नई दिल्ली : सरकार ने शुक्रवार को कहा कि देश में स्वास्थ्य का क्षेत्र सेवा का है, व्यवसाय का नहीं और निजी अस्पतालों में मरीजों से अधिक शुल्क वसूले जाने की शिकायत के लिए एक प्रणाली स्थापित है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने लोकसभा में भाजपा सांसद गोपाल शेट्टी के पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए यह बात कही. शेट्टी ने निजी अस्पतालों के खिलाफ अधिक शुल्क वसूली की शिकायतों पर चिंता जताते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई के बारे में पूछा था.
उत्तर में मांडविया ने कहा कि इस तरह की शिकायतों के लिए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग में एक 'एथिक्स बोर्ड' है जिसमें शिकायत करने पर कार्रवाई की जाती है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कई बार शिकायतों का निवारण करते हुए अस्पतालों से मरीजों का पैसा वापस करने को भी कहा जाता है. उन्होंने कहा कि देश में स्वास्थ्य का अलग मॉडल है और यह एक सेवा है, व्यापार नहीं. मांडविया ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान अस्पतालों में डॉक्टरों और सहायक कर्मियों की पूरी तरह उपस्थिति ने भी इस बात को प्रमाणित किया.
मांडविया ने कहा कि अस्पताल आजीविका का माध्यम हो सकते हैं लेकिन नैतिक रूप से डॉक्टर अधिक पैसे नहीं लें, इसके लिए प्रणाली है. स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पंवार ने कांग्रेस के एमके विष्णु प्रसाद के एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि बच्चों में दिव्यांगता और ऑटिज्म जैसी समस्या के लिए स्क्रीनिंग और उपचार के ढांचे का विस्तार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस तरह की स्क्रीनिंग के लिए हर जिले में शिविर लगाया जाता है और स्क्रीनिंग के बाद आवश्यकता होने पर बच्चों के मुफ्त ऑपरेशन के लिए तारीख दी जाती है.
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