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ज्ञानवापी में मिले कथित शिवलिंग को बताया था फव्वारा; अखिलेश यादव और ओवैसी पर कोर्ट 17 सितंबर को सुनाएगी फैसला - Varanasi Gyanvapi case

अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर वाराणसी कोर्ट अब 17 सितंबर को फैसला सुनाएगी.

ज्ञानवापी प्रकरण में अब 17 सितंबर को फैसला.
ज्ञानवापी प्रकरण में अब 17 सितंबर को फैसला. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 3:25 PM IST

वाराणसी: ज्ञानवापी में लगभग 2 साल पहले हुए कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजू खाने में मिली आकृति को शिवलिंग की जगह फव्वारा कहे जाने के मामले में अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर वाराणसी कोर्ट अब 17 सितंबर को फैसला सुनाएगी. कोर्ट को इस मामले में कल ही अपना निर्णय देना था लेकिन याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए एक दिन का वक्त मांगा था, जिस पर कोर्ट ने आज का वक्त दिया.

आज पूरे डेढ़ घंटे चली सुनवाई में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अपनी बात रखी. अपर जिला जज की अदालत में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया. कोर्ट अब इस पर 17 सितंबर को फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा. इस मामले में हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का अखिलेश यादव और ओवैसी पर आरोप लगा है.

वाराणसी के एडीजे नवम की कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी और लगभग 2000 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. हरिशंकर पांडेय का कहना है कि शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम ये दोनों नेता कर रहे हैं. इसके अलावा आस्था पर चोट पहुंचाते हुए वर्ग विशेष के लोगों ने उस स्थान पर गंदगी फैलाई और इतने दिनों तक उसे साफ-सुथरा भी नहीं रखा. इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना आवश्यक है.

ओवैसी की तरफ से एहतेशाम आब्दी और शाहनवाज परवेज ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा, जबकि अखिलेश यादव की तरफ से अनुज यादव ने बहस की है. एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने वजूखाने में मिले शिवलिंग जैसी संरचना को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है.अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय का कहना है कि न्यायालय इस मामले में कार्रवाई पूरी कर चुका है. दोनों पक्षों की बहस हो चुकी है, लेकिन मेरे अस्वस्थ होने की वजह से बहस पूरी नहीं कर पाया था. जिस पर कल मैंने कोर्ट को एप्लीकेशन देकर उनसे अपील की थी कि उन्हें बहस करने की अनुमति दी जाए. जिस पर कोर्ट ने एक दिन का वक्त दिया.

यह भी पढ़ें : ज्ञानवापी के बाकी बचे हिस्सों का ASI सर्वे और व्यास जी के तहखाने की मरम्मत वाली याचिका पर अब 21 को होगी सुनवाई - Gyanvapi related cases Hearing

वाराणसी: ज्ञानवापी में लगभग 2 साल पहले हुए कमीशन की कार्रवाई के दौरान वजू खाने में मिली आकृति को शिवलिंग की जगह फव्वारा कहे जाने के मामले में अखिलेश यादव और सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर वाराणसी कोर्ट अब 17 सितंबर को फैसला सुनाएगी. कोर्ट को इस मामले में कल ही अपना निर्णय देना था लेकिन याचिकाकर्ता वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडे ने अपने स्वास्थ्य का हवाला देते हुए एक दिन का वक्त मांगा था, जिस पर कोर्ट ने आज का वक्त दिया.

आज पूरे डेढ़ घंटे चली सुनवाई में याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने अपनी बात रखी. अपर जिला जज की अदालत में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया गया. कोर्ट अब इस पर 17 सितंबर को फैसला सुनाएगी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पक्ष रखा. इस मामले में हिंदुओं की भावनाएं आहत करने का अखिलेश यादव और ओवैसी पर आरोप लगा है.

वाराणसी के एडीजे नवम की कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय की तरफ से अखिलेश यादव, असदुद्दीन ओवैसी समेत मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामियां मस्जिद कमेटी और लगभग 2000 अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है. हरिशंकर पांडेय का कहना है कि शिवलिंग को बार-बार फव्वारा कहकर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम ये दोनों नेता कर रहे हैं. इसके अलावा आस्था पर चोट पहुंचाते हुए वर्ग विशेष के लोगों ने उस स्थान पर गंदगी फैलाई और इतने दिनों तक उसे साफ-सुथरा भी नहीं रखा. इसलिए सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना आवश्यक है.

ओवैसी की तरफ से एहतेशाम आब्दी और शाहनवाज परवेज ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा, जबकि अखिलेश यादव की तरफ से अनुज यादव ने बहस की है. एडवोकेट हरिशंकर पांडेय ने वजूखाने में मिले शिवलिंग जैसी संरचना को लेकर अखिलेश यादव और ओवैसी पर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया है.अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय का कहना है कि न्यायालय इस मामले में कार्रवाई पूरी कर चुका है. दोनों पक्षों की बहस हो चुकी है, लेकिन मेरे अस्वस्थ होने की वजह से बहस पूरी नहीं कर पाया था. जिस पर कल मैंने कोर्ट को एप्लीकेशन देकर उनसे अपील की थी कि उन्हें बहस करने की अनुमति दी जाए. जिस पर कोर्ट ने एक दिन का वक्त दिया.

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