नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024 पेश कर दिया है. इस दौरान वित्त मंत्री ने ने आईटी अधिनियम 1961 की व्यापक समीक्षा की घोषणा की. निर्मला सीतारमण ने आज केंद्रीय बजट (UnionBudget2024) पेश करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में टैक्सेशन और अन्य विषयों पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि, 'कर का दायरा बढ़ाने का प्रयास कुछ ऐसा है जिसे हम बार-बार कहते रहे हैं... कि भारत के कर दायरे को चौड़ा करना होगा चाहे वह प्रत्यक्ष टैक्सेशन (कराधान) और अप्रत्यक्ष टैक्सेशन में हो.
दूसरा, अब पीएसयू लाभांश भी हैं, जो सुधार हो रहा है. क्योंकि उनका मूल्यांकन वास्तव में बढ़ गया है, और उनका प्रदर्शन भी बढ़ गया है. इसलिए, राजस्व जुटाना सिर्फ कर आधारित नहीं है, आपके पास गैर-कर राजस्व जुटाना भी आ रहा है..
VIDEO | Union Budget 2024: " the attempt to widen the tax net is something which we have been repeatedly saying... that india's tax net will have to be widened whether it is in the direct taxation and indirect taxation. second, there are also now the psu dividends that have been… pic.twitter.com/UOlvQoRyVy
— Press Trust of India (@PTI_News) July 23, 2024
बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, हम पूंजीगत लाभ के लिए भी दृष्टिकोण को सरल बनाना चाहते थे. दूसरा, यदि कुछ भी हो, औसत कराधान वास्तविक में कमी आई है.
VIDEO | Union Budget 2024: " we wanted to simplify the approach to taxation, also for the capital gains. second, if anything, the average taxation actual has come down. when we say it is 12.5 per cent, because we have worked out for each of the different classes... but the point… pic.twitter.com/fAPyTfTVAb
— Press Trust of India (@PTI_News) July 23, 2024
जब हम कहते हैं कि यह 12.5 प्रतिशत है, क्योंकि हमने विभिन्न वर्गों में से प्रत्येक के लिए काम किया है... लेकिन मुद्दा यह है कि हमने इसे औसत से नीचे 12.5 प्रतिशत तक ला दिया है, जो कि यदि आप कई को देखें तो सबसे कम है वर्ष, बाज़ार में निवेश को प्रोत्साहित करता है'.
आंध्र प्रदेश के संबंध में उन्होंने कहा कि, उन्होंने पहले ही बजट भाषण में इसका उल्लेख किया है कि 15,000 करोड़ रुपये (आंध्र प्रदेश को) बहुपक्षीय विकास सहायता के माध्यम से आ रहे हैं, जिसे हम बहुपक्षीय बैंकों से उधार लेते हैं, चाहे वह विश्व बैंक हो या एडीबी या एआईबी. उन्होंने कहा, 'मैंने भी उस पैराग्राफ को यह कहकर समाप्त कर दिया था कि आगे भी सहायता दी जाएगी.'
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