रांची: झारखंड में भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी लोकसभा उम्मीदवारों के नाम की घोषणा कर दी है लेकिन I.N.D.I.A ब्लॉक की ओर से अभी तक कुछ भी साफ नहीं है. राज्य की सत्ताधारी महागठबंधन के दल झामुमो, राजद और कांग्रेस के साथ-साथ वाम मोर्चा के शामिल होने से I.N.D.I.A ब्लॉक बना है. लेकिन इस ब्लॉक में से लोकसभा चुनाव में किसे किसकी कितनी सीटें मिलेगी, यह अभी तक स्पष्ट नहीं है. इसकी मुख्य वजह सीट शेयरिंग का सर्वमान्य फॉर्मूला नहीं निकल पाना है.
ऐसे में झारखंड की राजनीति पर पैनी नजर रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि अगर पीएम मोदी को दिल्ली की सत्ता से बाहर करने और लोकतंत्र बचाने के नाम पर I.N.D.I.A ब्लॉक के दल लोकसभा चुनाव तक साथ रह भी गए तो विधानसभा चुनाव में इनका साथ रहना बेहद मुश्किल लगता है.
वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि अगर राज्य में I.N.D.I.A ब्लॉक के दलों को मनोवांछित सफलता लोकसभा चुनाव में नहीं मिली तो इनकी दोस्ती में दरार आते देर नहीं लगेगी.
राजद विधानसभा चुनाव में 19 से अधिक सीटों पर लड़ने के पक्ष में
झारखंड में लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के राज्य स्तरीय नेताओं में बड़ी संख्या वैसे लोगों की है जो इस पक्ष में हैं कि विधानसभा चुनाव या तो पार्टी अकेले अपने दम पड़ लड़े या फिर पार्टी 19-20 विधानसभा क्षेत्र में अपना उम्मीदवार खड़ा करे. ऐसे में अगर लोकसभा चुनाव में साथ रहकर भी INDIA ब्लॉक का नतीजा अच्छा नहीं रहा तो फिर यह तय है कि विधानसभा चुनाव में राजद अपनी राह चलेगा क्योंकि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय झामुमो-कांग्रेस ने राजद को सिर्फ 07 सीट ही दिये थे. आरजेडी नेता अनिता यादव का कहना है कि झारखंड में पार्टी को अपने बल पर 19-20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए. प्रदेश इकाई की इच्छा से हाइकमान को अवगत करा दिया गया है.
झामुमो भी अपने स्तर से पाना चाहता है विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा
लोकसभा चुनाव के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान I.N.D.IA ब्लॉक में बिखराव होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. ऐसा इसलिए क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा भी अपने दम पर विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा पाना चाहता है. ऐसे में जाहिर है यह तब ही संभव होग जब झामुमो महागठबंधन में ज्यादा से ज्यादा विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी खड़ा करे. लेकिन क्या 2019 की तरह 2024 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, इस स्थिति में होगी कि वह राजद और झामुमो की महत्वाकांक्षा को पूरी कर सके. जेएमएम के केंद्रीय महासचिव मनोज पांडेय का कहना है कि पार्टी को अपने बदौलत बहुमत मिले इसकी कोशिश की जा रही है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला तो आलाकमान को ही करना है.
लेफ्ट को भी साथ रखना संभव नहीं होगा
भाजपा विरोध के नाम पर अभी बने INDIA ब्लॉक् में लेफ्ट के दल जैसे सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई (माले) भी शामिल हैं. वरिष्ठ पत्रकार राजेश कुमार कहते हैं कि संभव है कि लोकसभा चुनाव में इनमें से सीपीआई और सीपीएम को टिकट नहीं मिले और उन्हें विधानसभा चुनाव में सीट देने का भरोसा दिलाकर मना भी लिया जाए लेकिन क्या 81 विधानसभा वाले झारखंड में असेंबली चुनाव के समय सबको एडजस्ट किया जा सकता है.
2019 विधानसभा चुनाव में झामुमो को 43 और कांग्रेस को 31 सीटें और राजद को मिली थी 07 सीटें
2019 में प्रदेश में रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए झामुमो-कांग्रेस और राजद ने महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा था. तब झारखंड मुक्ति मोर्चा को 43, कांग्रेस को 31 और राजद को 07 विधानसभा सीट मिली थी. तब काफी मान मनव्वल के बाद राजद 07 सीट पर मान गया था.
लेकिन सत्ता में रहकर भी लगातार झामुमो-कांग्रेस की ओर से हो रही राजद की उपेक्षा ने नाराज प्रदेश राजद के नेताओं ने लालू प्रसाद से आग्रह भी किया है कि विधानसभा चुनाव पार्टी बगैर गठबंधन के लड़े.
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