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दाहोद रेप-मर्डर केस: गुजरात पुलिस ने 12 दिन में 1700 पेज की चार्जशीट दायर की - Dahod Rape Murder Case

गुजरात के दाहोद में छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में पुलिस ने अदालत में 1,700 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया है. पुलिस ने आरोपी स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ ठोस मामला बनाने के लिए 150 गवाहों के बयान लिए हैं.

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दाहोद के डीएसपी राजदीपसिंह झाला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 3, 2024, 6:34 PM IST

दाहोद: गुजरात पुलिस ने दाहोद में छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ गुरुवार को अदालत में 1,700 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया. पुलिस ने घटना के बाद 12 दिनों के भीतर आरोप पत्र किया गया. इसमें 150 गवाहों के बयान के साथ उन्नत फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं.

बीते 23 सितंबर को दाहोद जिले में कक्षा 1 की छह वर्षीय छात्रा की कथित तौर पर स्कूल के प्रिंसिपल ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी. आरोप है कि प्रिंसिपल ने बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने के प्रयास किया. हत्या करने के बाद उसने बच्ची के शव को स्कूल के परिसर में फेंक दिया था. बच्ची के बैग और जूते कक्षा के पास मिले थे.

घटना के बाद पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल 55 वर्षीय गोविंद नट को गिरफ्तार कर लिया था. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ठोस मामला बनाने के लिए डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक डीएनए विश्लेषण और फोरेंसिक जैविक विश्लेषण सहित अत्याधुनिक फोरेंसिक तकनीकों का इस्तेमाल किया.

अधिकारियों ने बताया, "फोरेंसिक साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही के आधार पर तैयार किए गए आरोप पत्र का उद्देश्य अभियुक्त को कठोरतम सजा सुनिश्चित करना और मामले को न्याय के करीब लाना है."

दाहोद के डीएसपी राजदीपसिंह झाला ने कहा कि दाहोद जिले के रंधिकपुर तालुका के एक गांव में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई थी. अपराध का पता चलने पर अगले ही दिन आरोपी गोविंद नट को गिरफ्तार कर लिया गया. दाहोद पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया. इसमें 4 डीएसपी समेत 10 पुलिस अधिकारी शामिल थे. टीम का नेतृत्व डीएसपी लिमखेड़ा व्यास ने किया.

उन्होंने कहा कि इस जांच में करीब 300 पुलिसकर्मी अलग-अलग तरीके से जांच में शामिल थे. 12 दिन के भीतर अदालत में 1,700 पेज की चार्जशीट पेश की गई है. इस चार्जशीट में सभी अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन कर वैज्ञानिक तरीके से एक साथ रखा गया है.

उन्होंने कहा, मुख्य रूप से दो विश्लेषण महत्वपूर्ण हैं. जिसमे फोरेंसिक लैब और मनोविज्ञान फोरेंसिक विश्लेषण भी किया गया है. अपराध स्थल की वीडियोग्राफी, अपराध के दौरान ड्रोन की वीडियोग्राफी, आरोपी का बयान, मौखिक दस्तावेज, विस्तृत फोरेंसिक मनोविज्ञान रिपोर्ट और आपराधिक मनोविज्ञान रिपोर्ट आरोप पत्र में शामिल की गई.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सहमति से विशेष लोक अधिवक्ता अमित नायक की नियुक्ति की गई है.

यह भी पढ़ें- पुणे में दो स्कूली बच्चियों का यौन उत्पीड़न, स्कूल बस ड्राइवर गिरफ्तार

दाहोद: गुजरात पुलिस ने दाहोद में छह वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के आरोप में गिरफ्तार स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ गुरुवार को अदालत में 1,700 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया. पुलिस ने घटना के बाद 12 दिनों के भीतर आरोप पत्र किया गया. इसमें 150 गवाहों के बयान के साथ उन्नत फोरेंसिक साक्ष्य शामिल हैं.

बीते 23 सितंबर को दाहोद जिले में कक्षा 1 की छह वर्षीय छात्रा की कथित तौर पर स्कूल के प्रिंसिपल ने गला घोंटकर हत्या कर दी थी. आरोप है कि प्रिंसिपल ने बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न करने के प्रयास किया. हत्या करने के बाद उसने बच्ची के शव को स्कूल के परिसर में फेंक दिया था. बच्ची के बैग और जूते कक्षा के पास मिले थे.

घटना के बाद पुलिस ने आरोपी प्रिंसिपल 55 वर्षीय गोविंद नट को गिरफ्तार कर लिया था. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के खिलाफ ठोस मामला बनाने के लिए डिजिटल साक्ष्य, फोरेंसिक डीएनए विश्लेषण और फोरेंसिक जैविक विश्लेषण सहित अत्याधुनिक फोरेंसिक तकनीकों का इस्तेमाल किया.

अधिकारियों ने बताया, "फोरेंसिक साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों की गवाही के आधार पर तैयार किए गए आरोप पत्र का उद्देश्य अभियुक्त को कठोरतम सजा सुनिश्चित करना और मामले को न्याय के करीब लाना है."

दाहोद के डीएसपी राजदीपसिंह झाला ने कहा कि दाहोद जिले के रंधिकपुर तालुका के एक गांव में छह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना हुई थी. अपराध का पता चलने पर अगले ही दिन आरोपी गोविंद नट को गिरफ्तार कर लिया गया. दाहोद पुलिस ने मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया. इसमें 4 डीएसपी समेत 10 पुलिस अधिकारी शामिल थे. टीम का नेतृत्व डीएसपी लिमखेड़ा व्यास ने किया.

उन्होंने कहा कि इस जांच में करीब 300 पुलिसकर्मी अलग-अलग तरीके से जांच में शामिल थे. 12 दिन के भीतर अदालत में 1,700 पेज की चार्जशीट पेश की गई है. इस चार्जशीट में सभी अलग-अलग हिस्सों का अध्ययन कर वैज्ञानिक तरीके से एक साथ रखा गया है.

उन्होंने कहा, मुख्य रूप से दो विश्लेषण महत्वपूर्ण हैं. जिसमे फोरेंसिक लैब और मनोविज्ञान फोरेंसिक विश्लेषण भी किया गया है. अपराध स्थल की वीडियोग्राफी, अपराध के दौरान ड्रोन की वीडियोग्राफी, आरोपी का बयान, मौखिक दस्तावेज, विस्तृत फोरेंसिक मनोविज्ञान रिपोर्ट और आपराधिक मनोविज्ञान रिपोर्ट आरोप पत्र में शामिल की गई.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की सहमति से विशेष लोक अधिवक्ता अमित नायक की नियुक्ति की गई है.

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