बीजापुर: छत्तीसगढ़ में जब से विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी है. उस समय से लगातार यहां नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन तेज है. नक्सल ऑपरेशन के साथ साथ यहां नक्सल उन्मूलन अभियान भी चलाया जा रहा है. लोन वर्राटू और नियद नेल्लानार योजना के जरिए भी नक्सलवाद पर प्रहार किया जा रहा है. इन सब अभियान का असर ग्राउंड रियलिटी पर भी देखने को मिल रहा है.
बीजापुर में पांच नक्सलियों का सरेंडर : सोमवार को बीजापुर में एक साथ पांच नक्सलियों ने सरेंडर किया है. सरेंडर करने वाले पांच नक्सलियों में दो माओवादियों के ऊपर कुल एक एक लाख रुपये का इनाम घोषित है. हथियार डालने वाले माओवादियों में महिला उग्रवादी पोडियाम बुधरी भी शामिल है. इसके अलावा मल्लम देवा और करतम हिड़मा नाम के नक्सलियों ने भी खून खराबे से दूर हटने का फैसला लिया है.
"मल्लाम गोलापल्ली लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वाड का सदस्य था, जबकि हड़मा प्रतिबंधित माओवादी संगठन के सिंगराम आरपीसी के तहत डीएकेएमएस का अध्यक्ष था. दोनों नक्सलियों पर एक एक लाख रुपये का इनाम घोषित है.": बीजापुर पुलिस
बस्तर में फोर्स को मिल रही सफलता: बीजापुर पुलिस के मुताबिक नक्सली पोडियाम बुधरी आरपीसी क्रांतिकारी आदिवासी महिला संगठन (केएएमएस) की सदस्य रही है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों को शासन की पुनर्वास नीति के तहत सहायता दी जाएगी. नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में बीजापुर पुलिस इसे अहम सफलता मान रही है. बस्तर में लोन वर्राटू अभियान, पूना नार्कोम अभियान और नियद नेल्लानार योजना चलाई जा रही है.
इन योजनाओं से प्रभावित होकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रेरित होकर नक्सल संगठन में शामिल युवा हिंसा का रास्ता छोड़ रहे हैं. इससे बस्तर में बदलाव की उम्मीद जगी है.
सोर्स: पीटीआई