथ जजो में भी था. जिसके कारण कोई भी जज मुख्तार को सजा सुनाने से डरता था. जब मुख्तार का केस हमीरपुर के मौदहा क्षेत्र के टिकरी गांव के रहने वाले और तत्कालीन समय में लखनऊ उच्च न्यायालय के जज दिनेश सिंह की बेंच में पहुंचा, तो उसने दिनेश सिंह को भी खौफ दिखाने की कोशिश की. मुख्तार अंसारी ने सोचा कि जिस तरह जनता में उसका खौफ है, उसी तरह जज दिनेश सिंह भी उसका खौफ मानेगें. लेकिन दिनेश ने निडरता के साथ अपने कर्तव्य का पालन किया. 22 सितंबर 2022 को 32 वर्ष के अपराधिक इतिहास के बाद 2003 में लखनऊ जिला जेल के जेलर को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को सात वर्ष की सजा सुनाई थी.

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जज दिनेश सिंह ने मुख्तार अंसारी की अर्जी की थी खारिज: कुछ समय बाद मुख्तार ने जेल में विशेष सुविधा के लिए जज दिनेश सिंह की बेंच में अर्जी डाली थी. लेकिन, दिनेश सिंह ने यह कह कर अर्जी को खारिज कर दिया कि मुख्तार अंसारी एक कुख्यात अपराधी है और उसको जेल में विशेष सुविधा का कोई अधिकार नहीं है. रामू मल्लाह जोकि मुख्तार अंसारी का नजदीकी माना जाता हैं, उसकी जमानत भी यह कह कर खारिज कर दी थी, कि रामू के जेल के बाहर रहने की वजह से गवाहों और अन्य लोगों की जान को खतरा है. इसलिए रामू मल्लाह को जमानत नहीं मिल सकती.

कौन है जज दिनेश सिंह: दिनेश सिंह मूल रूप से हमीरपुर जिले के मौदहा क्षेत्र के टिकरी गांव के निवासी है. वह प्रयागराज उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ में न्यायाधीश रहे हैं. वर्तमान समय में केरल राज्य के उच्च न्यायालय में जज है. निडर और निष्पक्ष होकर वह अपने न्यायिक फैसले सुना रहे हैं. दिनेश सिंह के बेटे शांतनु की शादी 11 मार्च 2024 को लखनऊ में गौरी गंज के विधायक राकेश प्रताप सिंह की बेटी शुभी सिंह के साथ हुई थी. इसमें मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे.

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