करनाल: किसान आंदोलन-2 में भाग लेने वाले किसानों के लिए नई समस्या खड़ी हो गई है. पुलिस ने किसानों को पासपोर्ट और वीजा रद्द करने करने की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसी कड़ी में करनाल के किसान नेता राजेंद्र आर्य को पासपोर्ट रद्द करने का नोटिस मिला है. इस नोटिस में उन्हें समस्या पैदा करने वाला किसान नेता बताया है.
राजेंद्र आर्य को ये नोटिस 12 जनवरी को जारी किया गया है जो उन्हें अब मिला है. वो 5 एकड़ के किसान हैं और भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. राजेंद्र आर्य का कहना है कि कुछ दिन पहले पासपोर्ट कार्यालय से उन्हें यो नोटिस मिला है, जिसमें उन्हें समस्या पैदा करने वाला एक किसान नेता का हवाला देकर पासपोर्ट इंपाउंड करने की करवाई करने की बात कही गई है.
राजेंद्र आर्य का कहना है कि वो शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन में इस बार शामिल नहीं हुए हैं और ना ही किसी तरह की गैरकानूनी काम किया है. इसके बावजूद उन्हें ये नोटिस दिया गया है. उनका कहना है कि इस आंदोलन का वह समर्थन करते हैं और अपने तरीके से किसान की लड़ाई लड़ रहे हैं. अंबाला पुलिस ने जो वीडियो और फोटो जारी किए गए हैं, उनमें भी उनका कोई फोटो या वीडियो नहीं है. इस कार्रवाई से पहले उन्हें प्रशासन की तरफ से कोई भी नोटिस या संदेश नहीं मिला.
राजेंद्र आर्य दादूपर ने कहा कि वो सरकार के दमन के आगे नहीं झुकेंगे. वो संघर्ष करते रहेंगे. किसान कोई आतंकवादी नहीं हैं जो सरकार उनके खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कर रही है. उनका कहना हैँ कि उन्होंने ना तो तोडफ़ोड की और ना ही किसी को पुलिस पर हमले के लिए उकसाया. उन्होंंने कानून के दायरे में रहकर अपने अभिव्यक्ति के अधिकार का प्रयोग किया. राजेंद्र आर्य ने इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा से चंडीगढ़ में मुलाकात की और उन्हें इस नोटिस के बारे में बताया.
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