अंबाला: किसानों के दिल्ली कूच को लेकर अंबाला का शंभू बार्डर अभी चर्चा में बना हुआ है. क्योंकि पंजाब की तरफ से जो किसान चले हैं वे अंबाला के शंभू बॉर्डर पर रुके हुए हैं. हरियाणा प्रशासन ने उन किसानों को वहीं रोक देने के लिए तमाम कदम उठाए हैं. बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर डटे हुए हैं. उनकी पूरी कोशिश है कि किसी तरह शंभू बॉर्डर को पार कर के दिल्ली के लिए कूच किया जाए.
कैसे कटी रात: मंगलवार, 13 फरवरी को दिन भर की भाग दौड़ के बाद किसानों ने सड़क पर ही डेरा डाल दिया. तस्वीरों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि जिसे जहां जगह मिली वह वहीं लेट गया. किसानों ने सड़क पर ही चाय और लंगर की व्यवस्था कर ली. वहीं, कुछ किसान ऐसे थे जो रात को ही बॉर्डर को क्रॉस कर हरियाणा की सीमा में दाखिल होना चाहते थे लेकिन हरियाणा पुलिस की तरफ से रात भर इन किसानों को तितर बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले लगातार फेंके जाते रहे. घायल किसानों की मरहम पट्टी की भी व्यवस्था थी. आंदोलन में शामिल किसान एंबुलेंस को लेकर चल रहे हैं. किसानों का कहना कि वह जब घर से निकले थे तो सर पर कफन बांधकर निकले थे. ऐसे में हरियाणा सरकार उनको चाह कर भी नहीं रोक सकती, क्योंकि किसान अब आर पार की लड़ाई के मूड में है.
आंदोलन में महिलाएं भी शामिल: किसानों के दिल्ली कूच के अभियान में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. महिलाएं भी प्रदर्शन में जम कर भाग ले रही हैं. महिलाओं का कहना है कि हम किसी भी कीमत में पीछे नहीं हटेंगे. महिलाएं खाना बनाने में मदद कर रही हैं. कोई सब्जी काट रहा है तो कोई चाय बना रहा है. किसानों ने साथ लाए ट्रैक्टर में ही आवश्यकता की अधिकांश चीजों को रख लिया है. आज (बुधवार, 14 फरवरी को) सुबह में भी लंगर की व्यवस्था की गयी है. ठंड में आंदोलन के साथ साथ चाय की चुस्की भी ली जा रही है. टमाटर, गाजर, मटर की सब्जी बन रही है.
पतंगबाजी करते किसान: शंभू बॉर्डर पर यह एक तरफ पूरी तरह से तनाव का माहौल है तो वहीं दूसरी तरफ आंदोलनकारी किसान पतंग उड़ा के तनाव को कम करने की कोशिश कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि ड्रोने के जरिए जो बार-बार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं, अब इन्हीं पतंग से उन ड्रोन को जमीन पर गिराया जाएगा.
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