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दरभंगा में जन्मे, MP बनी कर्मस्थली, बिहार के सीतामढ़ी में होगी प्रभात झा की अंत्येष्टि, निधन पर रो पड़ा गांव - Prabhat Jha Passed away - PRABHAT JHA PASSED AWAY

प्रभात झा एक ऐसा नाम जिन्होंने बिहार से जाकर मध्यप्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाई. पत्रकारिता से करियर की शुरुआत करने वाले प्रभात झा अपने जुझारू व्यक्तित्व और संघर्षों की बदौलत सांसद बने और दो बार मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त हुए. उनका आखिरी वक्त दिल्ली के मेदांता अस्पताल में बीता जहां उनका आज सुबह निधन हो गया. उनके निधन से पूरे इलाके में मातम पसरा हुआ है-

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पूर्व राज्यसभा सांसद का निधन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 26, 2024, 8:06 PM IST

Updated : Jul 26, 2024, 8:26 PM IST

प्रभात झा के निधन से सीतामढ़ी में शोक (Etv Bharat)

सीतामढ़ी : मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यसभा सांसद और सीतामढ़ी के लाल प्रभात झा का 67 साल की उम्र में निधन हो गया. बिहार में जन्मे और मध्यप्रदेश को अपनी कर्म स्थली बनाने वाले पूर्व सांसद प्रभात झा का व्यक्तित्व दोनों प्रदेश में कुछ इसतरह घुल मिल गया है कि उनका जाना सभी को अखर रहा है. एमपी में पत्रकारिता से शरुआत की और भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहे. उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें लगातार दो बार मध्यप्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया.

''दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाजरत मेरे भाई प्रभात झा ने 4.20 मिनट पर आखिरी सांस ली. हम लोगों के सिर से एक गार्जियन का साया उठ गया है. रिश्ते में तो वो हमारे भाई थे लेकिन वो पिता तुल्य थे. उनके जाने से गांव को भी अपूरणीय क्षति हुई है.''- प्रदीप झा, दिवंगत प्रभात झा के छोटे भाई

प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी
प्रभात झा का पैतृक घर (ETV Bharat)

प्रभात झा के निधन से सीतामढ़ी में शोक : भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रभात झा की मौत की खबर जैसे ही गांव में आई, पूरा गांव शोक में डूब गया. प्रभात झा पूरे गांव के चहेते थे. कोई भी काम उनकी उपस्थिति की वजह से अटकता नहीं था. पूर्व सांसद प्रभात झा के भाई प्रदीप झा कोरियाही पंचायत के पूर्व मुखिया रह चुके हैं. उनका कहना है कि मौत की खबर सुनते ही गांव वाले सदमें में हैं. उन्होंने कहा कि भैया का स्वभाव काफी सहयोग वाला था. यही वजह है कि वो दूर रहते हुए भी गांव वालों के पास ही थे.

बिहार से जाकर मध्य प्रदेश में लहराया परचम : प्रभात झा का जन्म दरभंगा जिले के हरिहरपुर गांव में 4 जून 1957 में हुआ था. हरिहरपुर उनका ननिहाल था. प्रभात झा ने BSc, एमएएलएलबी की पढ़ाई की थी. शुरुआती दौर में रंजना झा से विवाह होने के बाद उन्होंने ग्वालियर जाकर पत्रकारिता करनी शुरू की. उसके बाद वह बीजेपी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता बने और 2005 में कमल संदेश नमक अखबार के हिंदी और अंग्रेजी के संपादक बने.

प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी
प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी (ETV Bharat)

एमपी बीजेपी के 2 बार अध्यक्ष रहे : प्रभात झा 2007 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बने. 8 मई 2010 से 15 दिसंबर 2012 तक मध्य प्रदेश के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. 2008 से लगातार दो बार मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने तो वहीं, राज्यसभा में भाजपा के द्वारा अतिरिक्त सचिव संसदीय दल भी बनाए गए. भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित अन्य पद पदों पर भी वह कई वर्षों तक रहे.

कल होगा गांव में अंतिम संस्कार : भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रभात झा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव कोरियाही में शनिवार को किया जाएगा. प्रभात झा के दो पुत्र हैं, उनके बड़े पुत्र शनिवार को मुखाग्नि देंगे. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्रभात झा के प्रयास से ही भारत नेपाल की सीमा पर स्थित कोरियाही गांव में कई विकास के काम किए गए. जैसे भारतीय स्टेट बैंक का ब्रांच खुलवाया गया. कई सड़क और कई मंदिरों का भी निर्माण कराया गया.

