पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के पांचवें चरण की वोटिंग 20 मई को है. बिहार के 5 सीटों पर वोटिंग होगी इसमें हाजीपुर लोकसभा सीट पर सबकी नजर टिकी है. इस सीट पर एक ओर LJPR प्रत्याशी चिराग पासवान के पास पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है तो दूसरी ओर RJD प्रत्याशी शिवचंद्र राम अब तक का रिकॉर्ड तोड़ने की कोशिश में लगे हैं.
RJD को कभी नहीं मिली जीतः इस सीट पर अब तक 13 सांसद रह चुके हैं. इन 13 बार में मात्र दो बार कांग्रेस प्रत्याशी को जीत मिली है. इसके बाद जनता दल, जनता पार्टी, LJP का जलवा रहा है. इसमें राजद दूर-दूर तक कहीं नहीं दिखाई दे रहा है. इसबार राजद के सामने रिकॉर्ड तोड़ने की चुनौती है. राजद का मानना है कि इस बार चिराग पासवान (हनुमान) के सामने शिवचंद्र राम की जीत होगी. RJD प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि इस बार तख्ता पलटकर रहेगा.
"इस बार हनुमान(चिराग पासवान) को शिव और राम दोनों से पाला पर चुका है. इसलिए हनुमान को भी समझ में आ गया है कि इसबार क्या होने वाला है. हमारे उम्मीदवार का नाम शिवचंद्र राम है. हमलोग इसबार भारी पड़ रहे हैं." -एजाज अहमद, प्रवक्ता, राजद
अब तक 13 सांसद बनेः हाजीपुर लोकसभा सीट को लेकर दिलचस्प बात है कि यहां राम नाम का कनेक्शन रहा है. 13 लोकसभा चुनाव में जितने भी प्रत्याशी जीतकर आए उनके नाम के आगे या पीछे राम जुड़ा रहा है. इसे संयोग कहें या कुछ और लेकिन इसबार 2024 में भी यही देखने को मिल रहा है. इसबार पीएम मोदी को राम मानने वाले हनुमान चिराग पासवान और राजद से शिवचंद्र राम आमने सामने हैं.
8 बार सांसद रहे रामविलास पासवानः हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में 1971 से 2014 तक 'राम नाम' के उम्मीदवार का कब्जा रहा है. 2019 में पशुपति पारस चुनाव जीते लेकिन इसके पीछे भी राम विलास पासवान का हाथ रहा है. वर्ष 1971 हाजीपुर लोकसभा चुनाव से देखें तो एक बार रामशेखर प्रसाद सिंह, 8 बार राम विलास, एक बार रामरतन राम और दो बार रामसुंदर दास चुनाव जीते हैं.
1971 से 2019 तक राम नाम का जलवाः 2019 में रामविलास पासवान चुनाव नहीं लड़े लेकिन अपने भाई पशुपति पारस को चुनाव जितवाने का काम किया. यानी 1971 से 2019 तक 13 चुनाव हुए हैं, जिसमें से 12 राम नाम के उम्मीदवार वाले ही जीतते रहे. इस बार भी चुनाव राम के सहारे ही लड़ा जाएगा. इसको राजनीतिक विशेषज्ञ भी संयोग मान रहे हैं. प्रिय रंजन भारती मानते हैं कि हर बार वही चुनाव जीते हैं जिसके नाम के आगे या पीछे राम लिखा हुआ रहा है.
