लखनऊ : प्रदेश सरकार ने आगामी 28 से 31 अक्टूबर तक चार दिन के लिए अयोध्या में भव्य दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारी शुरू कर दी है. वैसे तो 2017 से ही दीपावली पर अयोध्या के सरयू घाट रिकॉर्ड संख्या में दीपों से जगमग किए जाते रहे हैं, लेकिन इस बार होने वाले 8वें दीपोत्सव कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा खुद मुख्यमंत्री कर रहे हैं. गौरतलब है कि इस बार रामलला के विग्रह की स्थापना के बाद यह पहला दीपोत्सव होगा. इस दीपोत्सव पर राम की पैड़ी और नया घाट सहित अयोध्या के विभिन्न घाटों को 25 लाख से ज्यादा दीपकों से सजाया जाएगा. यह उत्सव पूरे चार दिन तक चलेगा. इस मौके पर अयोध्या नगरी को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि इस उत्सव में बड़ी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु भी पहुंचेंगे.
100 से ज्यादा कलाकार देंगे प्रस्तुति : सरकार के प्रवक्ता ने जानकारी दी है कि 28 से 31 अक्टूबर तक अयोध्या में प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. मुख्य कार्यक्रम की समय अवधि 45 मिनट रहेगी. इस दौरान कुल मिलाकर 100 से ज्यादा कलाकार राम की पैड़ी व अन्य कार्यक्रम स्थलों पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इनमें प्रभु श्रीराम के जीवन चरित्र से जुड़े विभिन्न प्रसंगों का मंचन प्रमुखता से किया जाएगा. मुख्य कार्यक्रम में भव्य लेजर शो, मल्टीमीडिया प्रोजक्शंस और आर्टिस्टिकली कोरियोग्राफ्ड फायरक्रैकर शो भी किया जाएगा, जो कि पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाएंगे. साथ भी अयोध्या के आकाश को विभिन्न प्रकार की रोशनी से सराबोर कर देंगे. कोरियोग्राफ्ड ग्रीन एरियल फायरक्रैकर शो को 10 मिनट से ज्यादा अवधि के लिए संचालित किया जाएगा.
बनाए जाएंगे स्वागत द्वार : दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान अयोध्या को इंटेलिजेंट डायनेमिक कलर चेंजिंग एलईडी डेकोरेटिव पैनल्स व मल्टीमीडिया प्रोजक्शंस समेत विभिन्न प्रकार की आधुनिक लाइटिंग से युक्त किया जाएगा. कार्यक्रम स्थल के अतिरिक्त अयोध्या के विभिन्न स्थानों को भी इन लाइटों से सजाया जाएगा. नया घाट समेत राम की पैड़ी पर स्वागत द्वार बनाए जाएंगे. अयोध्या शहर के भक्ति पथ समेत विभिन्न मुख्य पथों को आकर्षक रोशनी व पुष्प सज्जा भी की जाएगी. अयोध्या से गोंडा की ओर जाने वाले मार्ग पर गोंडा ब्रिज व अयोध्या से बस्ती जाने वाले मार्ग पर बस्ती ब्रिज को आकर्षक रोशनी सज्जा से युक्त किया जाएगा. पूरा अयोध्या धाम ही विभिन्न प्रकार की लाइटिंग से जगमगा उठेगा और सभी प्रमुख मंदिरों का विशेष रूप से आर्टिस्टिक डेकोरेशन होगा, जिसमें रोशनी सज्जा प्रमुख रहेगी.
भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन : दीपोत्सव कार्यक्रम में भव्य शोभायात्रा का भी आयोजन होगा, जिसमें राम रथ समेत सात बड़े मैकेनाइज्ड टैब्ल्यू को भी शोकेस किया जाएगा. यह सभी टैब्ल्यू प्रभु श्रीराम के विभिन्न प्रसंगों से संबंधित होंगे और इनके निर्माण में ऑरोरो (बोलिविया), बासेल (स्विट्जरलैंड), साल्वाडोर (ब्राजील), बैरेंक्विला (कोलम्बिया), डसेलडॉर्फ़ (जर्मनी) ग्रेनाडाइन्स से इंस्पायर्ड होंगे. माना जा रहा है कि दीपोत्सव कार्यक्रम के दौरान ही अयोध्या समेत आस-पास के सभी प्रमुख क्षेत्रों के वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म के जरिए दर्शन कराने की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी. जिन तीर्थ स्थलों को वर्चुअल रिएलिटी के जरिए जोड़े जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, इसमें श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, हनुमान गढ़ी मंदिर, नागेश्वर नाथ मंदिर, राम की पैड़ी, छोटी देवकाली मंदिर, बड़ी देवकाली मंदिर, कनक भवन मंदिर व दशरथ महल मंदिर मुख्य हैं.
इसके अतिरिक्त रंग महल मंदिर, सूर्य कुंड, भरत कुंड, गुप्तार घाट, राम हेरिटेज वॉक (साकेत पेट्रोल पंप से लता मंगेशकर चौक तक), राम गुलेला मंदिर, श्रृंगी ऋषि का आश्रम, मखोड़ा धाम, सिया राम किला, जैन मंदिर, छपिया नारायण मंदिर तथा अमावा मंदिर को भी वर्चुअल रियलिटी प्रक्रिया से जोड़े जाने पर कार्य शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग व अयोध्या विकास प्राधिकरण इन सभी कार्यों को पूरा करने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं और एजेंसी आवंटन व कार्य निर्धारण समेत विभिन्न प्रकार की प्रक्रियाओं पर कार्य जारी है. अयोध्या के 500 से ज्यादा प्रमुख स्थलों को आकर्षक साइनेज बोर्ड्स से सजाया जाएगा. इसके अतिरिक्त 20 आर्टिस्टिक इंस्टॉलेशन की भी अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में दीपोत्सव कार्यक्रम के दृष्टिगत स्थापना की जाएगी.
22 सितंबर को अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती अयोध्या में करेंगे रामकोट की परिक्रमा : 22 सितंबर को अयोध्या से जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में गौ ध्वज प्रतिष्ठा भारत यात्रा शुरू होगी. शंकराचार्य के प्रतिनिधि और यात्रा के संयोजक ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि शंकराचार्य के निर्देशन और 'गौ प्रतिष्ठान आंदोलन' के तहत यह यात्रा 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक संपूर्ण भारत के विभिन्न प्रदेशों की राजधानियों तक जाएगी. अयोध्या में यात्रा शुरू करने से पहले रामकोट की परिक्रमा करेंगे. इसके बाद अयोध्या में ही शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद एक सभा को भी संबोधित करेंगे. बताया कि इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलवाना है.