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हरिद्वार के चंडी घाट पर 4 नवंबर से शुरू होगा गंगा उत्सव, केंद्रीय मंत्रियों के साथ सीएम धामी करेंगे शिरकत

50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के 9 प्रमुख शहरों से गुजरेगा, गंगा बेसिन के पांच राज्यों में आयोजित होंगी कई गतिविधियां

HARIDWAR GANGA UTSAV 2024
हरिद्वार के चंडी घाट पर 4 नवंबर से शुरू होगा गंगा उत्सव (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 1, 2024, 4:27 PM IST

हरिद्वार: केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत हरिद्वार में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है. 4 नवंबर को हरिद्वार के चंडी घाट पर गंगा महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. एनएमसीजी हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन गंगा नदी को 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष में करता है. इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है.

यह कार्यक्रम का आठवां संस्करण होगा. पहली बार यह नदी के किनारे मनाया जाएगा. यह आयोजन गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियों द्वारा भी मनाया जाएगा. कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, और जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. यह आयोजन बीएसएफ के सहयोग से आयोजित होने वाले आगामी गंगा महिला राफ्टिंग अभियान के फ्लैग-ऑफ समारोह का भी हिस्सा होगा.

50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा. यह ऐतिहासिक अभियान गंगा बेसिन के पांच प्रमुख राज्यों के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाने वाली कई गतिविधियों के साथ संयोग करेगा. उत्सव के दौरान "गंगा संवाद" का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, तथा मुख्य व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श होगा.

'गंगा उत्सव 2024' लोगों के नदी से जुड़ाव को बढ़ावा देगा. गंगा नदी के संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा. इसके अतिरिक्त, गंगा नदी भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रही है. इस उत्सव के माध्यम से इसकी धरोहर और महत्व को गहराई से समझने का प्रयास किया जाएगा. उत्सव का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य स्वच्छता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है, ताकि सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा सके. यह कार्यक्रम गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने और नदी के ऐतिहासिक एवं पवित्र चरित्र को बनाए रखने में मदद करेगा.

पढे़ं- राष्ट्रीय गंगा उत्सव: हरिद्वार में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन, चलाया गया सफाई अभियान

हरिद्वार: केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के तहत हरिद्वार में एक बड़ा आयोजन करने जा रही है. 4 नवंबर को हरिद्वार के चंडी घाट पर गंगा महोत्सव में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाएंगे. एनएमसीजी हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन गंगा नदी को 'राष्ट्रीय नदी' घोषित किए जाने की वर्षगांठ के उपलक्ष में करता है. इस उत्सव का मुख्य उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, इसकी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है.

यह कार्यक्रम का आठवां संस्करण होगा. पहली बार यह नदी के किनारे मनाया जाएगा. यह आयोजन गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में जिला गंगा समितियों द्वारा भी मनाया जाएगा. कार्यक्रम में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल मौजूद रहेंगे. इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, जल शक्ति राज्य मंत्री राज भूषण चौधरी, और जल शक्ति मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे. यह आयोजन बीएसएफ के सहयोग से आयोजित होने वाले आगामी गंगा महिला राफ्टिंग अभियान के फ्लैग-ऑफ समारोह का भी हिस्सा होगा.

50 दिनों तक चलने वाला यह अभियान गंगा नदी के किनारे 9 प्रमुख शहरों और कस्बों से होकर गुजरते हुए गंगा सागर पर समाप्त होगा. यह ऐतिहासिक अभियान गंगा बेसिन के पांच प्रमुख राज्यों के विभिन्न जिलों में आयोजित की जाने वाली कई गतिविधियों के साथ संयोग करेगा. उत्सव के दौरान "गंगा संवाद" का आयोजन किया जाएगा. जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं, तथा मुख्य व्यक्तियों के बीच विचार-विमर्श होगा.

'गंगा उत्सव 2024' लोगों के नदी से जुड़ाव को बढ़ावा देगा. गंगा नदी के संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा. इसके अतिरिक्त, गंगा नदी भारत की सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र रही है. इस उत्सव के माध्यम से इसकी धरोहर और महत्व को गहराई से समझने का प्रयास किया जाएगा. उत्सव का एक अन्य प्रमुख उद्देश्य स्वच्छता के बारे में जन जागरूकता बढ़ाना है, ताकि सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित किया जा सके. यह कार्यक्रम गंगा नदी को उसके मूल स्वरूप में पुनर्स्थापित करने और नदी के ऐतिहासिक एवं पवित्र चरित्र को बनाए रखने में मदद करेगा.

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