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पल पल मौत की ओर बढ़ रही नन्हीं बच्ची, स्वास्थ्य मंत्री जी से अब मदद की आस - serious illness of girl

Girl from Baiga family suffering from serious illness छत्तीसगढ़ में इस बार आदिवासी मुख्यमंत्री को सिंहासन पर बिठाया गया.उम्मीद है कि प्रदेश में आदिवासियों की दिशा और दशा दोनों सुधरेगी.लेकिन आज भी कई परिवार ऐसे हैं जो अपने हालात के आगे मजबूर है.ऐसे परिवारों के पास यदि कुछ है तो वो है उम्मीद,जिसके सहारे ये जिंदा है.आज हम एक ऐसे ही परिवार के बारे में आपको बताने जा रहे हैं,जिनका एक-एक पल संघर्ष से कम नहीं है.Manendragarh serious illness of girl

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 31, 2024, 4:48 PM IST

Updated : May 31, 2024, 4:55 PM IST

serious illness of girl
पल पल मौत की ओर बढ़ रही नन्हीं बच्ची (ETV Bharat Chhattisgarh)
पल पल मौत की ओर बढ़ रही नन्हीं बच्ची (ETV Bharat)
suffering from serious illness
इलाज के लिए भटक रहा बैगा परिवार (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के जनकपुर में एक बैगा परिवार रहता है.पहले से ही पिछड़ापन का दंश झेल रहा ये परिवार इन दिनों नई मुसीबत का सामना कर रहा है. बैगा परिवार के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया.जिसे जन्म से ही बीमारी थी.जैसे-जैसे बच्ची बड़ी हुई,बीमारी भी साथ बढ़ी.पहले तो इसे सामान्य मानकर परिवार ने पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची का इलाज कराया,लेकिन अब हालात बद से बदतर हो चुके हैं.जब इस बच्ची की जानकारी ईटीवी भारत को लगी तो हमारी टीम बैगा परिवार के पास पहुंची.

गरीबी के आगे परिवार लाचार : जनकपुर के गांव में जन्मी इस बच्ची को सामने देखकर आप इसके हालात पर एक बार जरुर सोचेंगे.नन्ही सी बच्ची को जिंदा रखने के लिए उचित इलाज की जरुरत है.लेकिन इलाज हो कैसे ये एक बड़ा सवाल है.क्योंकि परिवार के पास इतना पैसा नहीं है कि किसी बड़े अस्पताल में ले जाकर बच्ची को भर्ती करा सके.हमारी टीम को जब परिवार ने देखा तो ऐसा कोई ना था जिसकी आंखों में उम्मीद आंसू बनकर ना निकला हो.परिवार के पास जो कुछ भी था उसे गिरवी रखकर पैसे इकट्ठा किए और बच्ची का जहां तक हो सका वहां तक इलाज कराया.लेकिन अब तो पैसे भी खत्म हो चुके हैं,परिवार के पास यदि कुछ बचा है तो सिर्फ उम्मीद.

बच्ची झेल रही शारीरिक कष्ट : बच्ची जब पैदा हुई तभी से उसके दिमाग के नस में सूजन थी.ये सूजन वक्त के साथ बढ़ने लगी.आज बच्ची के माथे का एक हिस्सा पूरी तरह से सूज चुका है.इस वजह से बच्ची को दूध पिलाने से लेकर अन्न का पानी पिलाने तक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.बच्ची के मां ने बताया कि उन्होंने जनकपुर हॉस्पिटल से लेकर रायपुर एम्स हॉस्पिटल तक बच्ची का इलाज कराया.लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची के कमजोर होने का हवाला देकर वापस गांव भेज दिया.बच्ची का परिवार इतना गरीब है कि उन्हें खुद के खाने के लिए पैसे नहीं होते,ऐसे में बच्ची के लिए इलाज और फिर अच्छा खाना कहां से लाएं.

''आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया. गांव के सरपंच से भी मदद मांगी तो उनका भी कहना था कि वो अपने जनप्रतिनिधि से बात करके बताएंगे लेकिन ये बात हो ना सकी.''- गणेशिया,बच्ची की मां

सारा कुछ लगा है दांव पर :बीमार बच्ची के पिता सुखराम ने बताया कि उन्होंने बीमारी के इलाज के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है.नेताओं के दरवाजे तक जाकर चप्पलें घिस चुकी है.लेकिन किसी ने मदद नहीं की.अब तो समझ में नहीं आ रहा कहां जाऊं.वहीं गांव के सरपंच का कहना है कि मेरे पास बैगा परिवार अपनी बच्ची की समस्या लेकर आया था. उसके जन्म से ही सिर में सूजन है.

''बच्ची के इलाज के लिए कोई जनप्रतिनिधि अब तक सामने नहीं आया है. जैसे तैसे ये बच्ची के इलाज के लिए भटक रहे है. लेकिन आज इसका इलाज नहीं हो पाया है.''- सरपंच


वहीं डॉक्टर का कहना है कि बच्ची की बीमारी जन्मजात है.इलाज के लिए परिवार को रायपुर भेजा गया था.लेकिन वहां कुछ इश्यू सामने आए.

''रायपुर में बच्ची का वजन कम होना पाया गया. इस वजह से बच्ची को एनेस्थीसिया देना उचित नहीं था. इसलिए बच्ची का वजन बढ़ाने मां-बाप को बोला गया.जब वजन बढ़ेगा तब ही इलाज हो पाएगा.'' डॉक्टर राजीव कुमार रमन, बीएमओ जनकपुर

इस तरह के मामलों में एक गरीब परिवार कहां जाए.क्या किसी गरीब को इलाज का अधिकार नहीं है.क्या कोई ऐसा नहीं है जो इस बच्ची की मदद के लिए आगे आए.सिर्फ थोड़ी सी मदद से ही बच्ची को सही इलाज मिल सकता है.ईटीवी भारत जनप्रतिनिधियों समेत समाज के प्रतिष्ठित लोगों से ये अपील करता है कि यदि आपने सामर्थ्य है तो इस बच्ची के परिवार की इतनी मदद कर दीजिए जिससे बच्ची का इलाज हो पाए.साथ ही साथ प्रदेश से मुख्यमंत्री से भी अपील है कि पूरे प्रदेश में अलग तरह की बीमारियों के कारण तकलीफ झेल रहे परिवारों के लिए कोई व्यवस्था बनाएं ताकि उन्हें मदद के लिए दर-दर भटकना ना पड़े.

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पल पल मौत की ओर बढ़ रही नन्हीं बच्ची (ETV Bharat)
suffering from serious illness
इलाज के लिए भटक रहा बैगा परिवार (ETV Bharat Chhattisgarh)

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : एमसीबी जिले के जनकपुर में एक बैगा परिवार रहता है.पहले से ही पिछड़ापन का दंश झेल रहा ये परिवार इन दिनों नई मुसीबत का सामना कर रहा है. बैगा परिवार के घर में एक बच्ची ने जन्म लिया.जिसे जन्म से ही बीमारी थी.जैसे-जैसे बच्ची बड़ी हुई,बीमारी भी साथ बढ़ी.पहले तो इसे सामान्य मानकर परिवार ने पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बच्ची का इलाज कराया,लेकिन अब हालात बद से बदतर हो चुके हैं.जब इस बच्ची की जानकारी ईटीवी भारत को लगी तो हमारी टीम बैगा परिवार के पास पहुंची.

गरीबी के आगे परिवार लाचार : जनकपुर के गांव में जन्मी इस बच्ची को सामने देखकर आप इसके हालात पर एक बार जरुर सोचेंगे.नन्ही सी बच्ची को जिंदा रखने के लिए उचित इलाज की जरुरत है.लेकिन इलाज हो कैसे ये एक बड़ा सवाल है.क्योंकि परिवार के पास इतना पैसा नहीं है कि किसी बड़े अस्पताल में ले जाकर बच्ची को भर्ती करा सके.हमारी टीम को जब परिवार ने देखा तो ऐसा कोई ना था जिसकी आंखों में उम्मीद आंसू बनकर ना निकला हो.परिवार के पास जो कुछ भी था उसे गिरवी रखकर पैसे इकट्ठा किए और बच्ची का जहां तक हो सका वहां तक इलाज कराया.लेकिन अब तो पैसे भी खत्म हो चुके हैं,परिवार के पास यदि कुछ बचा है तो सिर्फ उम्मीद.

