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एक भैंसा को लेकर दो गांवों के बीच झगड़ा, SP तक पहुंचा मामला, DNA टेस्ट की मांग - FIGHT FOR BUFFALO

Karnataka Buffalo News: कर्नाटक के दावणगेरे जिले में एक भैंसा को लेकर दो गांवों के बीच झगड़े का मामला एसपी तक पहुंच गया है.

Fight  Between Two Villages Over Buffalo Matter Reached the Police Demands for DNA Test
एक भैंसा को लेकर दो गांवों के बीच झगड़ा, SP तक पहुंचा मामला, DNA टेस्ट की मांग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

दावणगेरे: कर्नाटक के दावणगेरे जिले में दो गांवों के ग्रामीणों के बीच मंदिर के भैंसा (दान किया गया भैंसा) को लेकर झगड़ा हो गया है. यह मामला अब पुलिस थाने पहुंच गया है. हरिहर तालुक के कुनीबेलकेरे गांव में 8 साल पहले गांव की देवी करियाम्मा देवी के लिए एक भैंसा दान किया गया था. एक हफ्ते पहले यह भैंसा पड़ोसी गांव बेलाकेरे में दिखाई दिया.

इस बीच, होन्नाली तालुक के कुलगट्टे गांव का एक भैंसा भी गायब था. आरोप है कि कुलगट्टे के ग्रामीण एक वाहन लेकर आए और उसे अपने गांव ले गए. ग्रामीणों ने दावा किया कि यह उनके ही गांव का भैंसा है.

वहीं, जब यह मामला सामने आया तो कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने भी दावा किया कि भैंसा उनके गांव का है. इस मुद्दे पर दोनों गांवों के ग्रामीणों के बीच झगड़ा हो गई, जिसके बाद यह मामला पुलिस थाने पहुंच गया.

ग्रामीणों की शिकायत
कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके गांव का भैंसा है, जिसे कुलगट्टे के ग्रामीण ले गए हैं. उन्होंने भैंसा वापस दिलाने की मांग करते हुए मालेबेन्नूर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कुलगट्टे के ग्रामीणों ने भी होन्नाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि यह हमाना भैंसा है, हमें न्याय दिलाइए.

पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया
पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया (ETV Bharat)

जब मालेबेन्नूर पुलिस ने दो गांवों के ग्रामीणों को बुलाकर इस बारे में पूछताछ की, तो दोनों गांवों के ग्रामीणों ने भैंसे पर अपना दावा जताया. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच भैंस की उम्र को लेकर चर्चा हुई. कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने कहा कि भैंसा की उम्र 8 साल है, जबकि कुलगट्टे के ग्रामीणों ने कहा कि उनके भैंसा की उम्र 3 साल है.

डीएनए टेस्ट की मांग
भैंसा किसका है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसकी उम्र जानने के लिए पशु चिकित्सक के पास गई है. पशु चिकित्सक ने दांतों के आधार पर उम्र निर्धारित की और बताया कि भैंसा 6 साल से अधिक का है. इससे यह साबित हो गया कि भैंसा कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों का है. हालांकि, कुलगट्टे के ग्रामीण इस बात से सहमत नहीं हैं और उनका कहना है कि भैंसा उन्हीं का है. इन दावों से परेशान होकर कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने मालेबेन्नूर थाने में शिकायत दर्ज कराई है और चोरी के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया
अभी तक यह मामला सुलझा नहीं है, इसलिए कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में उसी भैंसा से पैदा हुई कई भैंस हैं. इसलिए उन्होंने मांग की है कि उसका डीएनए टेस्ट कराया जाए. फिलहाल पुलिस ने भैंसा को अपने कब्जे में लेकर शिवमोग्गा की महावीर गौशाला में छोड़ दिया है.

कुनीबेलेकेरे गांव के विनायक ने कहा, "मंदिर के भैंसा के लिए कुनीबेलेकेरे और कुलगट्टे के ग्रामीणों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है. हमने मालेबेनूर पुलिस स्टेशन में भैंसा के गायब होने का मामला दर्ज कराया है. फिर पता चला कि भैंसा होन्नाली के कुलगट्टे गांव में है. कुलगट्टे के ग्रामीण तर्क दे रहे हैं कि भैंसा उनका है. अब यह मामला दावणगेरे एसपी के कार्यालय तक पहुंच गया है. कुनीबेलेकेरे के ग्रामीण डीएनए टेस्ट कराने पर जोर दे रहे हैं."

कुनीबेलेकेरे गांव के एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "हमने भैंसा के लिए मालेबेनूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. यह भैंसा करिअम्मा देवी के नाम पर छोड़ा गया है. गांव में त्योहार के लिए अभी दो साल बाकी हैं. तब तक भैंसा गांव में आ जाना चाहिए."

