गुवाहाटी: मणिपुर में शांति प्रक्रिया को खतरा पहुंचाते हुए बुधवार देर रात इंफाल पश्चिम जिले के कौत्रुक क्षेत्र से हिंसा की ताजा घटनाएं सामने आईं हैं. बता दें कि कोत्रुक में कुकी जनजाति का वर्चस्व है. मणिपुर पुलिस के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई में फायरिंग करनी पड़ी.
उन्होंने बताया कि दोनों तरफ से किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. पुलिस को शक है कि फायरिंग के पीछे कुकी उग्रवादियों का हाथ है. हिंसा की घटनाएं दिल्ली में मैतेई, कुकी-जो और नागा विधायकों के बीच गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ पहली दौर की बातचीत के कुछ ही घंटों बाद हुईं. यद्यपि गृह मंत्रालय मणिपुर के तीन समुदायों - मैतेई, कुकी-जो और नागाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायकों के साथ एक संयुक्त बैठक करना चाहता था, लेकिन कुकी-जो विधायकों ने गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के साथ एक अलग बैठक की.
कुकी-जो विधायकों ने बाद में मीडिया को बताया कि उन्होंने किसी भी वार्ता के लिए पूर्व शर्त के रूप में विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश की तर्ज पर अलग प्रशासन का मुद्दा उठाया है. इस बीच, राज्य के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पिछले महीने कोत्रुक गांव में हुए ड्रोन हमले के संबंध में जमीनी जांच शुरू कर दी है. पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर पिछले वर्ष मई से बहुसंख्यक मैतेई और कुकी समुदाय के बीच संघर्ष के कारण उबल रहा है, जिसके कारण अब तक 220 से अधिक नागरिक मारे गए हैं और दोनों समुदायों के 65000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं.
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