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केरल: आतिशबाजी के दौरान बड़ा हादसा, 150 से अधिक घायल, 8 गंभीर

केरल के एक मंदिर में उत्सव के दौरान बड़ा हादसा हो गया. आतिशबाजी के दौरान विस्फोट से 150 से अधिक लोग घायल हो गए.

Over 150 People Injured Fireworks Accident In Kasargod Kerala
केरल के एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान 150 से अधिक लोग घायल हो गए (ETV Bharat kerala Desk)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 29, 2024, 8:16 AM IST

Updated : Oct 29, 2024, 9:38 AM IST

कासरगोड: कासरगोड जिले में नीलेश्वरम के पास एक मंदिर उत्सव के दौरान बीती रात आतिशबाजी दुर्घटना में 150 से अधिक लोग घायल हो गए. इनमें आठ गंभीर रूप से घायल हैं. यह घटना नीलेश्वरम के थेरु अनहुत्तम्बलम मंदिर में हुई. घायलों को कासरगोड, कन्नूर और मंगलुरु के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखे जलाने से निकली चिंगारी पटाखों के ढेर तक पहुंच गई जिससे खतरनाक तरीके से आतिशबाजी होने लगी. देखते ही देखते लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई. घायलों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.

केरल के एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान बड़ा हादसा हो गया (ETV Bharat kerala Desk)

कलेक्टर और जिला पुलिस प्रमुख समेत जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे. नीलेश्वरम पुलिस ने मामला दर्ज कर मंदिर के बड़े पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने बताया कि आतिशबाजी का प्रदर्शन बिना अनुमति के किया गया था और इसमें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था.

मंदिर प्रबंधन के एक पूर्व अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि चेरुवतूर और किनानूर समेत दूरदराज के इलाकों से लोग इस उत्सव के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने बताया कि यहां आमतौर पर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी नहीं होती है और यह घटना एक अप्रत्याशित त्रासदी है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दूर खड़े लोगों को शुरू में विस्फोट की भयावहता का पता नहीं था, लेकिन बाद में जब विस्फोट होने लगा तो सभी डर गए. दुर्घटना के बाद दो दिवसीय उत्सव के सभी शेष समारोह रद्द कर दिए गए.

एफआईआर दर्ज कर जांच

घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पटाखे बिना अनुमति के और सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए जलाए गए थे. मंदिर के अध्यक्ष और सचिव को हिरासत में लिया गया. इनके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीएनएस की धारा 288,125(ए),125(बी),3(5) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 3(ए),6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया

अधिकारियों ने कहा है कि आतिशबाजी को लेकर किसी भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया. जिला कलेक्टर के. इम्बाशेखर, जिला पुलिस प्रमुख डी. शिल्पा और कन्नूर के डीआईजी राजपाल मीना ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.

विधायक का बयान

स्थानीय विधायक ई. चंद्रशेखरन ने कहा कि सतर्कता की कमी के कारण यह दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता तो इस दुर्घटना से बचा जा सकता था. सीपीआईएम के जिला सचिव एम.वी. बालकृष्णन ने इस दुर्घटना को लापरवाही के कारण 'आमंत्रित आपदा' बताया. उन्होंने कहा कि पटाखों को पेशेवरों द्वारा नहीं संभाला गया था और उन्होंने विस्तृत जांच की मांग की.

जिला पंचायत अध्यक्ष बेबी बालाकृष्णन ने दुर्घटना के लिए लापरवाही और अत्यधिक भीड़ को जिम्मेदार ठहराया तथा संकेत दिया कि मंदिर समिति सरकारी मानदंडों का पालन करने में विफल रही. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पटाखों के भंडारण के पास महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन देख रहे थे, तभी पटाखे से निकली चिंगारी उस जगह पर गिर गई.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री के काफिले की 5 गाड़ियां आपस में टकराईं, दुर्घटना में बाल-बाल बचे केरल के सीएम

कासरगोड: कासरगोड जिले में नीलेश्वरम के पास एक मंदिर उत्सव के दौरान बीती रात आतिशबाजी दुर्घटना में 150 से अधिक लोग घायल हो गए. इनमें आठ गंभीर रूप से घायल हैं. यह घटना नीलेश्वरम के थेरु अनहुत्तम्बलम मंदिर में हुई. घायलों को कासरगोड, कन्नूर और मंगलुरु के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया.

