चंडीगढ़: किसान एक बार फिर से सड़कों पर उतर आए हैं. किसान 13 फरवरी से दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं लेकिन दिल्ली और पंजाब से लगे हरियाणा के बॉर्डर पूरी तर से सील कर दिए गए हैं. बॉर्डर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. किसानों को रोकने के लिए कई लेयर बैरिकेडिंग की गई है. सड़कों पर कीलें लगाई गई है. हालात पर हर पल नजर बनाए रखने के लिए लगातार ड्रोन से निगरानी की जा रही है. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लगातार आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं. प्रशासन के इस रवैये से किसान संगठनों में भारी नाराजगी है. पुलिस कार्रवाई के बावजूद किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं. आखिर इस आंदोलन की अगुवाई करने वाले सरवन सिंह पंढेर कौन हैं और किसान आंदोलन के लेकर किसान नेताओं का क्या कहना है आइए जानते हैं.
कौन हैं सरवन सिंह पंढेर?: पंजाब के अमृतसर के रहने वाले वाले किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के नेता सरवन सिंह पंढेर ने किसान आंदोलन 2.0 की रणनीति तैयार की है. उनकी ही एक आवाज पर आज हजारों किसान दिल्ली बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं. सरवन सिंह पंढेर साल 2007 में किसान संघर्ष कमेटी से अलग हुए हुए थे. इसके बाद सतनाम सिंह पन्नू ने किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का गठन किया. सरवन सिंह पंढेर किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के मुख्य चेहरा हैं.
कौन हैं जगजीत सिंह डल्लेवाल?: किसान आंदोलन की बागडोर को संभालने वाले किसान नेताओं एक और बड़े किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का नाम भी शामिल है. जगजीत सिंह डल्लेवाल की अगुवाई में किसान साल 2022 में पंजाब में बड़ा किसान आंदोलन कर चुके हैं. बता दें कि दिल्ली कूच करने वाले किसान संगठनों में से लगभग 50 संगठन का नेतृत्व जगजीत सिंह डल्लेवाल कर रहे हैं. जगजीत सिंह डल्लेवाल खुद एक किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (BKU सिद्धपुर) की कमान संभाले हुए हैं.
क्या कहते हैं किसान नेता सरवन सिंह पंढेर?: सरवन सिंह पंढेर ने कहा है "बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों का इस्तेमाल हो रहा है. एसएलआर की गोली चलाई गई. प्लास्टिक और रबड़ की गोली चलाई गई और लगातार आंसू गैस छोड़े जा रहे हैं. हमें खालिस्तानी बताया जा रहा है. हमारी मांग है कि MSP पर अनाजों की खरीद गारंटी कानून बनाया जाए. किसानों के कर्ज माफ किए जाए. हम टकराव के लिए नहीं आए हैं ऐसे में या तो सरकार मांगें मान ले या फिर दिल्ली जाने का अधिकार दिया जाए. पहले दिन जो मांग पत्र था वहीं मांग पत्र अभी भी है. शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर से भी किसानों को उठाया गया है, जिन्हें अंबाला पुलिस स्टेशन में रखा गया है. हमारे कई किसान साथी अस्पताल में भर्ती हैं."
राकेश टिकैत का सरकार पर गंभीर आरोप: मंगलवार, 13 फरवरी के बेंगलुरु दौरे पर पहुंचे भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत ने किसान आंदोलन 2.0 को लेकर सरकार पर बड़ा हमला बोला. राकेश टिकैत ने कहा "देश में बहुत संगठन हैं, सभी अपने तरीके से काम कर रहे हैं. सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है. किसान अपने हक के लिए सड़क पर उतर रहे हैं लेकिन सरकार सड़क पर दीवार बना रही है. सड़कों पर कीलें ठोक रही है. सरकार गलत तरीके से किसानों को रोकने का प्रयास कर रही है, किसानों से बातचीत होनी चाहिए. अभी भले ही वह इस आंदोलन में शामिल नहीं हैं लेकिन सभी किसान हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 16 फरवरी को ग्रामीण भारत बंद का आह्वान किया गया है."
गुरनाम सिंह चढूनी की सरकार को नसीहत: किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा है "हरियाणा पंजाब के बॉर्डर पर जो किसान आंदोलन चल रहा है. पुलिस किसानों पर आंसू गैस, प्लास्टिक की गोली, लाठीचार्ज आदि का इस्तेमाल कर रही है. इस प्रदर्शन में काफी किसानों की घायल होने की भी सूचना है. हमारी सरकार को सलाह है कि वह संयम बरते. किसानों के साथ जोर जबरदस्ती न करें. ये विदेशी किसान नहीं हैं. सरकार ने पंजाब हरियाणा के बॉर्डर को 2 देशों के बीच का बॉर्डर बना दिया है. किसानों के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, वह सरासर गलत है. सरकार किसानों को उकसाने की कोशिश न करें. वरना किसानों को संभालना मुश्किल हो जाएगा. सरकार किसानों की मांगों पर सौहार्दपूर्ण विचार कर बात करे."
गुरनाम सिंह चढ़ूनी का आरोप: वहीं, इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU चढ़ूनी) नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा है "किसान आंदोलन 2.0 को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने हमें छोड़कर अन्य SKM नेताओं सहित कई किसान संगठनों को न्योता दिया है. जगजीत सिंह डल्लेवाल ने खुद दिल्ली जाने का फैसला किया है. कुछ नेता अपने आपको बड़ा हीरो बनने के लिए भोले-भाले किसानों को बहला-फुसला कर आंदोलन के नाम पर दिल्ली ले जा रहे हैं."
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