पटनाः बिहार में महागठबंधन में सब ठीक नहीं चल रहा है. अभी सीट शेयरिंग की घोषणा भी नहीं हुई है कि राजद अपने उम्मीदवारों को सिंबल देने लगा है. कांग्रेस किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ेगी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. इस बीच पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने शनिवार को घोषणा की, कि वह आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट डालकर यह जानकारी दी. ऐसी चर्चा थी कि महागठबंधन की ओर से सासाराम सीट कांग्रेस के खाते में जाएगी, जहां से मीरा कुमार उम्मीदवार हो सकती थीं.
सासाराम सीट पर नहीं बनी सहमतिः मीरा कुमार ने सोशल मीडिया पर लिखा है- '2024 के आम चुनाव में मैंने नहीं लड़ने का निर्णय लिया है. मैं अपने देश के लोगों, विशेषकर गरीब, वंचित वर्ग और महिलाओं की सेवा हमेशा करती रहूंगी.' मीरा कुमार के चुनाव नहीं लड़ने के निर्णय के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. कयास लगाया जा रहा है कि अधिक उम्र होने की वजह से मीरा कुमार ने चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया होगा. एक चर्चा यह भी है कि सासाराम सीट को लेकर कांग्रेस और राजद के बीच सहमति नहीं बन पाई होगी, जिस वजह से मीरा कुमार ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है.
बेटे को राजनीति में उतारना चाह रही थीः राजनीतिक गलियारे में इस बात की भी चर्चा है कि मीरा कुमार शुरू से खुद के चुनाव लड़ने की इच्छुक नहीं थी. वह अब अपने बेटे को राजनीति में उतारना चाह रही थी. मीरा कुमार ने अपने बेटे के लिए काराकाट सीट चाह रही थी. राजनीति के जानकारों की मानें तो मीरा कुमार ने काराकाट सीट के लिए एनडीए से भी संपर्क साधा था. लेकिन, कोई बात नहीं बनी.
कौन हैं मीरा कुमारः मीरा कुमार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सदस्य हैं. वह पूर्व राजनयिक भी रही हैं. वह 2004 से 2009 तक सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री रहीं. 2009 से 2014 तक लोकसभा की 15 वीं अध्यक्ष रहीं. मीरा कुमार 8वीं, 11वीं, 12वीं, 14वीं और 15 वीं लोकसभा के लिए चुनी गई थीं. मीरा कुमार ने 2017 में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की ओर राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा था. तब, राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार राम नाथ कोविंद से चुनाव हार गईं थी.
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