स्थानीय लोगों के अनुसार पटाखे जलाने से निकली चिंगारी पटाखों के ढेर तक पहुंच गई जिससे खतरनाक तरीके से आतिशबाजी होने लगी. देखते ही देखते लोगों की खुशियां मातम में बदल गई. घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई. घायलों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं.

केरल के एक मंदिर में आतिशबाजी के दौरान बड़ा हादसा हो गया (ETV Bharat kerala Desk)

कलेक्टर और जिला पुलिस प्रमुख समेत जिला प्रशासन के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे. नीलेश्वरम पुलिस ने मामला दर्ज कर मंदिर के बड़े पदाधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने बताया कि आतिशबाजी का प्रदर्शन बिना अनुमति के किया गया था और इसमें सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था.

मंदिर प्रबंधन के एक पूर्व अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि चेरुवतूर और किनानूर समेत दूरदराज के इलाकों से लोग इस उत्सव के लिए एकत्र हुए थे. उन्होंने बताया कि यहां आमतौर पर बड़े पैमाने पर आतिशबाजी नहीं होती है और यह घटना एक अप्रत्याशित त्रासदी है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि दूर खड़े लोगों को शुरू में विस्फोट की भयावहता का पता नहीं था, लेकिन बाद में जब विस्फोट होने लगा तो सभी डर गए. दुर्घटना के बाद दो दिवसीय उत्सव के सभी शेष समारोह रद्द कर दिए गए.

एफआईआर दर्ज कर जांच

घटना के संबंध में दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि पटाखे बिना अनुमति के और सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करते हुए जलाए गए थे. मंदिर के अध्यक्ष और सचिव को हिरासत में लिया गया. इनके खिलाफ गैर-जमानती धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. बीएनएस की धारा 288,125(ए),125(बी),3(5) और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, 1908 3(ए),6 के तहत एफआईआर दर्ज की गई है.

सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया

अधिकारियों ने कहा है कि आतिशबाजी को लेकर किसी भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया. जिला कलेक्टर के. इम्बाशेखर, जिला पुलिस प्रमुख डी. शिल्पा और कन्नूर के डीआईजी राजपाल मीना ने घटनास्थल का निरीक्षण किया.

विधायक का बयान

स्थानीय विधायक ई. चंद्रशेखरन ने कहा कि सतर्कता की कमी के कारण यह दुर्घटना हुई. उन्होंने कहा कि यदि सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता तो इस दुर्घटना से बचा जा सकता था. सीपीआईएम के जिला सचिव एम.वी. बालकृष्णन ने इस दुर्घटना को लापरवाही के कारण 'आमंत्रित आपदा' बताया. उन्होंने कहा कि पटाखों को पेशेवरों द्वारा नहीं संभाला गया था और उन्होंने विस्तृत जांच की मांग की.

जिला पंचायत अध्यक्ष बेबी बालाकृष्णन ने दुर्घटना के लिए लापरवाही और अत्यधिक भीड़ को जिम्मेदार ठहराया तथा संकेत दिया कि मंदिर समिति सरकारी मानदंडों का पालन करने में विफल रही. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पटाखों के भंडारण के पास महिलाएं और बच्चे प्रदर्शन देख रहे थे, तभी पटाखे से निकली चिंगारी उस जगह पर गिर गई.

ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री के काफिले की 5 गाड़ियां आपस में टकराईं, दुर्घटना में बाल-बाल बचे केरल के सीएम
Last Updated : Oct 29, 2024, 9:38 AM IST
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