![पिछले 13 लोकसभा चुनाव में विजेती](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/19-05-2024/21507196_hajipurrr.jpg)
"हाजीपुर में रामविलास पासवान ने रिकॉर्ड बनाया है. हाजीपुर से अधिकांश बार वही नेता जीतते आए हैं जिनके नाम में राम लिखा हुआ है. इस बार भी चिराग पासवान अपने को मोदी का हनुमान बताते हुए मैदान में हैं. दूसरी तरफ शिवचंद्र राम भी राजद से ताल ठोक रहे हैं. हाजीपुर में भले ही अयोध्या के राम का बड़ा मुद्दा न बने लेकिन राम नाम के कनेक्शन से चर्चा जरूर हो रही है." -प्रिय रंजन भारती, राजनीतिक विशेषज्ञ
राम आएंगे या हनुमान? प्रिय रंजन भारती बताते हैं कि इस बार लोकसभा चुनाव में राजद के उम्मीदवार शिवचंद्र राम है. चिराग पासवान अपने को प्रधानमंत्री मोदी का हनुमान बताते हैं. चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सभा भी करायी है. इस बार भी हाजीपुर की लड़ाई राम के भरोसे ही है. ऐसे में यह तो तय हो गया है कि या तो इसबार राम (शिवचंद्र राम) आएंगे या राम(नरेंद्र मोदी) के भक्त हनुमान(चिराग पासवान) आएंगे. इसका फैसला 4 जून को हो जाएगा.
2019 का रिजल्ट कैसा रहा? हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा आते हैं. इसमें हाजीपुर, लालगंज, महनार, महुआ, राजापाकर और राघोपुर शामिल है. तीन विधानसभा क्षेत्र पर राजद, एक पर कांग्रेस और दो पर बीजेपी का कब्जा है. भले ही हाजीपुर लोकसभा सीट लोजपा के कब्जे में है लेकिन इनके एक भी विधायक नहीं है. 2019 लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस को 541310 वोट मिले थे. कुल वोट का 53.8 फीसदी था. राजद के शिवचंद्र राम जो इस बार मैदान में हैं उन्हें तीन लाख 35 हजार 861 वोट मिले थे. कुल वोट का 33.4 फीसदी था.
कुल मतदाताओं की संख्याः हाजीपुर में कुल मतदाताओं की बात करें तो 19 लाख 53 हजार 871 है. इसमें 10 लाख 2277 पुरुष मतदाता और 9 लाख 26 हजार 849 महिला मतदाता हैं. जातीय समीकरण की बात करें तो राघोपुर में यादव मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक है. महुआ में यादव और कोईरी मतदाता अधिक हैं. महनार में सवर्ण में राजपूत मतदाताओं की अधिकता है. हाजीपुर इलाके में सहनी मतदाताओं की भी बड़ी संख्या है. गंगा के कछार से लेकर सराय, भगवानपुर और महनार में भी सहनी मतदाता अपने वोट की ताकत रखते हैं.
जातिगत वोटर्सः जातिगत वोटरों की बात करें तो सबसे ज्यादा 2.75 लाख वोटर यादव, 2.50 लाख वोटर पासवान, 2.50 लाख वोटर राजपूत, 1.50 लाख वोटर भूमिहार, 1.25 लाख वोटर कुशवाहा, 80 हजार वोटर रविदास, 1.25 लाख वोटर कुर्मी और ब्राह्मण, 2 लाख वोटर वैश्य और बाकी अन्य जाति शामिल हैं. अल्पसंख्यकों में मुस्लिम साढ़े 9%, क्रिश्चियन 0.06%, सिख, बुद्धिस्ट और जैन 3% हैं.
रामविलास पासवान का रिकॉर्डः हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से 1977 में रामविलास पासवान ने चंदा लेकर चुनाव लड़ा था. गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था. अपना ही रिकॉर्ड 1989 में रामविलास पासवान ने 5 लाख से अधिक मतों से जीतकर तोड़ा. उस रिकॉर्ड को उनके जीते जी बिहार में कोई नहीं तोड़ सका. उनके निधन के बाद यह पहली लोकसभा चुनाव है जिसमें चिराग पासवान हाजीपुर से चुनाव मैदान में हैं.
4 जून को आएगा रिजल्टः चिराग पासवान के सामने राजद से शिवचंद्र राम मैदान में हैं. 2019 में 335000 से अधिक वोट मिला था. इसलिए लड़ाई दिलचस्प है क्योंकि चिराग पासवान पहली बार हाजीपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. अपने पिता की विरासत बचाने में लगे हैं लेकिन उन्हें भी अपने राम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ही भरोसा है. अब देखना है कि 4 जून को रिजल्ट क्या आता है?
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