बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार रेणुकास्वामी हत्याकांड में कन्नड़ एक्टर दर्शन को जमानत देने के कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए तैयार है. इसके लिए राज्य सरकार ने सोमवार को गृह विभाग को एक आदेश जारी कर सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने की अनुमति दे दी है.
ऐसे में दर्शन के लिए नई मुसीबत खड़ी हो सकती है. सरकार ने अधिवक्ता अनिल सी निशानी को कर्नाटक सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से सु्प्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिए अधिकृत किया है. वहीं, उसने वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा को अपनी ओर से मामले में बहस करने के लिए विशेष वकील नियुक्त किया है.
सरकार ने कर्नाटक सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने के लिए अधिवक्ता अनिल सी निशानी को अधिकृत किया है, वहीं मामले में अपनी ओर से बहस करने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा को विशेष वकील नियुक्त किया है.
हाई कोर्ट से जमानत
बता दें कि दर्शन और उनके पुराने मित्र पवित्रा गौड़ा और अन्य आरोपियों को 13 दिसंबर को हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी. जब हाईकोर्ट ने जमानत दी, तब दर्शन पहले से ही स्वास्थ्य कारणों से अंतरिम जमानत पर थे और एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे.
हत्या के आरोप में गिरफ्तार
बेंगलुरु पुलिस ने 11 जून को अभिनेता के 33 वर्षीय फैन रेणुकास्वामी की हत्या के आरोप में मैसूर में दर्शन को गिरफ्तार किया था. उनका शव बेंगलुरु के मगदी रोड इलाके में सुमनहल्ली के पास एक नाले में मिला था. पुलिस ने पवित्रा गौड़ा को अश्लील मैसेज भेजने के लिए रेणुकास्वामी की 'हत्या' करने के लिए दर्शन और उसके दोस्तों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
पुलिस ने अपने आरोपपत्र में कहा था कि दर्शन ने रेणुकास्वामी को उनके पैतृक स्थान चित्रदुर्ग से अगवा कर लिया और उन्हें बेंगलुरु ले गया, जहां उन्हें तीन दिनों तक एक शेड में प्रताड़ित किया गया. आरोपपत्र में कहा गया है कि यातना सहन करने में असमर्थ रेणुकास्वामी की मृत्यु हो गई और बाद में दर्शन के कथित निर्देशों के अनुसार उनके शव को एक नाले में फेंक दिया गया.
यह भी पढ़ें- MLA उमा थॉमस की हालत गंभीर, केरल पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज किया