अपुलिया : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात यहां जी7 शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी इतालवी समकक्ष जॉर्जिया मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक की. दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा हुई. विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की. इसके साथ ही रक्षा औद्योगिक सहयोग को और बढ़ाने की उम्मीद जताई. जॉर्जिया मेलोनी ने इस साल के अंत में इतालवी विमानवाहक पोत आईटीएस कैवूर और प्रशिक्षण पोत आईटीएस वेस्पुची की भारत यात्रा का स्वागत किया.
इसके अलावा, प्रधानमंत्री मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान इतालवी अभियान में भारतीय सेना के योगदान को मान्यता देने के लिए इतालवी सरकार को धन्यवाद दिया. पीएम मोदी ने मेलोनी को बताया कि भारत इटली के मोंटोन में यशवंत घाडगे स्मारक का उन्नयन करेगा. प्रधानमंत्री मोदी और उनके इतालवी समकक्ष ने नियमित उच्च राजनीतिक संवाद पर संतोष व्यक्त किया. दोनों नेताओं ने भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी की प्रगति की समीक्षा की.
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति में कहा गया है कि बढ़ते व्यापार और आर्थिक सहयोग पर खुशी जताते हुए दोनों नेताओं ने स्वच्छ ऊर्जा, विनिर्माण, अंतरिक्ष, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, एआई और महत्वपूर्ण खनिजों में वाणिज्यिक संबंधों का विस्तार करने का आह्वान किया, ताकि लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाई जा सके. इस संदर्भ में, उन्होंने हाल ही में औद्योगिक संपत्ति अधिकार (आईपीआर) पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया. यह पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क पर सहयोग के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है.
इस बीच, बैठक के दौरान, दोनों नेताओं ने ऊर्जा संक्रमण में सहयोग के लिए आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया, जो स्वच्छ और हरित ऊर्जा में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देगा. 'वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन' के तहत इस पर ध्यान दिया गया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में संयुक्त अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए 2025-27 के लिए सहयोग के नए कार्यकारी कार्यक्रम पर खुशी व्यक्त की.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री मेलोनी के निमंत्रण पर इटली के अपुलिया में जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया. प्रधानमंत्री मोदी ने बाद में एक्स पर लिखा कि भारत को जी7 शिखर सम्मेलन का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करने और शानदार व्यवस्थाओं के लिए उनका धन्यवाद.
उन्होंने कहा कि हमने वाणिज्य, ऊर्जा, रक्षा, दूरसंचार और अन्य क्षेत्रों में भारत-इटली संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की. हमारे देश जैव ईंधन, खाद्य प्रसंस्करण और महत्वपूर्ण खनिजों जैसे भविष्य के क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे. प्रधानमंत्री मेलोनी ने प्रधानमंत्री को लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए बधाई भी दी.
जी7 शिखर सम्मेलन 13-15 जून को इटली के अपुलिया क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. भारत को शिखर सम्मेलन में 'आउटरीच देश' के रूप में आमंत्रित किया गया है. इसमें सात सदस्य देशों, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, इटली, जापान और फ्रांस के साथ-साथ यूरोपीय संघ की भागीदारी है.
भारत और इटली के लोगों के बीच मजबूत संबंध हैं, जो इटली में लंबे समय से चली आ रही इंडोलॉजिकल स्टडीज परंपरा से प्रेरित है, जिसे मिलान विश्वविद्यालय में भारत अध्ययन पर पहली ICCR चेयर की स्थापना के साथ और मजबूत किया जाएगा.
विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार कि दोनों नेताओं ने प्रवासन और गतिशीलता समझौते के शीघ्र कार्यान्वयन का आह्वान किया, जो पेशेवरों, कुशल और अर्ध-कुशल श्रमिकों, छात्रों और शोधकर्ताओं की गतिशीलता को सुगम बनाएगा.
इसमें कहा गया है कि दोनों नेता एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत के लिए अपने साझा दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए हिंद-प्रशांत महासागर पहल ढांचे के तहत कार्यान्वित की जाने वाली संयुक्त गतिविधियों के लिए तत्पर हैं. उन्होंने महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) सहित वैश्विक मंचों और बहुपक्षीय पहलों में सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की.