चंडीगढ़ : एक तरफ किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं जिसे देखते हुए सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतज़ाम किए गए हैं तो वहीं केंद्र सरकार से मिले न्यौते के बाद चंडीगढ़ में किसान नेताओं के साथ केंद्रीय टीम की बैठक करीब 5 घंटे तक चली.
किसान नेताओं के साथ बैठक : चंडीगढ़ के सेक्टर- 26 में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बैठक हुई. भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से किसानों को पत्र जारी कर बैठक के लिए बुलाया गया था. पत्र में किसान संगठनों के नेताओं को संबोधित करते हुए कहा गया था कि किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए वे दूसरे दौर की बातचीत के लिए चंडीगढ़ पहुंचे. बैठक को 4 घंटे से ज्यादा वक्त बीत चुका है. इस बीच बड़ी ख़बर ये आ रही है कि किसान संगठनों के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों की टीम के बीच कई मांगों को लेकर सहमति बन चुकी है. सिर्फ एमएसपी और कर्ज माफी को लेकर पेंच फंसा हुआ है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को रात 8.30 बजे वापस दिल्ली लौटना था लेकिन बैठक की अहमियत को देखते हुए वे वापस नहीं लौटे और किसानों के साथ बैठक कर रहे हैं. MSP पर गारंटी की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि कमेटी बना देते हैं. हाई पावर कमेटी में किसान भी होंगे. जो कमेटी बनेगी वो निर्धारित समयसीमा में फैसला लेगी. लेकिन किसानों ने कहा कि तुरंत पक्का ऐलान किया जाए. किसानों की कर्ज माफी की मांग पर केंद्र सरकार ने कहा कि बैंकों की कर्ज माफी पर बातचीत के बाद ही कोई फैसला हो सकता है. किसानों ने कहा कि बैंकों की कर्ज माफी भी तुरंत हो.
जब तलवार लेकर पहुंचे निहंग सिख : वहीं जब सेक्टर 26 में महात्मा गांधी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में बैठक चल रही थी तो बाहर वहां कुछ निहंग सिख डंडे और तलवार लेकर पहुंच गए. पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया तो उन्होंने बताया कि किसान नेताओं ने उन्हें बुलाया था और फिर वे किसान नेता से बात करके वहां से वापस लौट गए.
अच्छे माहौल में हुई थी पहले दौर की बातचीत : आपको बता दें कि केंद्र सरकार के न्यौते के बाद चंडीगढ़ में किसानों का प्रतिनिधिमंडल पहुंचा था. बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल मौजूद हैं. आज की बैठक में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय नहीं पहुंचे. पंजाब के कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल भी बैठक में मौजूद हैं. जबकि पहली बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान मौजूद थे. आपको बता दें कि पहले दौर की बैठक खत्म होने के बाद किसान संगठनों ने कहा था कि केंद्रीय नेताओं के साथ उनकी बातचीत अच्छे माहौल में हुई है. इसके साथ ही किसानों ने कहा था कि वे केंद्र सरकार के साथ बातचीत के लिए हमेशा तैयार है और जब भी उन्हें बुलाया जाएगा, वे बैठक में शामिल होंगे. वे बातचीत के जरिए इस गतिरोध का समाधान चाहते हैं.
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