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FIR दर्ज होने पर भड़कीं महबूबा मुफ्ती, बेटी इल्तिजा ने पुलिस पर लगाया वोटरों को धमकाने का आरोप - Mehbooba Mufti

Mehbooba Mufti: आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने के आरोप में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसको लेकर इल्तिजा मुफ्ती ने कहा है कि वोटिंग के दिन लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की गई थी, ताकि उन्हें मतदान से रोका जा सके.

Mehboobba Mufti
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 29, 2024, 4:48 PM IST

नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. पीडीपी नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.

मुफ्ती ने कहा, 'मेरे खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज होना मजेदार है. सत्ता के सामने सच बोलने के लिए पीडीपी को यह कीमत चुकानी पड़ी है. हमारा विरोध सरकार द्वारा मतदान से ठीक पहले सैकड़ों पीडीपी पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ था.'

'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें वोट देने के से रोकने के लिए पारंपरिक पीडीपी के गढ़ वाले क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया. 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'.

इल्तिजा मुफ्ती ने पुलिस पर लगाया आरोप
वहीं, इल्तिजा मुफ्ती ने दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की हिरासत के कारण विरोध प्रदर्शन हुआ. इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, '24 मई की रात को हमें अनंतनाग और कुलगाम से उन पार्टी कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे, जिन्हें पुलिस ने उठा लिया. यह सब मतदान से 10-12 घंटे पहले हुआ.'

इल्तिजा मुफ्ती का बयान (ETV Bharat)

उन्होंने आरोप लगाया कि 24 मई को पीडीपी के गढ़ों में सेना ने कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO) शुरू किया था. लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की गई, ताकि उन्हें मतदान से रोका जा सके. इस वजह से दक्षिण कश्मीर में मतदान प्रतिशत अपेक्षा से कम रहा.

पोलिंग के दिन महबूबा मुफ्ती का प्रदर्शन
बता दें कि 25 मई को अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान के दिन महबूबा मुफ्ती ने पुलिस पर बिना किसी कारण के पार्टी के पोलिंग एजेंट और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए धरना दिया था. मुफ्ती ने कहा था कि पीडीपी कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के पुलिस थानों में बंद किया जा रहा है. डीजी, एलजी और ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारी इसमें शामिल हैं.

उन्होंने पीडीपी के पोलिंग एजेंटों को पुलिस थानों में बंद कर दिया है. आपने (प्रशासन) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे, लेकिन आप यह सब कर रहे हैं. ऐसी जगह से शिकायतें मिल रही हैं जहां मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले 13 मई को उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न और अवैध गिरफ्तारी को रोकने के लिए चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा था.

यह भी पढ़ें- 'हमारे कार्यकर्ताओं को पुलिस स्टेशन में बंद किया जा रहा है', बोलीं महबूबा मुफ्ती

नई दिल्ली: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती के खिलाफ आदर्श आचार संहिता (MCC) का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज की गई है. उन्होंने बुधवार को इस बात की जानकारी दी. पीडीपी नेता ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उन्होंने भारत सरकार और स्थानीय प्रशासन के खिलाफ अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.

मुफ्ती ने कहा, 'मेरे खिलाफ आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने के लिए एफआईआर दर्ज होना मजेदार है. सत्ता के सामने सच बोलने के लिए पीडीपी को यह कीमत चुकानी पड़ी है. हमारा विरोध सरकार द्वारा मतदान से ठीक पहले सैकड़ों पीडीपी पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के खिलाफ था.'

'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'
उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन ने हमारे मतदाताओं को आतंकित करने और उन्हें वोट देने के से रोकने के लिए पारंपरिक पीडीपी के गढ़ वाले क्षेत्रों में घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू कर दिया. 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'.

इल्तिजा मुफ्ती ने पुलिस पर लगाया आरोप
वहीं, इल्तिजा मुफ्ती ने दावा किया कि पार्टी कार्यकर्ताओं की हिरासत के कारण विरोध प्रदर्शन हुआ. इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, '24 मई की रात को हमें अनंतनाग और कुलगाम से उन पार्टी कार्यकर्ताओं के फोन आने लगे, जिन्हें पुलिस ने उठा लिया. यह सब मतदान से 10-12 घंटे पहले हुआ.'

इल्तिजा मुफ्ती का बयान (ETV Bharat)

उन्होंने आरोप लगाया कि 24 मई को पीडीपी के गढ़ों में सेना ने कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन (CASO) शुरू किया था. लोगों में डर पैदा करने की कोशिश की गई, ताकि उन्हें मतदान से रोका जा सके. इस वजह से दक्षिण कश्मीर में मतदान प्रतिशत अपेक्षा से कम रहा.

पोलिंग के दिन महबूबा मुफ्ती का प्रदर्शन
बता दें कि 25 मई को अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान के दिन महबूबा मुफ्ती ने पुलिस पर बिना किसी कारण के पार्टी के पोलिंग एजेंट और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने का आरोप लगाते हुए धरना दिया था. मुफ्ती ने कहा था कि पीडीपी कार्यकर्ताओं को बिना किसी कारण के पुलिस थानों में बंद किया जा रहा है. डीजी, एलजी और ऊपर से नीचे तक सभी अधिकारी इसमें शामिल हैं.

उन्होंने पीडीपी के पोलिंग एजेंटों को पुलिस थानों में बंद कर दिया है. आपने (प्रशासन) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव होंगे, लेकिन आप यह सब कर रहे हैं. ऐसी जगह से शिकायतें मिल रही हैं जहां मशीनों (ईवीएम) से छेड़छाड़ करने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले 13 मई को उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के कथित उत्पीड़न और अवैध गिरफ्तारी को रोकने के लिए चुनाव आयोग को एक पत्र भी लिखा था.

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