उत्तरकाशी: गंगोत्री हाईवे झाला के पास भूस्खलन के चलते बंद हो गया है. गुरुवार को चटक धूप में ही हाईवे पर झाला के पास पहाड़ी से भारी भूस्खलन हुआ. स्थानीय लोगों ने इस भूस्खलन को अपने मोबाइल कैमरे में कैद किया. सूचना मिलने पर बीआरओ की टीम मौके के लिए रवाना हुई.
गंगोत्री हाईवे पर हुआ भूस्खलन: बताया जा रहा है कि यहां बीते दिनों बारिश और बर्फबारी हुई थी. जिसके बाद चटक धूप में यहां भूस्खलन हुआ है. हालांकि गनीमत रही है कि उस दौरान कोई वाहन या राहगीर हाईवे से नहीं गुजर रहा था, नहीं तो बड़ा हादसा हो सकता था. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल ने बताया कि पहाड़ी से अचानक भूस्खलन हुआ है. इसके चलते गंगोत्री हाईवे बंद हो गया है. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना बीआरओ को दे दी गई. बीआरओ हाईवे को खोलने के प्रयास में लगा है. पटवाल ने कहा कि भूस्खलन के दौरान हाईवे पर कोई पैदल या वाहन सवार नहीं था.
भूस्खलन के लिए संवेदनशील है उत्तरकाशी: गौरतलब है कि उत्तराखंड का उत्तरकाशी देश का सीमांत जिला है. इस जिले के आखिरी छोर पर चीन द्वारा कब्जाए गए तिब्बत का बॉर्डर है. उत्तरकाशी जिला लैंडस्लाइड के लिहाज से काफी संवेदनशील है. यहां मॉनसून के सीजन में आए दिन भूस्खलन होता रहता है. इस बार मॉनसून से पहले ही भूस्खलन ने जिला प्रशासन और चारधाम यात्रा की तैयारी में लगे पीडब्ल्यूडी को चेतावनी दे दी है.
भूस्खलन की डरावनी यादें: उत्तरकाशी के 57 गांव भूस्खलन की जद में हैं. दरअसल उत्तरकाशी भूस्खलन को लेकर काफी डरावनी यादें रखता है. साल 1997 में जिले की डुंडा तहसील का बागी गांव पूरी तरह लैंडस्लाइड की चपेट में आकर तबाह हो गया था. साल 2003 में वरुणावत पर्वत का भूस्खलन सबसे भयानक लैंडस्लाइड में गिना जाता है. 2010 में भटवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन की चपेट में तो पूरे 50 मकान आ गए थे.