यह भी पढ़ें- कैसे खत्म होगी ट्रेन यात्रियों की समस्या, ऑनलाइन वेटिंग टिकट वालों पर दोहरी मार !

दावणगेरे: कर्नाटक के दावणगेरे जिले में दो गांवों के ग्रामीणों के बीच मंदिर के भैंसा (दान किया गया भैंसा) को लेकर झगड़ा हो गया है. यह मामला अब पुलिस थाने पहुंच गया है. हरिहर तालुक के कुनीबेलकेरे गांव में 8 साल पहले गांव की देवी करियाम्मा देवी के लिए एक भैंसा दान किया गया था. एक हफ्ते पहले यह भैंसा पड़ोसी गांव बेलाकेरे में दिखाई दिया.

इस बीच, होन्नाली तालुक के कुलगट्टे गांव का एक भैंसा भी गायब था. आरोप है कि कुलगट्टे के ग्रामीण एक वाहन लेकर आए और उसे अपने गांव ले गए. ग्रामीणों ने दावा किया कि यह उनके ही गांव का भैंसा है.

वहीं, जब यह मामला सामने आया तो कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने भी दावा किया कि भैंसा उनके गांव का है. इस मुद्दे पर दोनों गांवों के ग्रामीणों के बीच झगड़ा हो गई, जिसके बाद यह मामला पुलिस थाने पहुंच गया.

ग्रामीणों की शिकायत
कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने कहा कि यह उनके गांव का भैंसा है, जिसे कुलगट्टे के ग्रामीण ले गए हैं. उन्होंने भैंसा वापस दिलाने की मांग करते हुए मालेबेन्नूर थाने में शिकायत दर्ज कराई है. कुलगट्टे के ग्रामीणों ने भी होन्नाली थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें कहा गया है कि यह हमाना भैंसा है, हमें न्याय दिलाइए.

पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया
पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया (ETV Bharat)

जब मालेबेन्नूर पुलिस ने दो गांवों के ग्रामीणों को बुलाकर इस बारे में पूछताछ की, तो दोनों गांवों के ग्रामीणों ने भैंसे पर अपना दावा जताया. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच भैंस की उम्र को लेकर चर्चा हुई. कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने कहा कि भैंसा की उम्र 8 साल है, जबकि कुलगट्टे के ग्रामीणों ने कहा कि उनके भैंसा की उम्र 3 साल है.

डीएनए टेस्ट की मांग
भैंसा किसका है, इसका पता लगाने के लिए पुलिस उसकी उम्र जानने के लिए पशु चिकित्सक के पास गई है. पशु चिकित्सक ने दांतों के आधार पर उम्र निर्धारित की और बताया कि भैंसा 6 साल से अधिक का है. इससे यह साबित हो गया कि भैंसा कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों का है. हालांकि, कुलगट्टे के ग्रामीण इस बात से सहमत नहीं हैं और उनका कहना है कि भैंसा उन्हीं का है. इन दावों से परेशान होकर कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों ने मालेबेन्नूर थाने में शिकायत दर्ज कराई है और चोरी के आरोप में 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.

पुलिस ने भैंसा कब्जे में लिया
अभी तक यह मामला सुलझा नहीं है, इसलिए कुनीबेलकेरे के ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव में उसी भैंसा से पैदा हुई कई भैंस हैं. इसलिए उन्होंने मांग की है कि उसका डीएनए टेस्ट कराया जाए. फिलहाल पुलिस ने भैंसा को अपने कब्जे में लेकर शिवमोग्गा की महावीर गौशाला में छोड़ दिया है.

कुनीबेलेकेरे गांव के विनायक ने कहा, "मंदिर के भैंसा के लिए कुनीबेलेकेरे और कुलगट्टे के ग्रामीणों के बीच लड़ाई शुरू हो गई है. हमने मालेबेनूर पुलिस स्टेशन में भैंसा के गायब होने का मामला दर्ज कराया है. फिर पता चला कि भैंसा होन्नाली के कुलगट्टे गांव में है. कुलगट्टे के ग्रामीण तर्क दे रहे हैं कि भैंसा उनका है. अब यह मामला दावणगेरे एसपी के कार्यालय तक पहुंच गया है. कुनीबेलेकेरे के ग्रामीण डीएनए टेस्ट कराने पर जोर दे रहे हैं."

कुनीबेलेकेरे गांव के एक अन्य व्यक्ति ने कहा, "हमने भैंसा के लिए मालेबेनूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है. यह भैंसा करिअम्मा देवी के नाम पर छोड़ा गया है. गांव में त्योहार के लिए अभी दो साल बाकी हैं. तब तक भैंसा गांव में आ जाना चाहिए."

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