पटना : लोक गायिका शारदा सिन्हा के निधन से संगीत जगत में शोक की लहर है. सुबह 9 बजे के बाद शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर मुक्ति वाहन के जरिए गुलबी घाट के लिए निकल चुका है. उनके बेटे ने शव को कंधा दिया. पूर्व बीजेपी सांसद रामकृपाल यादव भी साथ थे. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा.
5 नवबंर को दिल्ली में हुआ था निधन : मशहूर लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा का 5 नवम्बर को दिल्ली के एम्स में रात के लगभग 9:20 बजे निधन हो गया. शारदा सिन्हा ने अपनी गायिकी से देश दुनिया में बिहार की सभ्यता और संस्कृति का प्रतिनिधित्व किया. शारदा सिन्हा को मूल रूप से छठ गीत को लेकर जाना जाता है. छठ पर्व का समय आते जगह-जगह शारदा सिन्हा के स्वर गूंजने लगते हैं.
लोगों ने दी श्रद्धांजलि : शारदा सिन्हा के द्वारा कई जीत गए गए हैं, जो आज भी हमेशा लोगों के जेहन में है. मंगलवार के दिन शारदा सिन्हा का निधन हुआ जिसके बाद बुधवार को उनके पार्थिक शरीर को दिल्ली से एयर एंबुलेंस के माध्यम से पटना लाया गया, जहां बिहार के मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं और प्रसिद्ध व्यक्तियों के द्वारा उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास पर श्रद्धांजलि दी गई.
आज शारदा सिन्हा की शव यात्रा : शारदा सिन्हा का पार्थिक शरीर कुछ देर में उनके राजेंद्र नगर स्थित आवास से पटना के गुलबी घाट पर ले जाया जाएगा, जहां उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने या ऐलान किया था कि शारदा सिन्हा जी का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा.
45 दिन पहले पति का हुआ था अंतिम संस्कार : बता दें कि शारदा सिन्हा ने अपने जन्मदिन के मौके पर फेसबुक पर या पोस्ट किया था कि मैं जल्द आऊंगी. 22 सितम्बर को आज से 45 दिन पहले उनके पति का निधन हो गया था जिनका अंतिम संस्कार भी पटना के गुलबी घाट पर किया गया था. वहीं उनकी भी आखिरी इच्छा थी कि इनका भी अंतिम संस्कार इसी घाट पर किया जाए. वहीं अपने पति की मौत के बाद शारदा सिन्हा ने फेसबुक पर पोस्ट किया था कि मैं जल्द आऊंगी. शारदा सिन्हा के पति की मौत के बाद इन्हें गहरा सदमा लगा था और उसके बाद यह लगातार बीमार रहने लगी थीं.
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