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मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना, अक्षय तृतीया पर खुलेंगे कपाट, बेटी की तरह ग्रामीणों ने किया विदा - Maa Ganga Doli Left For Gangotri

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 9, 2024, 3:50 PM IST

Updated : May 9, 2024, 4:07 PM IST

Maa Ganga Doli Left For Gangotri Dham विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट अक्षय तृतीया पर्व यानी 10 मई को खोले जाएंगे. ऐसे में आज मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है. वहीं, मां गंगा को विदा करते वक्त ग्रामीणों की आंखें भर आईं. क्योंकि, दुनियाभर के श्रद्धालु गंगा को मां के रूप में पूजते हैं, लेकिन मुखबा के ग्रामीण गंगा को बेटी के समान विदा करते हैं. जो काफी भावुक करने वाला पल होता है.

Maa Ganga Doli Left For Gangotri
मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना (फोटो सोर्स - तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम)
मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री रवाना (वीडियो- तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम)

उत्तरकाशी: अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा में 6 महीने के प्रवास के बाद आज यानी 9 मई को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है. अब ग्रीष्मकालीन में आगामी 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन होंगे. पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर मुखबा के ग्रामीणों ने मां गंगा की डोली को विदाई दी.

10 मई को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट: बता दें कि, शुक्रवार 10 मई अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट देश और विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे. डोली पहुंचने से पहले गंगोत्री धाम को फूलों से सजाया जा रहा है.

कपाट खुलने से पहले गुरुवार को मां गंगा के शीतकालीन प्रवास गांव मुखबा में सुबह से ही मां गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थीं. सुबह विशेष पूजा अर्चना और आरती के बाद तीर्थ पुरोहितों ने गंगा की उत्सव डोली को सजाया. इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति की डोली सोमेश्वर देवता और सरस्वती देवी की डोली के साथ गंगोत्री के लिए रवाना हुई.

Maa Ganga Doli Left For Gangotri
गंगोत्री के लिए मां गंगा की डोली रवाना (फोटो सोर्स - तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम)

मार्कंडेय मंदिर पहुंचने के बाद यहां से अन्नपूर्णा देवी की डोली भी यात्रा में शामिल हुई. कुछ घंटे डोली को मार्कंडेय स्थित देवी मंदिर में दूर-दराज के गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखा गया. इसके बाद जांगला से मां गंगा की डोली पहली बार रथ में सवार होकर कोपांग, लंका होते हुए देर शाम रात्रि विश्राम के लिए भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में पहुंचेगी.

बेटी की तरह विदा करते हैं ग्रामीण: शुक्रवार सुबह डोली यात्रा भैरव मंदिर से गंगोत्री के लिए रवाना होगी. इसके बाद दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर मां गंगा डोली की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे. वहीं, मुखबा के ग्रामीण लोग गंगा को बेटी की तरह गंगोत्री धाम के लिए विदा करते हैं. इस दौरान माहौल काफी भावुक करने वाला होता है. प्रवासी लोग शीतकाल के बाद अपने गांव पहुंच कर बेटी की विदाई की तैयारियों में जुट जाते हैं.

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मुखबा गांव से मां गंगा की डोली गंगोत्री रवाना (वीडियो- तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम)

उत्तरकाशी: अपने शीतकालीन प्रवास मुखबा में 6 महीने के प्रवास के बाद आज यानी 9 मई को मां गंगा की डोली गंगोत्री धाम के लिए रवाना हो गई है. अब ग्रीष्मकालीन में आगामी 6 महीने तक मां गंगा के दर्शन होंगे. पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर मुखबा के ग्रामीणों ने मां गंगा की डोली को विदाई दी.

10 मई को दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट: बता दें कि, शुक्रवार 10 मई अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट देश और विदेश के श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए खोल दिए जाएंगे. डोली पहुंचने से पहले गंगोत्री धाम को फूलों से सजाया जा रहा है.

कपाट खुलने से पहले गुरुवार को मां गंगा के शीतकालीन प्रवास गांव मुखबा में सुबह से ही मां गंगा की विदाई की तैयारियां शुरू हो गई थीं. सुबह विशेष पूजा अर्चना और आरती के बाद तीर्थ पुरोहितों ने गंगा की उत्सव डोली को सजाया. इसके बाद गंगा जी की भोग मूर्ति की डोली सोमेश्वर देवता और सरस्वती देवी की डोली के साथ गंगोत्री के लिए रवाना हुई.

Maa Ganga Doli Left For Gangotri
गंगोत्री के लिए मां गंगा की डोली रवाना (फोटो सोर्स - तीर्थ पुरोहित, गंगोत्री धाम)

मार्कंडेय मंदिर पहुंचने के बाद यहां से अन्नपूर्णा देवी की डोली भी यात्रा में शामिल हुई. कुछ घंटे डोली को मार्कंडेय स्थित देवी मंदिर में दूर-दराज के गांवों से आने वाले श्रद्धालुओं के दर्शनों के लिए रखा गया. इसके बाद जांगला से मां गंगा की डोली पहली बार रथ में सवार होकर कोपांग, लंका होते हुए देर शाम रात्रि विश्राम के लिए भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में पहुंचेगी.

बेटी की तरह विदा करते हैं ग्रामीण: शुक्रवार सुबह डोली यात्रा भैरव मंदिर से गंगोत्री के लिए रवाना होगी. इसके बाद दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर मां गंगा डोली की मौजूदगी में गंगोत्री के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलेंगे. वहीं, मुखबा के ग्रामीण लोग गंगा को बेटी की तरह गंगोत्री धाम के लिए विदा करते हैं. इस दौरान माहौल काफी भावुक करने वाला होता है. प्रवासी लोग शीतकाल के बाद अपने गांव पहुंच कर बेटी की विदाई की तैयारियों में जुट जाते हैं.

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Last Updated : May 9, 2024, 4:07 PM IST
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