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"नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी", फारूक अब्दुल्ला ने किया बड़ा ऐलान - Farooq Abdullah on Bangladesh Issue

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 7, 2024, 10:40 PM IST

Farooq Abdullah on Bangladesh Issue: नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुखिया फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी पार्टी किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी. इसी के साथ अब्दुल्ला ने बांग्लादेश संकट और हज नीति समेत तमाम बड़े मुद्दों पर बात की.

Farooq Abdullah national conference
फारूक अब्दुल्ला (ANI)

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने पत्रकारों से अपना और अपनी पार्टी का रूख साफ करते हुए कहा कि, चुनावों में उनकी पार्टी किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी.

इसके साथ ही अब्दुल्ला ने हज नीति और केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्र की तीखी आलोचना की. इस दौरान अब्दुल्ला ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भी टिप्पणी की और केंद्र सरकार को सलाह दी.

बांग्लादेश टेंशन पर क्या बोले अब्दुल्ला
बांग्लादेश की स्थिति पर बोलते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि, ‘‘हमारा देश अलग है और बांग्लादेश की स्थिति अलग थी... जबकि शेख हसीना भारत समर्थक थीं, बांग्लादेश के लोग नहीं थे.

"पड़ोसी मुल्क हमारा मित्र या भागीदार नहीं", अब्दुल्ला ने कहा
उन्होंने कहा कि, हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, हमारे देश को संभावित खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, आज, हमारा कोई भी पड़ोसी देश चाहे वह पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश या श्रीलंका हो हमारा मित्र या भागीदार नहीं है. हम अलग-थलग पड़ गए हैं."

"पड़ोसी मुल्कों के साथ 'सच्चे बिग ब्रदर' की भूमिका निभाए भारत", अब्दुल्ला बोले
उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बड़े भाई (भारत) ने अपने छोटे भाई-बहनों (पड़ोसी मुल्क) को नाराज कर दिया है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि, भारत को एक सच्चे बड़े भाई की तरह पड़ोसी देशों को दोस्त बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग के अधिकारी इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और सरकार से सलाह-मशविरा करने के बाद चुनाव की तारीखों पर फैसला लेंगे.

हज नीति पर अब्दुल्ला का कड़ा विरोध
हज नीति के बारे में अब्दुल्ला ने कड़ा विरोध जताया. उन्होंने सवाल किया कि, सरकार को हज के बारे में फैसले क्यों लेने चाहिए? लोग अपने पैसे से हज पर जाते हैं. अगर कोई अमरनाथ या केदारनाथ की तीर्थयात्रा पर जा रहा है, तो सरकार को क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए या उन्हें क्यों रोकना चाहिए? सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है."

ये भी पढ़ें: 'आतंकवादी आते रहेंगे', आतंकी हमलों पर बोले फारूक अब्दुल्ला, पाकिस्तान से बातचीत की वकालत की

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है. उन्होंने कहा कि, उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर में अकेले चुनाव लड़ेगी. उन्होंने पत्रकारों से अपना और अपनी पार्टी का रूख साफ करते हुए कहा कि, चुनावों में उनकी पार्टी किसी भी पार्टी के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगी.

इसके साथ ही अब्दुल्ला ने हज नीति और केंद्र शासित प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर केंद्र की तीखी आलोचना की. इस दौरान अब्दुल्ला ने बांग्लादेश के मुद्दे पर भी टिप्पणी की और केंद्र सरकार को सलाह दी.

बांग्लादेश टेंशन पर क्या बोले अब्दुल्ला
बांग्लादेश की स्थिति पर बोलते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि, ‘‘हमारा देश अलग है और बांग्लादेश की स्थिति अलग थी... जबकि शेख हसीना भारत समर्थक थीं, बांग्लादेश के लोग नहीं थे.

"पड़ोसी मुल्क हमारा मित्र या भागीदार नहीं", अब्दुल्ला ने कहा
उन्होंने कहा कि, हाल के घटनाक्रमों को देखते हुए, हमारे देश को संभावित खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि, आज, हमारा कोई भी पड़ोसी देश चाहे वह पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश या श्रीलंका हो हमारा मित्र या भागीदार नहीं है. हम अलग-थलग पड़ गए हैं."

"पड़ोसी मुल्कों के साथ 'सच्चे बिग ब्रदर' की भूमिका निभाए भारत", अब्दुल्ला बोले
उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बड़े भाई (भारत) ने अपने छोटे भाई-बहनों (पड़ोसी मुल्क) को नाराज कर दिया है. उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि, भारत को एक सच्चे बड़े भाई की तरह पड़ोसी देशों को दोस्त बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनावों के बारे में अब्दुल्ला ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग के अधिकारी इस क्षेत्र का दौरा करेंगे और सरकार से सलाह-मशविरा करने के बाद चुनाव की तारीखों पर फैसला लेंगे.

हज नीति पर अब्दुल्ला का कड़ा विरोध
हज नीति के बारे में अब्दुल्ला ने कड़ा विरोध जताया. उन्होंने सवाल किया कि, सरकार को हज के बारे में फैसले क्यों लेने चाहिए? लोग अपने पैसे से हज पर जाते हैं. अगर कोई अमरनाथ या केदारनाथ की तीर्थयात्रा पर जा रहा है, तो सरकार को क्यों हस्तक्षेप करना चाहिए या उन्हें क्यों रोकना चाहिए? सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है."

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