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गोंडा रेल हादसा; लापरवाही के कारण डिरेल हुई थी चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस, खराब ट्रैक पर 80 किमी से भाग रही थी ट्रेन - Gonda Train Accident - GONDA TRAIN ACCIDENT

इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट मशीन से जांच के दौरान ट्रैक में डिफेक्ट निकला, जिसके बावजूद रेलवे कर्मचारियों द्वारा ट्रैक पर कर्मचारी नहीं तैनात किए गए. की-मैन ने उचाधिकारियों को जानकारी दी थी जिसका ऑडियो वायरल है. उसमें उसने बताया था कि साहब ट्रैक बहुत खराब है, इस पर कॉशन लगवा दीजिए. उसके बावजूद कॉशन उस दिन दो बजे जारी हुआ जो चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर तक नहीं पहुंच सका. इसके चलते बड़ा हादसा हो गया.

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गोंडा रेल हादसा, चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस हुई थी डिरेल. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 21, 2024, 1:17 PM IST

Updated : Jul 21, 2024, 9:43 PM IST

गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन 18 जुलाई को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. रेल हादसे में 4 यात्रियों की मौत और 31 घायल हुए थे. रेल हादसे की जांच करने के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम घटनास्थल पहुंची थी.

इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट मशीन से जांच के दौरान ट्रैक में डिफेक्ट निकला, जिसके बावजूद रेलवे कर्मचारियों द्वारा ट्रैक पर कर्मचारी नहीं तैनात किए गए. की-मैन ने उचाधिकारियों को जानकारी दी थी जिसका ऑडियो वायरल है. उसमें उसने बताया था कि साहब ट्रैक बहुत खराब है, इस पर कॉशन लगवा दीजिए. उसके बावजूद कॉशन उस दिन दो बजे जारी हुआ जो चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर तक नहीं पहुंच सका. इसके चलते बड़ा हादसा हो गया.

रेलवे संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा, लखनऊ मंडल के अपर मंडल प्रबंधक राजीव कुमार, शाखा अधिकारियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थानीय लोगों, अधिकारियों सहित कर्मचारियों के बयान दर्ज किए.

प्रारंभिक जांच के बाद हादसे का कारण लापरवाही माना जा रहा है. रेलवे की पांच सदस्यीय टीम ने जांच में रेलवे ट्रैक की मरम्मत में लापरवाही और पटरी का ठीक से ना कसा होना पाया है. इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट मशीन से जांच के दौरान ट्रैक में डिफेक्ट निकला है. लेकिन, ट्रैक कर्मचारी नहीं तैनात किए गए.

अधिकारियों द्वारा प्रोटेक्शन हादसे से पहले 2:30 बजे जारी किया गया था. 30 किमी स्पीड से गाड़ी चलने का कॉशन लोको पायलट तक नहीं पहुंचा था. प्रारंभिक जांच में गोंडा रेलवे के 6 अधिकारियों, कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. जांच में लापरवाही उजागर होने के बाद संबंधित कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है.

गोंडा रेल हादसे की जांच पहुंची लखनऊ, 50 के बयान दर्ज : गोंडा रेल हादसे की जांच रेलवे ने जांच शुरू कर दी है. लखनऊ के अशोक मार्ग स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम ऑफिस में रेलवे संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने बैठक ली. बैठक में करीब 50 अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाया गया. एक-एक सभी ने अपना बयान दर्ज कराया. इस मामले पर अधिकारी और कर्मचारी अपनी -अपनी रिपोर्ट लेकर पहुंचे हैं. गोंडा रेल दुर्घटना पर इन बयानों और ग्राउंड रिपोर्ट की स्थिति की जांच करने के बाद संरक्षा आयुक्त आखिरी रिपोर्ट लगाएंगे. इसके बाद रेल दुर्घटना मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर जवाबदेही तय की जाएगी. संरक्षा आयुक्त ने शनिवार को दुर्घटना स्थल का भी निरीक्षण किया था.

बैठक में लोको पायलट त्रिभुवन नारायण, सहायक लोको पायलट राज, ट्रेन मैनेजर विश्वजीत सरकार और की मैन से भी रिपोर्ट भी ली गई. इसके साथ रनिंग स्टॉफ, ट्रैक मेंटेनर और ट्रैक मशीन का काम देख रहे अधिकारी और कर्मचारी से भी बयान लिए गए. इस दौरान छह अधिकारियों ट्रैफिक इंस्पेक्टर गोंडा जेसी श्रीवास्तव, चीफ लोको इंस्पेक्टर दिलीप कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर गोंडा वेद प्रकाश मीना, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मनकापुर पीके सिंह, जेई शिवम पांडेय, सोमराज आईपीएफ की संयुक्त रिपोर्ट पर चर्चा कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः गोंडा ट्रेन हादसा: लोगों को बदहवास देखकर ड्राइवर ने फूट फूट कर रोते हुए लगाई मदद की गुहार, ऑडियो आया सामने

