नई दिल्ली: जाने-माने चित्रकार ए. रामचंद्रन का शनिवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनका निधन हो गया. उनका पूरा नाम अच्युतन रामचंद्रन नायर था. वह 89 वर्ष के थे और काफी समय से बीमार थे. उनके अंतिम संस्कार को लेकर परिवार की ओर से अभी कोई जानकारी साझा नहीं की गई है. ए. रामचंद्रन का जन्म सन् 1935 में केरल के अतिंगल में हुआ था.
ए. रामचंद्रन अपनी शानदार चित्रकारी के लिए जाने जाते थे. वर्ष 2002 में उन्हें ललित कला अकादमी का फेलो चुना गया था. साथ ही वर्ष 2005 में राष्ट्र की उत्कष्ट सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था. इसके बाद वर्ष 2013 में उन्हें महात्मा गांधी विश्वविद्यालय (केरल) द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से भी नवाजा गया था.
1961 से 1964 के बीच, उन्होंने केरल की भित्त चित्रकला पर डॉक्टरेट थीसिस लिखी थी, जिसके बाद वह दिल्ली आ गए. यहां उन्होंने जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कला संकाय में शिक्षण कार्य शुरू किया. बाद में वह इसी विभाग में प्रोफेसर बन गए. वर्ष 1991 में उन्हें केरल ललित कला अकादमी का मानद अध्यक्ष भी बनाया गया था. वहीं 1992 में वह जामिया से सेवानिवृत्त हो गए. हालांकि 2005 में उन्हें जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय ने प्रोफेसर एमेरिटस के पद पर फिर से बुला लिया था.
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अभिव्यक्तिवादी शैली में करते थे चित्रकारी: चित्रकार ए रामचंद्रन अभिव्यक्तिवादी शैली में चित्रकारी करते थे, जिसमें वह शहरी जीवन की पीड़ा को मार्मिक ढंग से दर्शाते थे. उनकी पेंटिंग्स बड़ी होती थीं और उनमें भित्तिचत्रों के समान आकृतियां शामिल होती थीं. एक चित्रकार के रूप में रेखाओं, रंगों और रूपों पर उनकी मजबूत पकड़ एक रोमांचक दृश्य नाटक का निर्माण करती है.
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