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AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में 5 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन, मरीजों को मिलेंगी ये सुविधाएं

AIIMS ट्रॉमा सेंटर में बने नए पांच ऑपरेशन थियेटर की शुरुआत. ट्रॉमा सेंटर में ट्रॉमा मरीजों को सर्जरी के लिए नहीं करना होगा इंतजार.

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ट्रॉमा सेंटर में ट्रॉमा मरीजों को सर्जरी के लिए नहीं करना होगा इंतजार. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 24, 2024, 3:39 PM IST

नई दिल्ली: गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर में नए ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन किया गया, जो चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में एक कदम है. उद्घाटन समारोह में एम्स के डायरेक्टर और ट्रामा सेंटर के प्रमुख डॉ. कामरान फारुकी के साथ कई अन्य डॉक्टरों ने भी भाग लिया. यह नए ऑपरेशन थिएटर मरीजों को अत्यधिक सहूलियत प्रदान करने का वादा करते हैं.

सेवाओं में विस्तार और बेड की संख्या में वृद्धि: हाल के वर्षों में एम्स के ट्रामा सेंटर ने अपनी बेड क्षमता को 100 बेड जोड़कर कुल 259 बेड तक सीमित कर लिया है. आपातकालीन सेवाओं का भी विस्तार किया गया है, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है. नए ऑपरेशन थिएटर के खुलने के साथ ट्रामा सेंटर की सेवाएं और अधिक सशक्त हो गई हैं.

अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर: दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर (JPNATC) में अब पांच अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर चालू हो चुके हैं, जिससे कुल ओटी की संख्या 11 हो गई है. नए ऑपरेशन थिएटर मल्टीस्पेशियलिटी मामलों के लिए सक्षम हैं, जिससे जटिल सर्जरी का संपादन सरल हो गया है. इनमें से एक ऑपरेशन थिएटर का आकार 72 वर्ग मीटर है और इसे रेडियोसेफ बनाया गया है, जो O-arm इंट्राओप CT की सुविधा प्रदान करता है.

AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में 5 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन (ETV Bharat)

यह भी पढ़ें- दिल्ली: अति गंभीर मरीजों को एम्स की विशेष ओपीडी दिलाएगी अनावश्यक इलाज से मुक्ति

पेशेवर प्रशिक्षण के नए अवसर: नए OTs की एक और विशेषता यह है कि वे पूरी तरह से एकीकृत हैं. इसका मतलब है कि सर्जरी के दौरान की गई प्रक्रियाएं डेमो रूम, व्याख्यान थिएटर या दुनिया के किसी भी कोने में ट्रांसमिट की जा सकती हैं. इससे छात्रों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें नई तकनीकों और प्रक्रियाओं से भली-भांति परिचित कराएगा.

स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण: नए ऑपरेशन थिएटरों में संक्रमण को कम करने के लिए लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम स्थापित किया गया है. इनकी दीवारें और फर्श इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि उनकी सफाई करना सरल हो, जिससे धूल और सूक्ष्म जीवाणुओं का संचय न हो सके. इसके अलावा स्टाफ के लिए चेंज रूम और स्टोरेज स्पेस की भी व्यवस्था की गई है.

यह भी पढ़ें- Delhi: मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने महिला सुरक्षा कर्मी का किया उत्पीड़न!, एम्स ने बनाई जांच कमेटी

नई दिल्ली: गुरुवार को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के ट्रामा सेंटर में नए ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन किया गया, जो चिकित्सा सेवाओं में महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में एक कदम है. उद्घाटन समारोह में एम्स के डायरेक्टर और ट्रामा सेंटर के प्रमुख डॉ. कामरान फारुकी के साथ कई अन्य डॉक्टरों ने भी भाग लिया. यह नए ऑपरेशन थिएटर मरीजों को अत्यधिक सहूलियत प्रदान करने का वादा करते हैं.

सेवाओं में विस्तार और बेड की संख्या में वृद्धि: हाल के वर्षों में एम्स के ट्रामा सेंटर ने अपनी बेड क्षमता को 100 बेड जोड़कर कुल 259 बेड तक सीमित कर लिया है. आपातकालीन सेवाओं का भी विस्तार किया गया है, जिससे मरीजों को बेहतर सुविधा मिल रही है. नए ऑपरेशन थिएटर के खुलने के साथ ट्रामा सेंटर की सेवाएं और अधिक सशक्त हो गई हैं.

अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर: दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर (JPNATC) में अब पांच अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर चालू हो चुके हैं, जिससे कुल ओटी की संख्या 11 हो गई है. नए ऑपरेशन थिएटर मल्टीस्पेशियलिटी मामलों के लिए सक्षम हैं, जिससे जटिल सर्जरी का संपादन सरल हो गया है. इनमें से एक ऑपरेशन थिएटर का आकार 72 वर्ग मीटर है और इसे रेडियोसेफ बनाया गया है, जो O-arm इंट्राओप CT की सुविधा प्रदान करता है.

AIIMS के ट्रॉमा सेंटर में 5 मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर का उद्घाटन (ETV Bharat)

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पेशेवर प्रशिक्षण के नए अवसर: नए OTs की एक और विशेषता यह है कि वे पूरी तरह से एकीकृत हैं. इसका मतलब है कि सर्जरी के दौरान की गई प्रक्रियाएं डेमो रूम, व्याख्यान थिएटर या दुनिया के किसी भी कोने में ट्रांसमिट की जा सकती हैं. इससे छात्रों को विश्वस्तरीय प्रशिक्षण देने का अवसर मिलेगा, जो उन्हें नई तकनीकों और प्रक्रियाओं से भली-भांति परिचित कराएगा.

स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण: नए ऑपरेशन थिएटरों में संक्रमण को कम करने के लिए लैमिनर फ्लो एसी सिस्टम स्थापित किया गया है. इनकी दीवारें और फर्श इस तरह डिजाइन किए गए हैं कि उनकी सफाई करना सरल हो, जिससे धूल और सूक्ष्म जीवाणुओं का संचय न हो सके. इसके अलावा स्टाफ के लिए चेंज रूम और स्टोरेज स्पेस की भी व्यवस्था की गई है.

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