चंडीगढ़: हरियाणा-पंजाब सीमा पर 21 फरवरी 2024 को किसानों के दिल्ली चलो मार्च के दौरान पुलिस द्वारा कथित गोलीबारी में मारे गए किसान शुभकरण (22) की मौत मामले में नया आधिकारिक खुलासा हुआ है. इस खुलासे के अनुसार युवा किसान शुभकरण की मौत पंजाब की सीमा में नहीं बल्कि हरियाणा की सरहद में हुई थी. यह खुलासा न्यायिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है. कमेटी ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सौंप दी है.
हथियार और मौत की जिम्मेदारी तय होना बाकी
न्यायिक जांच कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया कि शुभकरण की मौत हरियाणा की सीमा में हुई है. लेकिन घटना में इस्तेमाल हथियार और मौत के लिए जिम्मेदार कौन है, फिलहाल यह तय किया जाना बाकी है. हाईकोर्ट ने इस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर लेकर कमेटी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य फॉरेंसिक सबूत सौंपने का आदेश दिया है.
MSP गारंटी के प्रदर्शन में मौत
किसान शुभकरण सिंह की 21 फरवरी 2024 को पंजाब-हरियाणा सीमा पर फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी संबंधी कानून की मांग को लेकर किए प्रदर्शन के दौरान मौत हुई थी. शुभकरण को गोली मारने के आरोप हरियाणा पुलिस पर हैं. मामले में पंचकूला निवासी एडवोकेट उदय प्रताप सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए जांच की मांग की थी.
रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कमेटी गठित
हाईकोर्ट ने सात मार्च 2024 को शुभकरण सिंह की मौत मामले की जांच के लिए हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी. कमेटी की अध्यक्षता पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की पूर्व जस्टिस जयश्री ठाकुर को सौंपी गई. कमेटी का हिस्सा हरियाणा के एडीजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों और पंजाब के एडीजीपी प्रमोद बन को भी बनाया गया था.
कमेटी की जांच का फोकस:
गठित कमेटी को जांच में यह पता लगाना था कि शुभकरण की मौत हरियाणा के क्षेत्राधिकार में हुई या फिर पंजाब के अंतर्गत क्षेत्र में हुई. इसके अलावा मौत के कारण क्या थे और किस हथियार का इस्तेमाल किया गया था. साथ ही आंदोलनकारियों पर बल प्रयोग किया गया था और क्या ऐसा करना परिस्थितियों के अनुरूप था या नहीं. शुभकरण की मौत संबंधी मुआवजे पर भी कमेटी को फैसला लेना है.
21 को मौत, 29 फरवरी को संस्कार:
किसानों के दिल्ली चलो मार्च के दौरान 21 फरवरी को पुलिस द्वारा कथित गोलीबारी में किसान शुभकरण सिंह की मौत हुई थी. इसके बाद 29 फरवरी को शुभकरण के पैतृक गांव बलोह में उसका अंतिम संस्कार किया गया था. शुभकरण सिंह की मौत से आक्रोशित किसान संगठनों ने मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद ही उसका अंतिम संस्कार किए जाने की बात कही थी. ऐसे में पंजाब पुलिस द्वारा चंद दिन बाद ‘जीरो एफआईआर’ दर्ज की गई और फिर शुभकरण का दाह संस्कार किया गया.