बच्ची झेल रही शारीरिक कष्ट : बच्ची जब पैदा हुई तभी से उसके दिमाग के नस में सूजन थी.ये सूजन वक्त के साथ बढ़ने लगी.आज बच्ची के माथे का एक हिस्सा पूरी तरह से सूज चुका है.इस वजह से बच्ची को दूध पिलाने से लेकर अन्न का पानी पिलाने तक बड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है.बच्ची के मां ने बताया कि उन्होंने जनकपुर हॉस्पिटल से लेकर रायपुर एम्स हॉस्पिटल तक बच्ची का इलाज कराया.लेकिन डॉक्टरों ने बच्ची के कमजोर होने का हवाला देकर वापस गांव भेज दिया.बच्ची का परिवार इतना गरीब है कि उन्हें खुद के खाने के लिए पैसे नहीं होते,ऐसे में बच्ची के लिए इलाज और फिर अच्छा खाना कहां से लाएं.

''आज तक कोई भी जनप्रतिनिधि सामने नहीं आया. गांव के सरपंच से भी मदद मांगी तो उनका भी कहना था कि वो अपने जनप्रतिनिधि से बात करके बताएंगे लेकिन ये बात हो ना सकी.''- गणेशिया,बच्ची की मां

सारा कुछ लगा है दांव पर :बीमार बच्ची के पिता सुखराम ने बताया कि उन्होंने बीमारी के इलाज के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है.नेताओं के दरवाजे तक जाकर चप्पलें घिस चुकी है.लेकिन किसी ने मदद नहीं की.अब तो समझ में नहीं आ रहा कहां जाऊं.वहीं गांव के सरपंच का कहना है कि मेरे पास बैगा परिवार अपनी बच्ची की समस्या लेकर आया था. उसके जन्म से ही सिर में सूजन है.

''बच्ची के इलाज के लिए कोई जनप्रतिनिधि अब तक सामने नहीं आया है. जैसे तैसे ये बच्ची के इलाज के लिए भटक रहे है. लेकिन आज इसका इलाज नहीं हो पाया है.''- सरपंच


वहीं डॉक्टर का कहना है कि बच्ची की बीमारी जन्मजात है.इलाज के लिए परिवार को रायपुर भेजा गया था.लेकिन वहां कुछ इश्यू सामने आए.

''रायपुर में बच्ची का वजन कम होना पाया गया. इस वजह से बच्ची को एनेस्थीसिया देना उचित नहीं था. इसलिए बच्ची का वजन बढ़ाने मां-बाप को बोला गया.जब वजन बढ़ेगा तब ही इलाज हो पाएगा.'' डॉक्टर राजीव कुमार रमन, बीएमओ जनकपुर

इस तरह के मामलों में एक गरीब परिवार कहां जाए.क्या किसी गरीब को इलाज का अधिकार नहीं है.क्या कोई ऐसा नहीं है जो इस बच्ची की मदद के लिए आगे आए.सिर्फ थोड़ी सी मदद से ही बच्ची को सही इलाज मिल सकता है.ईटीवी भारत जनप्रतिनिधियों समेत समाज के प्रतिष्ठित लोगों से ये अपील करता है कि यदि आपने सामर्थ्य है तो इस बच्ची के परिवार की इतनी मदद कर दीजिए जिससे बच्ची का इलाज हो पाए.साथ ही साथ प्रदेश से मुख्यमंत्री से भी अपील है कि पूरे प्रदेश में अलग तरह की बीमारियों के कारण तकलीफ झेल रहे परिवारों के लिए कोई व्यवस्था बनाएं ताकि उन्हें मदद के लिए दर-दर भटकना ना पड़े.

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Last Updated : May 31, 2024, 4:55 PM IST
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