गुरुग्राम: पुलिस ने साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इसमें हैरान कर देने वाली बात ये है कि पकड़े गए चार आरोपियों में से तीन बैंक मैनेजर हैं, जो साइबर ठगों के लिए काम करते थे. ये बैंक मैनेजर ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे. पुलिस ने तकनीकी मदद से इन्हें पकड़ने में सफलता हासिल की है.
गुरुग्राम पुलिस के एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान ने बताया कि 18 नवंबर 2023 को मानेसर साइबर थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत देकर बताया था कि उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके सूचना दी थी कि उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल का प्रारंभिक बिल भरने के लिए 10 हजार रुपए की जरूरत है.
ऐसे में व्यक्ति ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए फोन करने वाले को 10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. उसने अस्पताल का नाम और एड्रेस पूछ लिया और वो मौके पर पहुंच गए. यहां पहुंचने पर उसे अपने साथ हुई ठगी का पता लगा. इस बारे में उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया. मामले में तकनीकी जांच करते हुए पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मेवात का रहने वाला हयात, गुड़गांव का रहने वाला मोहित राठी, बिलासपुर निवासी महेश कुमार और मऊ उत्तर प्रदेश का रहने वाला विश्वकर्मा मौर्या शामिल हैं. पुलिस जांच के दौरान सामने आया कि मोहित राठी, कोटेक महिंद्रा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं. जबकि महेश कुमार और विश्वकर्मा मौर्या डिप्टी मैनेजर हैं. जबकि आरोपी हयात मेवात का साइबर ठग है. हयात ने महेश कुमार से संपर्क किया और उसे अपने साथ मिला लिया.
महेश अपने साथ मोहित और विश्वकर्मा मौर्या को मिलाकर साइबर ठगी के लिए ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था. दोनों सात महीने से कोटेक महिंद्रा बैंक में कार्यरत थे. इन लोगों ने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 2 हजार बैंक खाते खोले हैं, जिनमें से प्रारंभिक तौर पर 18 बैंक खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड में शामिल पाया गया. पुलिस ने बताया कि बैंक मैनेजर ठगी के लिए खाता साइबर ठग हयात को उपलब्ध कराने के लिए 15 से 20 हजार रुपए वसूलते थे.
मामले में फिलहाल पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस सभी बैंक मैनेजर के कार्यकाल में खोले गए करीब 2 हजार बैंक खातों की जांच कर रही है. इसके अलावा पूछताछ में ये भी पता लगाया जा रहा है कि इन आरोपियों ने कितने लोगों से साइबर ठगी की है और उनसे कितने रुपए अब तक ऐंठे हैं. पुलिस ये भी पता लगा रही है कि इस गैंग में और कौन-कौन शामिल हैं.
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