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समाधान नहीं, मिली तो सिर्फ तारीख पर तारीख... जानिए क्यों दिल्ली में खत्म नहीं हो पा रहे 'कूड़े के पहाड़'! - GHAZIPUR LANDFILL FIRE INCIDENT

Garbage mountains in Delhi: द‍िल्‍ली में लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक है और गाजीपुर सेनेटरी लैंडफिल साइट पर एक बार फ‍िर आग लगने की घटना सामने आई तो इसकी डेडलाइन की चर्चा होना भी स्‍वाभाव‍िक है. MCD की ओर से इसको हटाने की डेडलाइन 2026 तय की है जो पहले 2024 के आखिर की न‍िर्धार‍ित की गई थी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 22, 2024, 1:52 PM IST

Updated : Apr 22, 2024, 3:12 PM IST

दिल्ली में खत्म नहीं हो पा रहे 'कूड़े के पहाड़'!

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली की गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट के कूड़े के पहाड़ को खत्‍म करने को लेकर द‍िल्ली नगर न‍िगम तारीख पर तारीख न‍िर्धार‍ित करती आ रही है, लेक‍िन कूड़ा खत्‍म नहीं हो पा रहा है. एमडीसी की गाजीपुर एसएलएफ करीब 70 एकड़ में फैली हैं जोक‍ि साल 1984 में अस्‍त‍ित्‍व में आई थी. इसके बाद से धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई ज‍िसकी वजह से प‍िछले कुछ सालों से यह हादसों की साइट भी बन गई है.

गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट में हुई थी दो लोगों की मौत: बात अगर साल 2017 की करें तो स‍ितंबर माह में दोपहर के वक्‍त इस साइट का एक बहुत बड़ा ह‍िस्‍सा टूट गया था. इस दौरान सड़क और नहर के साथ से गुजर रहे कई वाहन इसके मलबे की चपेट में आ गए थे. इसकी वजह से दो लोगों की मौत भी हो गई थी ज‍िसमें एक स्कूटी सवार लड़की और एक महिला शाम‍िल थीं.

साइट के पास की नहर में 3-4 कारें भी जा ग‍िरीं थीं. इसके बाद एनडीआरएफ और द‍िल्‍ली पुल‍िस के अलावा दूसरी टीमों ने रेस्‍क्‍यू अभ‍ियान चलाया था और 5 लोगों की जान बचायी थी. इसके बाद द‍िल्‍ली की सि‍यासत खूब गरमायी और बड़े-बड़े दावे बीजेपी, आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से क‍िए गए. हैरान करने वाली बात यह है क‍ि इस हादसे के 3 साल बाद 2020 में फ‍िर इस साइट पर आग लगने की घटना सामने आई और यह आग करीब 5 द‍िनों तक नहीं बुझ पायी. इससे न‍िकलने वाले जहरीले धुंए ने लोगों का जीना मुहाल कर द‍िया.

ये भी पढ़ें- आग पर 'सियासी बोल': वीरेंद्र सचदेवा बोले- केजरीवाल जिम्मेदार, आतिशी ने कहा- ये एक साजिश है

इस घटना के बाद खूब दावे और वादे क‍िए गए. लेकिन इसके बाद मार्च, 2022 में गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट के कूड़े में आग लगने की घटना हुई. 28 मार्च को गाजीपुर लैंडफिल साइट के ऊपरी हिस्से में आग लगी थी जि‍सको 3 द‍िन तक बुझाने का काम क‍िया गया था. लेक‍िन आग पर काबू नहीं क‍िया जा सका. आग लगने के चौथे द‍िन फायर बिग्रेड की गाड़‍ियां पीछे हट गई और बुलडोजर से उस ह‍िस्‍से को ढहाने का काम‍ क‍िया गया. ज‍िससे आग तो नहीं बुझ पायी. आग मलबे में दब गई.

प्राइवेट कंपनी को सौंपा था कूड़े प्रोसेस‍िंग का ज‍िम्‍मा: एमसीडी की माने तो अब गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े के पहाड़ को हटाने के ल‍िए 2026 की डेडलाइन तक की गई है. इस साइट के कूड़े को लेकर साल 2019 में एक सर्वे कराया गया था तो उस वक्‍त इस पर 1.40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा होने का अनुमान लगाया गया था. इसके बाद इसके कूड़े को खत्‍म करने के ल‍िए 2024 डेडलाइन तक की गई थी. न‍िगम ने इस कूड़े प्रोसेस‍िंग का ज‍िम्‍मा एक प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया था.

गाजीपुर साइट पर प्रोसेस‍िंग को बाकी 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा: एमसीडी ने 24 नवंबर, 2022 को एक और कंपनी के साथ समझौता किया था. कंपनी की ओर से 18 महीने में 30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस करने का लक्ष्‍य द‍िया गया था. लेकिन कंपनी इस टारगेट के आसपास भी नहीं पहुंच पाई. मौजूदा समय में गाजीपुर साइट पर करीब 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बाकी है ज‍िसको हटाने के काम क‍िया जाना है. इसके ल‍िए अब एमसीडी ने नई डेडलाइन 2026 तय की है.

