गाजा: हमास ने गाजा में चरणबद्ध संघर्ष विराम समझौते के लिए अमेरिका समर्थित प्रस्ताव को अपनी प्रारंभिक मंजूरी दे दी है, जिसमें इजरायल द्वारा युद्ध को पूरी तरह समाप्त करने के लिए पहले से प्रतिबद्ध होने की प्रमुख मांग को वापस ले लिया गया है. शनिवार को हमास के एक अधिकारी और एक मिस्र के अधिकारी ने यह जानकारी दी.
इससे कयास लगाये जा रहे हैं कि नवंबर के बाद से जारी लड़ाई में पहली बार विराम लग सकता है. इसके साथ ही नौ महीने से चल रही विनाशकारी लड़ाई को समाप्त करने के लिए आगे की बातचीत के लिए मंच तैयार होने की संभावना नजर आ रही है. हालांकि सभी पक्षों ने चेतावनी दी है कि अभी भी समझौते की गारंटी नहीं है.
इस बीच गाजा के अंदर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नुसेरात शरणार्थी शिविर में एक स्कूल में शरण लिए गए इजरायली हवाई हमले में कम से कम 16 लोग मारे गए और कम से कम 50 अन्य घायल हो गए. मृतकों और घायलों में बच्चे भी शामिल हैं. इजरायल की सेना ने कहा कि वह रिपोर्ट की जांच कर रही है.
चल रही वार्ता पर चर्चा करने के लिए नाम न बताने की शर्त पर बात करने वाले दोनों अधिकारियों ने कहा कि वाशिंगटन का चरणबद्ध समझौता छह सप्ताह के पूर्ण युद्ध विराम के साथ शुरू होगा, जिसके दौरान सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में वृद्ध, बीमार और महिला बंधकों को रिहा किया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि उन 42 दिनों के दौरान, इजरायली सेना गाजा के घनी आबादी वाले क्षेत्रों से हट जाएगी और विस्थापित लोगों को उत्तरी गाजा में उनके घरों में लौटने की अनुमति देगी.
अधिकारियों ने कहा कि उस अवधि के दौरान, हमास, इजरायल और मध्यस्थ दूसरे चरण की शर्तों पर बातचीत करेंगे, जिसमें शेष पुरुष बंधकों, नागरिकों और सैनिकों दोनों की रिहाई हो सकती है. बदले में, इजरायल अतिरिक्त फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों को रिहा करेगा. तीसरे चरण में मृतकों के शवों सहित शेष बंधकों की वापसी और एक साल लंबी पुनर्निर्माण परियोजना की शुरुआत शामिल होगी.
अधिकारियों ने कहा कि हमास अभी भी मध्यस्थों से लिखित गारंटी चाहता है कि पहला चरण प्रभावी होने के बाद इजरायल स्थायी युद्ध विराम समझौते पर बातचीत जारी रखेगा. हमास के प्रतिनिधि ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि समूह की स्वीकृति मध्यस्थों से मौखिक प्रतिबद्धता और गारंटी मिलने के बाद आई है कि युद्ध फिर से शुरू नहीं किया जाएगा और स्थायी युद्ध विराम होने तक बातचीत जारी रहेगी.
प्रतिनिधि ने कहा कि अब हम इन गारंटियों को कागज पर चाहते हैं. हमास की इस मांग के कारण महीनों से चल रही संघर्ष विराम वार्ता में बाधा आ रही है कि किसी भी समझौते में युद्ध का पूर्ण अंत शामिल हो.