श्रीनगर: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. डीपीएपी ने बुधवार को बताया कि आजाद ने जम्मू-कश्मीर की अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला वापस ले लिया है. डीपीएपी ने अब एडवोकेट मोहम्मद सलीम पर्रे को यहां से चुनाव मैदान में उतारने का फैसला किया है. इससे पहले, दो अप्रैल को डीपीएपी ने घोषणा की थी कि आजाद अनंतनाग-राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगे.
डीपीएपी के प्रांतीय अध्यक्ष (कश्मीर) मोहम्मद अमीन भट ने पार्टी के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि आजाद चुनाव नहीं लड़ेंगे. पेशे से वकील सलीम पर्रे अनंतनाग-राजौरी से डीपीएपी के उम्मीदवार होंगे. भट ने अनंतनाग में मीडिया को बताया कि आजाद के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया है.
हालांकि डीपीएपी नेता ने आजाद के चुनाव नहीं लड़ने के कारणों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी. भट ने कहा कि गुलाम नबी आजाद ने बैठक में अपने फैसले के संबंध में कुछ कारण बताए और फिर हमने सलीम पर्रे को सीट से मैदान में उतारने का फैसला किया.
ईटीवी भारत से बात करते हुए एडवोकेट सलीम पर्रे ने कहा कि आजाद एक दूरदर्शी नेता हैं और नए चेहरों को मौका देने के लिए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा गया है. उन्होंने आगे कहा कि आजाद बड़े नेता हैं और मुख्यमंत्री के पद के उम्मीदवार होंगे.
डीडीसी, अनंतनाग के सदस्य हैं सलीम पर्रे
एडवोकेट मोहम्मद सलीम पर्रे अनंतनाग जिला विकास परिषद (डीडीसी) के सदस्य हैं. वह पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस से जुड़े हुए थे. लेकिन बाद में डीपीएपी में शामिल हो गए. पर्रे डीपीएपी के प्रवक्ता भी हैं.
गौरतलब है कि पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता मियां अल्ताफ अनंतनाग-राजौरी संसदीय सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वर्ष 2022 में परिसीमन के बाद बनी अनंतनाग-राजौरी सीट पर सात मई को मतदान होना है. वहीं, श्रीनगर में 13 मई और बारामूला में 20 मई को मतदान होगा.
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