हैदराबाद: पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने देश के युवाओं से आग्रह किया है कि वे रामोजी ग्रुप के संस्थापक स्वर्गीय रामोजी राव के जीवन से प्रेरणा लें. उन्होंने कहा कि रामोजी राव ने जिन-जिन क्षेत्रों में कदम रखा, उनमें उत्कृष्टता हासिल की. वेंकैया नायडू ब्रह्मकुमारी के तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में बोल रहे थे. इसका आयोजन बुधवार को सिकंदराबाद के इंपीरियल गार्डन में किया गया था. रामोजी ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रमोजी राव का इसी साल 8 जून को निधन हो गया था.
इस अवसर पर बोलते हुए, नायडू ने कहा कि स्वर्गीय रामोजी राव को समाज, विशेष रूप से ग्रामीण लोगों और किसानों से बहुत लगाव था. नायडू ने कहा कि वह हमेशा लोगों के जीवन में सुधार चाहते थे. उन्होंने हमेशा पत्रकारिता के क्षेत्र में मूल्यों का पालन किया और आने वाली पीढ़ी को इसके बारे में जानकारी देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने रामोजी राव के साथ काम किया है, वे अलग-अलग प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपनी राय जाहिर कर रहे हैं.
पूर्व उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि रामोजी राव के बारे में जितनी भी जानकारियां साझा की जा रहीं हैं, उसे इकट्ठा करने की जरूरत है और फिर उसे किताब की शक्ल दे देनी चाहिए.
वेंकैया नायडू ने कहा कि इतिहास में विरले ही होते हैं, जिनके बारे में न सिर्फ लोग जानना चाहते हैं, बल्कि उनका योगदान भी उसी स्तर का होता है और रामोजी राव उनमें से एक थे. उनकी दृढ़ता, समाज के लिए उनका लगाव, और हमेशा लोगों के लिए खड़े होने की तत्परता, इनके बारे में युवाओं को बताया जाना चाहिए ताकि वे इनसे प्रेरित हो सकें.
नायडू ने कहा कि स्वर्गीय रामोजी राव किसी भी विषय का सावधानीपूर्वक अध्ययन करते थे. समय की पाबंदी और अनुशासन से उनकी पहचान होती थी. उन्होंने कहा कि भले ही वह एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उनका आत्मविश्वास गजब का था, उन्होंने कभी हार नहीं मानी और यही कारण है कि वह एक शक्तिशाली और कुशल योद्धा बने.
नायडू ने कहा कि रामोजी राव के जीवन में जितनी भी चुनौतियां आईं, उनमें वह अजेय और अनुकरणीय रहे. वह जीवन भर एक तटस्थ व्यक्ति रहे. उन्हें इससे कोई फर्फ नहीं पड़ा कि वह व्यवसाय में कितने सफल हुए, कितना पैसा उन्होंने कमाया. उन्होंने कभी भी प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग नहीं किया और बहुत ही सादा जीवन जिया.
नायडू ने कहा कि तेलुगु समाज और विशेष रूप से भारतीय पत्रकारिता पर रामोजी राव का सकारात्मक प्रभाव उल्लेखनीय है. उन्होंने पूरे देश में 'पत्रकारों की फौज' खड़ी कर दी. तेलुगु मीडिया तो विशेष रूप से उनका ऋणी है. आप प्रिंट की बात करें या फिर इलेक्ट्रॉनिक या फिर डिजिटल मीडिया की, हरेक क्षेत्र में ऐसे पत्रकार मिल जाएंगे, जिन्होंने अपने करियर की शुरुआत या तो ईनाडु या फिर ईटीवी से की है. और सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें से कई लोगों ने शिखर तक की दूरी तय की है.
वेंकैया नायडू ने कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने सामान्य पढ़ाई की थी, रामोजी राव के निर्देशन में गुणवत्ता पूर्ण पत्रकार बन गये. उन्होंने कहा कि रामोजी राव मिट्टी से माणिक निकालने और प्रतिभा को पहचाने वाले जौहरी थे. इसमें उनका कोई मुकाबला नहीं हो सकता.
नायडू ने कहा कि मीडिया के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाले रामोजी राव हमेशा याद रखे जायेंगे. ईनाडु-ईटीवी इसका एक उदाहरण है. ईनाडु-ईटीवी ने मीडिया में सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए और सरकारी योजनाओं की बेहतर समझ बनाने के लिए और क्षेत्र स्तर पर उनके कार्यान्वयन को लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिणाम लाने के लिए कई महत्वपूर्ण काम किये. उन्होंने कहा कि जब भी नेताओं ने निरंकुश प्रवृत्ति के साथ लोकतंत्र का मजाक उड़ाया, जब भी लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हुआ, रामोजी राव आम लोगों के पक्ष में बहादुरी से खड़े रहे.