चंडीगढ़ : किसानों के दिल्ली कूच के चलते अंबाला के शंभू बॉर्डर पर तनाव है तो दूसरी तरफ किसान नेताओं से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिशें भी की जा रही है. हालांकि अब तक तीन दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन फिर भी मसले का समाधान नहीं निकल पाया है. अब ऐसे में अब चौथे दौर की बैठक हो रही है. उम्मीदें जताई जा रही है कि इस बैठक में शायद दोनों पक्षों के बीच सहमति बने और मसले का समाधान निकल सके. आज की बैठक में किसान नेताओं का 14 सदस्यों वाला प्रतिनिधिमंडल भी शामिल है. वहीं बैठक में पंजाब के सीएम भगवंत मान के साथ तीन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, अर्जुन मुंडा, नित्यानंद राय भी मौजूद हैं.
2 मिनट की श्रद्धांजलि : बैठक शुरू होने से पहले गुरदासपुर के किसान ज्ञान सिंह को 2 मिनट की श्रद्धांजलि भी दी गई. आपको बता दें कि अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसान आंदोलन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से ज्ञान सिंह का निधन हो गया था.
![Farmers Protest Update Chandigarh Meeting Union Ministers Bhagwant Mann Haryana Punjab Border Shambhu Border](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-02-2024/20776096_kisan.jpg)
MSP और कर्ज माफी पर फंसा पेंच : अब तक देखा जाए तो किसान नेताओं की सरकार से तीन दौर की बातचीत हो चुकी है. जब-जब ये बैठक हुई तो उम्मीद जताई गई कि शायद इस बैठक में बात बन जाए और बैठक खत्म आने के बाद कोई गुड न्यूज़ सुनने को मिले लेकिन ऐसा हो ना सका. बताया जा रहा है कि एमएसपी और कर्ज माफी पर पेंच अटका हुआ है. ऐसे में किसान शंभू बॉर्डर पर दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं. वहीं सुरक्षा बल उन्हें रोकने की कोशिशों में जुटे हुए हैं.
![Farmers Protest Update Chandigarh Meeting Union Ministers Bhagwant Mann Haryana Punjab Border Shambhu Border](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-02-2024/20776096_farmers-demand.jpg)
चौथे राउंड की बातचीत : हालांकि सकारात्मक माहौल में तीन दौर की बातचीत हुई है. पहले दौर की बातचीत 8 फरवरी को हुई, जबकि दूसरे दौर की बातचीत 4 दिन बाद किसानों के दिल्ली कूच से पहले 12 फरवरी को हुई, वहीं 3 दिन बाद तीसरे दौर की बैठक 15 फरवरी को हुई. अब चौथे दौर की बैठक हो रही है. पहली और तीसरी बैठक में केंद्रीय मंत्रियों के अलावा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद थे लेकिन इसके बावजूद भी बात नहीं बन पाई. अगर 15 फरवरी को हुई बैठक की बात करें तो केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने बैठक के बाद कहा था कि बहुत ही सकारात्मक माहौल में किसान संगठनों से बातचीत हुई है. अब ऐसे में देखने वाली बात होगी कि क्या चौथे दौर की बातचीत में कोई समाधान निकल पाता है या ये बातचीत भी अब तक हुई बातचीत की तरह बेनतीजा ही साबित होती है.
हुड्डा को समाधान निकलने की उम्मीद : वहीं इस बीच हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा है कि उन्हें उम्मीद है कि आज की बातचीत में कोई समाधान निकलेगा और सरकार एमएसपी पर जरूर कोई फैसला लेगी.
केजरीवाल को समाधान निकलने की उम्मीद : वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से जब किसान संगठनों के साथ सरकार की बैठक को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि मामले में कोई रास्ता निकलेगा.
सिद्धू का तंज : इस बीच कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ही अंदाज़ में बोलते हुए कहा है कि "बातें हैं, बातों का क्या. एमएसपी और किसानों की आमदनी दोगुनी कर दी जाएगी, इससे बड़ा झूठ इस दुनिया में कुछ और हो सकता है क्या ?"
शंभू बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन : एक तरफ जहां बैठक से समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ अंबाला के शंभू बॉर्डर पर किसान दिल्ली कूच करने के लिए डटे हुए हैं. किसानों ने आज भी शंभू बॉर्डर पर विरोध-प्रदर्शन किया.
"खेती के खर्चे बढ़े" : वहीं पंजाब किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा है कि "शंभू बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. सरकार से बातचीत भी कर रहे हैं. खेती के खर्चे बढ़ते चले जा रहे हैं, ऐसे में किसान एमएसपी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए."
"सरकार नहीं दे रही ध्यान" : किसानों के विरोध पर बोलते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि "जब भी हम बैठक में जाएंगे, इस उम्मीद के साथ जाएंगे कि सरकार हमारी बात सुनेगी. दुख की बात है कि सरकार उन किसानों पर पर्याप्त ध्यान नहीं दे रही है, जो देश की जीडीपी में 20 प्रतिशत का योगदान देते हैं."
दिल्ली में एंट्री के लिए दो लिंक रोड खोले गए : वहीं किसानों के दिल्ली कूच से आम लोगों को हो रही परेशानी के बीच हरियाणा के लोगों के लिए पहली राहत की खबर आई है. दरअसल दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में एंट्री के लिए जरूरी दो लिंक रोड खोलकर लोगों को आने-जाने की छूट दे दी है. इससे रोजाना हरियाणा से दिल्ली आने-जाने वाले लोगों के अलावा छोटे-बड़े उद्योगों से जुड़े हजारों कर्मचारियों को राहत मिल सकेगी. दिल्ली से कुंडली वाया सिंधु गांव, दिल्ली से कुंडली वाया दहिसरा गांव, नरेला-सफियाबाद के रोड को खोलकर राहत दी है. जबकि इससे पहले हरियाणा-दिल्ली की सभी सीमाएं बीते छह दिन से सील होने के चलते सबसे ज्यादा परेशानी का सामना हरियाणा के लोगों को करना पड़ रहा था.
![Farmers Protest Update Chandigarh Meeting Union Ministers Bhagwant Mann Haryana Punjab Border Shambhu Border](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/18-02-2024/20776096_barricade-hate.jpeg)
"ट्रैक्टरों से क्यों डरी सरकार ? " : वहीं भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के नेतृत्व में कुरुक्षेत्र में किसानों, मजदूर संगठनों और खापों की बैठक हुई. सभी ने एक साथ मिलकर सरकार के खिलाफ आंदोलन तेज़ करने का फैसला किया है. मीटिंग के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ट्रैक्टर से दिल्ली कूच करने के सवाल पर कहा कि "जिसके पास जो गाड़ी होती है, वो उसी से जाता है. किसानों को अपने साथ खाने और रहने का सामान भी लेकर जाना है. इसलिए किसान ट्रैक्टरों से दिल्ली जाना चाहते हैं. लेकिन ना जाने क्यों सरकार ट्रैक्टरों से डरी हुई है". वही धनखड़ खाप के प्रधान ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि "सरकार ट्रैक्टरों से अगर इतनी डरी हुई है तो किसानों को रहने, खाने की सुविधा कर दे. किसान ट्रेनों, बसों के अलावा पैदल मार्च करते हुए भी दिल्ली चले जाएंगे."
"किसानों की मांगें जायज़" : इस बीच रोहतक में पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के तेवर बरकरार हैं. उन्होंने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि किसानों की मांगें जायज़ है. भारत आज दुनिया में आर्थिक शक्ति बनने जा रहा है लेकिन किसानों को उनका अधिकार नहीं मिल पाया है.
डिंपल यादव का सरकार पर वार : वहीं यूपी के मैनपुरी में सपा सांसद डिंपल यादव ने किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि किसान संघर्ष कर रहे हैं और उन पर सरकार हथियारों का इस्तेमाल कर रही है. छर्रों का भी इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही सोनिक शस्त्रों का भी प्रयोग करने का सरकार सोच रही है. किसानों के ऊपर रबर बुलेट और आंसू गैस के हमले किए जा रहे हैं. ऐसे में सरकार लोगों को मूल मुद्दों से भटकाने के लिए यूसीसी लेकर आ रही है.
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