यह भी पढ़ें- 18 घंटे से धधक रही गाजीपुर लैंडफिल साइट की आग, धुएं से आसपास के लोग परेशान

भलस्‍वा लैंडफिल साइट से 2025 तक हटेगा कूड़ा: इसके अलावा द‍िल्‍ली की दो बड़ी लैंडफ‍िल साइट भलस्वा और ओखला भी हैं. इनमें से भलस्‍वा एसएलएफ की नई डेडलाइ तय की जा चुकी हैं. भलस्‍वा लैंडफिल साइट से कूड़ा हटाने की डेडलाइन 2025 तक बढ़ा दी गई है. वहीं, ओखला लैंडफ‍िल साइट की डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई है. इस साइट के कूड़े को 2024 में ही खत्‍म करने के उम्‍मीद एमसीडी जता रही है. इसके चलते इसको नई तारीख देने की जरूरत महसूस नहीं की गई है.

ओखला एसएलएफ करीब 62 एकड़ में फैली है. लैंडफिल साइट के 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करने का काम दो कंपनियों को सौंपा गया है. यहां पर अब स‍िर्फ 38 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े को प्रोसेस किया जाना बाकी है.

करीब 70 एकड़ एर‍िया में फैली भलस्‍वा एसएलएफ: भलस्‍वा एसएलएफ भी करीब 70 एकड़ एर‍िया में फैली है. लैंडफिल साइट पर 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा था ज‍िसको अलग-अलग कंपनियों की तरफ से प्रोसेस करने का काम क‍िया जा रहा है. अभी तक 56.41 लाख मीट्रिक टन कूड़ा ही प्रोसेस हो पाया है. इस प्रोसेसे करने के ल‍िए एक नई कंपनी को भी ज‍िम्‍मा सौंपा गया था ज‍िसने 29 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े को प्रोसेस करने का काम कि‍या गया है. साइट पर करीब 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करना अभी बाकी है.

द‍िल्‍ली के इन तीनों कूड़े के पहाड़ों को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी कई बार एमसीडी और सरकार को फटकार लगा चुका है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन पहाड़ों को हटाने के ल‍िए एक एक्‍शन प्‍लान भी मांगा गया था. वहीं, अब द‍िल्‍ली नगर न‍िगम इन पहाड़ों को हटाने का काम कर रही है, लेक‍िन इनको हटाने के ल‍िए अभी लंबा समय लगने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग, एमसीडी डिप्टी मेयर मौके पर पहुंचे

दिल्ली में खत्म नहीं हो पा रहे 'कूड़े के पहाड़'!

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली की गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट के कूड़े के पहाड़ को खत्‍म करने को लेकर द‍िल्ली नगर न‍िगम तारीख पर तारीख न‍िर्धार‍ित करती आ रही है, लेक‍िन कूड़ा खत्‍म नहीं हो पा रहा है. एमडीसी की गाजीपुर एसएलएफ करीब 70 एकड़ में फैली हैं जोक‍ि साल 1984 में अस्‍त‍ित्‍व में आई थी. इसके बाद से धीरे-धीरे इसकी ऊंचाई 65 मीटर तक पहुंच गई ज‍िसकी वजह से प‍िछले कुछ सालों से यह हादसों की साइट भी बन गई है.

गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट में हुई थी दो लोगों की मौत: बात अगर साल 2017 की करें तो स‍ितंबर माह में दोपहर के वक्‍त इस साइट का एक बहुत बड़ा ह‍िस्‍सा टूट गया था. इस दौरान सड़क और नहर के साथ से गुजर रहे कई वाहन इसके मलबे की चपेट में आ गए थे. इसकी वजह से दो लोगों की मौत भी हो गई थी ज‍िसमें एक स्कूटी सवार लड़की और एक महिला शाम‍िल थीं.

साइट के पास की नहर में 3-4 कारें भी जा ग‍िरीं थीं. इसके बाद एनडीआरएफ और द‍िल्‍ली पुल‍िस के अलावा दूसरी टीमों ने रेस्‍क्‍यू अभ‍ियान चलाया था और 5 लोगों की जान बचायी थी. इसके बाद द‍िल्‍ली की सि‍यासत खूब गरमायी और बड़े-बड़े दावे बीजेपी, आम आदमी पार्टी के नेताओं की ओर से क‍िए गए. हैरान करने वाली बात यह है क‍ि इस हादसे के 3 साल बाद 2020 में फ‍िर इस साइट पर आग लगने की घटना सामने आई और यह आग करीब 5 द‍िनों तक नहीं बुझ पायी. इससे न‍िकलने वाले जहरीले धुंए ने लोगों का जीना मुहाल कर द‍िया.

