चंडीगढ़: किसान संगठनों के दिल्ली कूच के आह्वान पर मंगलवार, 13 फरवरी को हजारों प्रदर्शनकारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ पंजाब के साथ लगते शंभू बॉर्डर और दाता सिंह वाला बॉर्डर पर धारा-144 लागू होने के बावजूद बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की. पुलिस के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर भारी पथराव किया ऐसे में किसानों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल किया गया. जब प्रदर्शनकारी शांत नहीं हुए तो आंसू गैस के गोले भी दागे गए. फिलहाल बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात हैं. वहीं किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए ट्रैफिक को भी डायवर्ट किया गया है.
पंजाब में 4 घंटे रेल रोकने का ऐलान: भारतीय किसान एकता यूनियन उगराहां ने पंजाब में 4 घंटे के लिए रेल मार्ग रोकने का ऐलान किया है. किसानों ने ऐलान किया है कि 15 फरवरी को पंजाब में कुल 7 जगहों पर 4 घंटे तक रेल मार्ग रोके जाएंगे. पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों के शांतिमय प्रदर्शन पर आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें किए जाने से किसान नाराज हैं.
शंभू बॉर्डर पर फिर छोड़े गए आंसू गैस: शंभू बॉर्डर से एक बार फिर से किसान दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं. बॉर्डर पर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी किसान डटे हुए हैं. वहीं, प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए आज (बुधवार, 14 फरवरी को) एक बार फिर से आंसू गैस के गोले छोड़े गए हैं.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का गंभीर आरोप: सरवन सिंह पंढेर ने कहा है "बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल हो रहा है. एसएलआर की गोली चलाई गई. प्लास्टिक और रबड़ की गोली चलाई गई और आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं. हमें खालिस्तानी बताया जा रहा है. आंदोलन का मकसद अपनी मांगें मनवानी है. एमएसपी पर अनाजों की खरीद गारंटी कानून बनाया जाए. हम टकराव के लिए नहीं आए हैं. या तो सरकार मांगें मान ले या फिर दिल्ली जाने का अधिकार दिया जाए. पहले दिन जो मांग पत्र था वहीं मांग पत्र अभी भी है. दिखाया जा रहा है कि किसानों ने पत्थरबाजी की जो कि ठीक नहीं है. शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से भी किसानों को उठाया गया है, जिन्हें अंबाला पुलिस स्टेशन में रखा गया है. हमारे काफी किसान अस्पताल में उपचाराधीन हैं."
केंद्रीय मंत्री की किसानों से अपील: वहीं, किसानों के प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा का कहना है, "हम चर्चा के लिए तैयार हैं. हमें सभी पक्षों को ध्यान में रखकर बातचीत करनी होगी. मैं किसान संघ से अनुरोध करता हूं कि वे चर्चा का माहौल बनाए रखें. बिना सोचे समझे फैसला लेना संभव नहीं है"
हरियाणा में 24 पुलिसकर्मी घायल: हरियाणा में बॉर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने वाटर कैनन, आंसू गैस के गोले दागे गए. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस दौरान हल्के बल का भी इस्तेमाल किया गया. प्रदर्शन के दौरान स्थिति नियंत्रण में रखने में जुटे पुलिसकर्मियों पर पथराव के चलते 24 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं. इन पुलिसकर्मियों में 15 पुलिसकर्मी शम्भू बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान घायल हुए, जबकि 9 पुलिसकर्मी दाता सिंह बॉर्डर जींद में घायल हुए.
झज्जर में स्थिति नियंत्रण में: हरियाणा के झज्जर के डीएसपी अनिल कुमार का कहना है, 'फिलहाल माहौल शांतिपूर्ण है. ट्रैफिक डायवर्ट कर दिया गया है. पैदल यात्रियों की आवाजाही सामान्य है. किसी तरह की कोई अव्यवस्था न फैले इसके लिए बॉर्डर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.'
शंभू बॉर्डर पर तनाव: किसानों के विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन हरियाणा के अंबाला में शंभू बॉर्डर पर सुरक्षा जांच चल रही है. अंबाला के शंभू बॉर्डर के साथ अब जींद के दाता सिंह वाला बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया है. पंजाब से दिल्ली जाने के लिए ये दोनों मुख्य मार्ग है इसलिए यहां पर किसानों को हर हाल में रोकने की प्रशासन की कोशिश है. पुलिस को किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के साथ वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा है.
पुलिस के कई जवान घायल: प्रदर्शनकारी किसानों के साथ झड़प में कई पुलिस के जवान घायल हुए हैं. दाता सिंह वाला बॉर्डर पर 2 आईपीएस और 10 डीएसपी मोर्चा संभाले हुए हैं. किसान आज (बुधवार, 14 फरवरी को) एक बार फिर से शंभू बॉर्डर से होते हुए दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं.
किसानों के दिल्ली कूच पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की प्रतिक्रिया: किसानों के 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा 'मोदी सरकार पहले दिन से ही किसानों के पक्ष में रही है. हम उनके लिए कई योजनाएं लेकर आए. वार्ता इसलिए विफल हो रही है क्योंकि हर दिन नई-नई मांगें जुड़ रही हैं. हम बैठ कर बात करने को तैयार हैं. हिंसा और पथराव कोई समाधान नहीं है, केवल शांति ही समाधान ला सकती है.'
हरियाणा के 7 जिलों में इंटरनेट बंद: बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए हरियाणा के 7 जिलों अंबाला, कुरुक्षेत्र, जींद, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद और कैथल में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. ताकि प्रदर्शनकारी किसी तरह की कोई अफवाह न फैला सकें. इसके साथ ही अन्य जिलों में भी सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
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