Electricity Defaulters List Public: बिजली विभाग को बिजली बिल जमा न करने वाले बकायेदारों से बिल वसूलने में पसीने आ रहे हैं, क्योंकि कई बड़े बकाएदारों का बिल लाखों के अंकों में पहुंच चुका है. ऐसे में इतना बड़ा अमाउंट कोई जमा करने को तैयार नहीं है और इसका नुकसान बिजली कंपनी को झेलना पड़ रहा है. इसके लिए कभी बंदूक लाइसेंस निरस्त करने की धमकी तो कभी बिजली काटने की मुहिम चलाई गई. लेकिन अब भी कई लोगों के बिल जमा नहीं हुए हैं. ऐसे में अब प्रदेश के कई हिस्सों में मध्य प्रदेश विद्युत वितरण कम्पनी लिमिटेड ने 3 साल पहले चम्बल में किया गया प्रयोग दोबारा से लागू कर दिया है. ग्वालियर, भिंड, मुरैना, बैतूल और जबलपुर जैसे कई क्षेत्रों में बिजली बकाएदारों की सूची बनाकर सार्वजनिक स्थानों पर लगा दी गई है.
भिंड में 1 हजार करोड़ से अधिक बिल बकाया
चंबल के भिंड जिले में इस समय लगभग 2 लाख 38 हजार बिजली उपभोक्ता हैं, जिनका बिल प्रति महीने 50-60 करोड़ रुपये तक बनता है. लेकिन इनमें केवल 45 हजार उपभोक्ता ही अपना बिल नियमित रूप से जमा कर रहे हैं. जिसके चलते बिजली कंपनी को हर महीने 40-50 करोड़ रुपये का घाटा हो रहा है. बाकि के राशि रिकवरी की जाने वाली राशि में घिरती जा रही है. वर्तमान में भिंड जिले के शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में मिलाकर करीब 1 हजार करोड़ रुपये की बकाया राशि वसूलना है.
ग्वालियर में 35 हजार से ज्यादा डिफॉल्टर
भिंड जिले की तरह ही ग्वालियर में भी बिजली विभाग, विद्युत व्यवस्था 22 जोन में उपलब्ध करा रहा है. लेकिन इन क्षेत्रों के करीब 35 हजार से अधिक ऐसे उपभोक्ता हैं, जो अपना बिल बिलकुल नहीं भरते हैं. इन पर लाखों का बिजली बिल बकाया है. ऐसे में ग्वालियर जिले में लगभग 530 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बिजली विभाग को अब भी रिकवर करनी है.
मुरैना में बड़े बकायेदारों पर लाखों की रिकवरी पेंडिंग
मुरैना के शहरी क्षेत्र में भी करीब 50 हजार से अधिक रजिस्टर्ड बिजली उपभोक्ता है. इनमें लगभग 4 हजार से अधिक उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन पर लाखों रुपये का बिल पेंडिंग है. इन बकायेदारों में कुछ तो ऐसे हैं, जिनसे 10-20 लाख रुपया की राशि रिकवरी की जानी है. चंबल के अलावा यही हाल बैतूल, जबलपुर और प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी है.
रिकवरी के लिए परेशान बिजली कंपनी
बिजली उपभोक्ताओं की इस मनमानी को लेकर अब एक बार फिर बिजली विभाग सख्त रुख अपना रही है. बिजली कंपनी ने फैसला किया है कि जिन लोगों के लाखों का बिल बाकी हैं, उनके लिस्ट तैयार कर अलग-अलग जोन पर सार्वजनिक किये जाए. इसी कड़ी में भिंड, ग्वालियर, बैतूल मैं तो सार्वजनिक स्थानों पर बिजली कंपनी ने बकायेदारों की सूची बनाकर लगा दी है. वहीं, भोपाल में भी लाखों के बकायेदारों के नाम चस्पा किए जाने की खबर है.
सार्वजनिक स्थानों पर लटकाई सूचियां
ग्वालियर चंबल में बिजली कंपनी की तैयार की गई बकायेदारों की सूचियां संबंधित जोनल ऑफिस, बिजलीघर और सार्वजनिक स्थानों पर लगायी जा रही है. बिजली विभाग को उम्मीद है कि इस तरह सार्वजनिक तौर पर जब बकायेदारों के नाम दिखाई देंगे तो वे शर्म और लज्जा से अपना बिल भुगतान कर सकते हैं.
मनमाना बिल वसूलती है बिजली कंपनी
भिंड जिले के ग्रामीण क्षेत्र के एक बिजली बकायादार ने पहचान उजागर न करने की शर्त पर कहा कि ''बिजली विभाग वाले लोग मनमाना बिल थमा देते हैं. औसत रीडिंग के साथ हजारों का बिल पहुंचाते हैं. जब उसे सुधार कराने जाओ तो कोई भी सुनवाई नहीं होती है.'' उन्होंने बताया कि ''हमारा जो बिल 12-15 सौ रुपये का आना चाहिए वहां कई हजारों में बिल आता है. उसके बाद पुराना बिल जोड़-जोड़कर बिल लाखों में पहुंचा दिया है.'' उन्होंने कहा कि ''बिजली बिल में छूट देकर बिल माफ करना चाहिए. पहले भी समय समय पर बकायेदारों के बिल कुछ हद तक माफ होते थे.''
'हर जोन में लगायी जायेगी ऐसी लिस्ट'
बिजली विभाग के एसई पीसी जैन ने कहा कि, "बिजली उपभोक्ताओं पर जिनका बिल 1 लाख से अधिक का है, उनके नाम सार्वजनिक सूचियों में किए गए हैं. यह कदम लगातार बढ़ रही बकाया राशि पर नियंत्रण पाने और बकायेदारों से बिल जमा कराने के लिए उठाया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में अब तक बकाएदारों की सूचियां नहीं लगी है जल्द ही डिवीजन स्तर पर उन सभी इलाकों में भी इसी तरह सूचियां सार्वजनिक की जाएंगी. हर सूची में लगभग 10-20 नाम शामिल होंगे जिन पर सर्वाधिक राशि बकाया होगी". वहीं, मनमाने बिलों के आरोप पर उन्होंने कहा कि "जिन लोगों को ऐसा लगता है कि उन्हें गलत बिल दिया जा रहा है, वे आवेदन देकर बता सकते हैं. यदि उसमें कुछ गलत पाया जाता है तो उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी."