शिमोगा: कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री केएस ईश्वरप्पा के खिलाफ शुक्रवार को बांग्लादेश में हिंदुओं की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन के दौरान कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है. बता दें, ईश्वरप्पा के खिलाफ 20 दिनों के भीतर भड़काऊ भाषण देने का यह दूसरा मामला है.
ईश्वरप्पा का यह बयान बांग्लादेश में आध्यात्मिक नेता चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के खिलाफ शिमोगा के मथुरा पैराडाइज में आयोजित एक विरोध प्रदर्शन के दौरान दिए गए भाषण के बाद आया है. चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश के अधिकारियों ने 25 नवंबर को ढाका हवाई अड्डे पर देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया था.
इस बीच पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के विरोध में 10 दिसंबर को भारतीय जनता पार्टी द्वारा बशीरहाट सीमा पर नाकाबंदी की जाएगी. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि अत्याचार को रोका जाना चाहिए और चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को रिहा किया जाना चाहिए. 10 दिसंबर को बशीरहाट सीमा पर नाकाबंदी की जाएगी.
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ़्तारी के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसा लगातार बढ़ती जा रही है. गिरफ़्तारी 31 अक्टूबर को एक स्थानीय नेता द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद हुई है, जिसमें चिन्मय दास और अन्य पर हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था. मंगलवार को बांग्लादेश की एक अदालत ने हिंदू आध्यात्मिक नेता चिन्मय दास के खिलाफ अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी 2025 तय की और कहा कि तब तक वह कथित राजद्रोह के आरोप में जेल में ही रहेंगे.
वहीं, विदेश मंत्रालय (MEA) ने दास की गिरफ़्तारी और उनकी ज़मानत खारिज करने की कड़ी आलोचना की है. गिरफ़्तारी से व्यापक आक्रोश फैल गया है और कई लोगों ने उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.