प्रभात झा की बिहार में अंत्येष्टि की वजह : प्रभात झा की अंत्येष्टि बिहार में करने की चर्चा भी मध्यप्रदेश में है. इसको लेकर बताया जा रहा है कि ये प्रभात झा की इच्छा थी कि जहां उनके पिता की अंत्येष्टि हुई है वहीं पर उनकी भी अंत्येष्टि हो. यही वजह है कि मध्यप्रदेश में घर और कर्मस्थली होने के बावजूद उनका बिहार में अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

प्रभात झा के निधन से सीतामढ़ी में शोक (Etv Bharat)

सीतामढ़ी : मध्यप्रदेश के पूर्व राज्यसभा सांसद और सीतामढ़ी के लाल प्रभात झा का 67 साल की उम्र में निधन हो गया. बिहार में जन्मे और मध्यप्रदेश को अपनी कर्म स्थली बनाने वाले पूर्व सांसद प्रभात झा का व्यक्तित्व दोनों प्रदेश में कुछ इसतरह घुल मिल गया है कि उनका जाना सभी को अखर रहा है. एमपी में पत्रकारिता से शरुआत की और भारतीय जनता पार्टी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहे. उनके कार्यों को देखते हुए उन्हें लगातार दो बार मध्यप्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया.

''दिल्ली के मेदांता अस्पताल में इलाजरत मेरे भाई प्रभात झा ने 4.20 मिनट पर आखिरी सांस ली. हम लोगों के सिर से एक गार्जियन का साया उठ गया है. रिश्ते में तो वो हमारे भाई थे लेकिन वो पिता तुल्य थे. उनके जाने से गांव को भी अपूरणीय क्षति हुई है.''- प्रदीप झा, दिवंगत प्रभात झा के छोटे भाई

प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी
प्रभात झा का पैतृक घर (ETV Bharat)

प्रभात झा के निधन से सीतामढ़ी में शोक : भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रभात झा की मौत की खबर जैसे ही गांव में आई, पूरा गांव शोक में डूब गया. प्रभात झा पूरे गांव के चहेते थे. कोई भी काम उनकी उपस्थिति की वजह से अटकता नहीं था. पूर्व सांसद प्रभात झा के भाई प्रदीप झा कोरियाही पंचायत के पूर्व मुखिया रह चुके हैं. उनका कहना है कि मौत की खबर सुनते ही गांव वाले सदमें में हैं. उन्होंने कहा कि भैया का स्वभाव काफी सहयोग वाला था. यही वजह है कि वो दूर रहते हुए भी गांव वालों के पास ही थे.

बिहार से जाकर मध्य प्रदेश में लहराया परचम : प्रभात झा का जन्म दरभंगा जिले के हरिहरपुर गांव में 4 जून 1957 में हुआ था. हरिहरपुर उनका ननिहाल था. प्रभात झा ने BSc, एमएएलएलबी की पढ़ाई की थी. शुरुआती दौर में रंजना झा से विवाह होने के बाद उन्होंने ग्वालियर जाकर पत्रकारिता करनी शुरू की. उसके बाद वह बीजेपी से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता बने और 2005 में कमल संदेश नमक अखबार के हिंदी और अंग्रेजी के संपादक बने.

प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी
प्रभात झा के गांव में अत्येष्टि की तैयारी (ETV Bharat)

एमपी बीजेपी के 2 बार अध्यक्ष रहे : प्रभात झा 2007 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव बने. 8 मई 2010 से 15 दिसंबर 2012 तक मध्य प्रदेश के भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने. 2008 से लगातार दो बार मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद बने तो वहीं, राज्यसभा में भाजपा के द्वारा अतिरिक्त सचिव संसदीय दल भी बनाए गए. भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सहित अन्य पद पदों पर भी वह कई वर्षों तक रहे.

कल होगा गांव में अंतिम संस्कार : भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद प्रभात झा का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ उनके गांव कोरियाही में शनिवार को किया जाएगा. प्रभात झा के दो पुत्र हैं, उनके बड़े पुत्र शनिवार को मुखाग्नि देंगे. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि प्रभात झा के प्रयास से ही भारत नेपाल की सीमा पर स्थित कोरियाही गांव में कई विकास के काम किए गए. जैसे भारतीय स्टेट बैंक का ब्रांच खुलवाया गया. कई सड़क और कई मंदिरों का भी निर्माण कराया गया.

प्रभात झा की बिहार में अंत्येष्टि की वजह : प्रभात झा की अंत्येष्टि बिहार में करने की चर्चा भी मध्यप्रदेश में है. इसको लेकर बताया जा रहा है कि ये प्रभात झा की इच्छा थी कि जहां उनके पिता की अंत्येष्टि हुई है वहीं पर उनकी भी अंत्येष्टि हो. यही वजह है कि मध्यप्रदेश में घर और कर्मस्थली होने के बावजूद उनका बिहार में अंतिम संस्कार किया जा रहा है.

Last Updated : Jul 26, 2024, 8:26 PM IST
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