ये भी पढ़ेंः यूपी में बड़ा रेल हादसा: चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के 19 डिब्बे पटरी से उतरे, 2 कोच पलटे, 4 यात्रियों की मौत और 31 घायल

गोंडा: यूपी के गोंडा जिले में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन 18 जुलाई को दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. रेल हादसे में 4 यात्रियों की मौत और 31 घायल हुए थे. रेल हादसे की जांच करने के लिए रेलवे संरक्षा आयुक्त की अगुवाई में पांच सदस्यीय टीम घटनास्थल पहुंची थी.

इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट मशीन से जांच के दौरान ट्रैक में डिफेक्ट निकला, जिसके बावजूद रेलवे कर्मचारियों द्वारा ट्रैक पर कर्मचारी नहीं तैनात किए गए. की-मैन ने उचाधिकारियों को जानकारी दी थी जिसका ऑडियो वायरल है. उसमें उसने बताया था कि साहब ट्रैक बहुत खराब है, इस पर कॉशन लगवा दीजिए. उसके बावजूद कॉशन उस दिन दो बजे जारी हुआ जो चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन के ड्राइवर तक नहीं पहुंच सका. इसके चलते बड़ा हादसा हो गया.

रेलवे संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य संरक्षा अधिकारी मुकेश मेहरोत्रा, लखनऊ मंडल के अपर मंडल प्रबंधक राजीव कुमार, शाखा अधिकारियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण कर स्थानीय लोगों, अधिकारियों सहित कर्मचारियों के बयान दर्ज किए.

प्रारंभिक जांच के बाद हादसे का कारण लापरवाही माना जा रहा है. रेलवे की पांच सदस्यीय टीम ने जांच में रेलवे ट्रैक की मरम्मत में लापरवाही और पटरी का ठीक से ना कसा होना पाया है. इमीडिएट रिमूवल डिफेक्ट मशीन से जांच के दौरान ट्रैक में डिफेक्ट निकला है. लेकिन, ट्रैक कर्मचारी नहीं तैनात किए गए.

अधिकारियों द्वारा प्रोटेक्शन हादसे से पहले 2:30 बजे जारी किया गया था. 30 किमी स्पीड से गाड़ी चलने का कॉशन लोको पायलट तक नहीं पहुंचा था. प्रारंभिक जांच में गोंडा रेलवे के 6 अधिकारियों, कर्मचारियों के बयान दर्ज किए गए. जांच में लापरवाही उजागर होने के बाद संबंधित कर्मचारियों पर गाज गिरना तय है.

गोंडा रेल हादसे की जांच पहुंची लखनऊ, 50 के बयान दर्ज : गोंडा रेल हादसे की जांच रेलवे ने जांच शुरू कर दी है. लखनऊ के अशोक मार्ग स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के डीआरएम ऑफिस में रेलवे संरक्षा आयुक्त प्रणजीव सक्सेना ने बैठक ली. बैठक में करीब 50 अधिकारियों और कर्मचारियों को बुलाया गया. एक-एक सभी ने अपना बयान दर्ज कराया. इस मामले पर अधिकारी और कर्मचारी अपनी -अपनी रिपोर्ट लेकर पहुंचे हैं. गोंडा रेल दुर्घटना पर इन बयानों और ग्राउंड रिपोर्ट की स्थिति की जांच करने के बाद संरक्षा आयुक्त आखिरी रिपोर्ट लगाएंगे. इसके बाद रेल दुर्घटना मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर जवाबदेही तय की जाएगी. संरक्षा आयुक्त ने शनिवार को दुर्घटना स्थल का भी निरीक्षण किया था.

बैठक में लोको पायलट त्रिभुवन नारायण, सहायक लोको पायलट राज, ट्रेन मैनेजर विश्वजीत सरकार और की मैन से भी रिपोर्ट भी ली गई. इसके साथ रनिंग स्टॉफ, ट्रैक मेंटेनर और ट्रैक मशीन का काम देख रहे अधिकारी और कर्मचारी से भी बयान लिए गए. इस दौरान छह अधिकारियों ट्रैफिक इंस्पेक्टर गोंडा जेसी श्रीवास्तव, चीफ लोको इंस्पेक्टर दिलीप कुमार, सीनियर सेक्शन इंजीनियर गोंडा वेद प्रकाश मीना, सीनियर सेक्शन इंजीनियर मनकापुर पीके सिंह, जेई शिवम पांडेय, सोमराज आईपीएफ की संयुक्त रिपोर्ट पर चर्चा कर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है.

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Last Updated : Jul 21, 2024, 9:43 PM IST
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