ये भी पढ़ें- आग पर 'सियासी बोल': वीरेंद्र सचदेवा बोले- केजरीवाल जिम्मेदार, आतिशी ने कहा- ये एक साजिश है

इस घटना के बाद खूब दावे और वादे क‍िए गए. लेकिन इसके बाद मार्च, 2022 में गाजीपुर लैंडफ‍िल साइट के कूड़े में आग लगने की घटना हुई. 28 मार्च को गाजीपुर लैंडफिल साइट के ऊपरी हिस्से में आग लगी थी जि‍सको 3 द‍िन तक बुझाने का काम क‍िया गया था. लेक‍िन आग पर काबू नहीं क‍िया जा सका. आग लगने के चौथे द‍िन फायर बिग्रेड की गाड़‍ियां पीछे हट गई और बुलडोजर से उस ह‍िस्‍से को ढहाने का काम‍ क‍िया गया. ज‍िससे आग तो नहीं बुझ पायी. आग मलबे में दब गई.

प्राइवेट कंपनी को सौंपा था कूड़े प्रोसेस‍िंग का ज‍िम्‍मा: एमसीडी की माने तो अब गाजीपुर लैंडफिल साइट के कूड़े के पहाड़ को हटाने के ल‍िए 2026 की डेडलाइन तक की गई है. इस साइट के कूड़े को लेकर साल 2019 में एक सर्वे कराया गया था तो उस वक्‍त इस पर 1.40 लाख मीट्रिक टन कूड़ा होने का अनुमान लगाया गया था. इसके बाद इसके कूड़े को खत्‍म करने के ल‍िए 2024 डेडलाइन तक की गई थी. न‍िगम ने इस कूड़े प्रोसेस‍िंग का ज‍िम्‍मा एक प्राइवेट कंपनी को सौंपा गया था.

गाजीपुर साइट पर प्रोसेस‍िंग को बाकी 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा: एमसीडी ने 24 नवंबर, 2022 को एक और कंपनी के साथ समझौता किया था. कंपनी की ओर से 18 महीने में 30 लाख मीट्रिक टन कूड़ा प्रोसेस करने का लक्ष्‍य द‍िया गया था. लेकिन कंपनी इस टारगेट के आसपास भी नहीं पहुंच पाई. मौजूदा समय में गाजीपुर साइट पर करीब 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा बाकी है ज‍िसको हटाने के काम क‍िया जाना है. इसके ल‍िए अब एमसीडी ने नई डेडलाइन 2026 तय की है.

यह भी पढ़ें- 18 घंटे से धधक रही गाजीपुर लैंडफिल साइट की आग, धुएं से आसपास के लोग परेशान

भलस्‍वा लैंडफिल साइट से 2025 तक हटेगा कूड़ा: इसके अलावा द‍िल्‍ली की दो बड़ी लैंडफ‍िल साइट भलस्वा और ओखला भी हैं. इनमें से भलस्‍वा एसएलएफ की नई डेडलाइ तय की जा चुकी हैं. भलस्‍वा लैंडफिल साइट से कूड़ा हटाने की डेडलाइन 2025 तक बढ़ा दी गई है. वहीं, ओखला लैंडफ‍िल साइट की डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई है. इस साइट के कूड़े को 2024 में ही खत्‍म करने के उम्‍मीद एमसीडी जता रही है. इसके चलते इसको नई तारीख देने की जरूरत महसूस नहीं की गई है.

ओखला एसएलएफ करीब 62 एकड़ में फैली है. लैंडफिल साइट के 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करने का काम दो कंपनियों को सौंपा गया है. यहां पर अब स‍िर्फ 38 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े को प्रोसेस किया जाना बाकी है.

करीब 70 एकड़ एर‍िया में फैली भलस्‍वा एसएलएफ: भलस्‍वा एसएलएफ भी करीब 70 एकड़ एर‍िया में फैली है. लैंडफिल साइट पर 80 लाख मीट्रिक टन कूड़ा था ज‍िसको अलग-अलग कंपनियों की तरफ से प्रोसेस करने का काम क‍िया जा रहा है. अभी तक 56.41 लाख मीट्रिक टन कूड़ा ही प्रोसेस हो पाया है. इस प्रोसेसे करने के ल‍िए एक नई कंपनी को भी ज‍िम्‍मा सौंपा गया था ज‍िसने 29 लाख मीट्रिक टन से अधिक कूड़े को प्रोसेस करने का काम कि‍या गया है. साइट पर करीब 60 लाख मीट्रिक टन कूड़े को प्रोसेस करना अभी बाकी है.

द‍िल्‍ली के इन तीनों कूड़े के पहाड़ों को हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी कई बार एमसीडी और सरकार को फटकार लगा चुका है. सुप्रीम कोर्ट की ओर से इन पहाड़ों को हटाने के ल‍िए एक एक्‍शन प्‍लान भी मांगा गया था. वहीं, अब द‍िल्‍ली नगर न‍िगम इन पहाड़ों को हटाने का काम कर रही है, लेक‍िन इनको हटाने के ल‍िए अभी लंबा समय लगने की उम्‍मीद जताई जा रही है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल साइट में लगी आग, एमसीडी डिप्टी मेयर मौके पर पहुंचे

Last Updated : Apr 22, 2024, 3:12 PM IST
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