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ED Raid: कभी पेंटिंग का काम करते थे गायत्री प्रजापति, 2002 में 92 हजार थी कुल संपत्ति, 2017 में 10 करोड़ के मालिक बने - gayatri prajapati ed raid

ईडी ने एक बार फिर पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के लखनऊ, अमेठी और मुंबई के घरों पर छापा मारा है. ईडी को कई अहम सुबूत हाथ लगे हैं. ऐसे में एक बार फिर पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति चर्चा में है. चलिए जानते हैं उनकी अर्श से लेकर फर्श तक की पूरी कहानी के बारे में.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 15, 2024, 10:37 AM IST

Updated : Mar 16, 2024, 6:24 AM IST

अमेठीः ईडी टीम ने गुरुवार को पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी, लखनऊ और मुंबई के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद एक बार फिर वह सुर्खियों में आ गए हैं. कभी पेटिंग का काम करने वाले गायत्री प्रजापति की किस्मत 2002 से बदलनी शुरू हो गई और 2017 आते-आते वह अकूत दौलत के मालिक बन गए. इसके बाद उनके ग्रहों की दशा बदली और वह अर्श से फर्श पर आ गए.

दरअसल, गैंग रेप एवं मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल काट रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम वृहस्पतिवार को सुबह से ही छापेमारी शुरू हो गई थी. गायत्री प्रजापति के पास कितनी संपत्ति इसका खुलासा आज तक नही हो पाया. प्रवर्तन निदेशालय की टीम जब भी छापेमारी करती है इसकी अकूत संपत्ति का खुलासा होता है. इस बार भी लखनऊ मुंबई अमेठी सहित कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम जांच कर रही है. दरअसल गायत्री करीबियों के नाम पर भी जमीन जायदाद खरीदते थे. अमेठी में गायत्री के ड्राइवर के घर छापेमारी हुई तो वहां भी उसके ड्राइवर के नाम 200 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे.


2002 तक बीपीएल कार्ड धारक थे
अमेठी के एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला गायत्री प्रजापति साल 2002 तक बीपीएल कार्ड धारक थे. उस समय वह छोटे मोटे पुताई के ठेके का काम करते थे फिर उसने प्रॉपर्टी का काम शुरू किया. 2002 में उसने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो चुनावी हलफनामे में उसने अपनी कुल प्रॉपर्टी 92 हजार रुपए बताई थी. 2012 में जब गायत्री प्रसाद प्रजापति ने विधानसभा का चुनाव लड़ा तब चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 1 करोड़ 81 लाख बताई. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में गायत्री ने अपने हलफनामे में कुल संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा की बताई थी. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है उनका खजाना दिन दूना रात चौगुना बढ़ा.

2012 के विधान सभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस का गढ़ जाने वाली अमेठी सीट से रानी अमिता सिंह को चुनाव हरा कर विधायक की कुर्सी हासिल की थी. बताया जाता है कि तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह ने गायत्री को साल 2013 में पहली बार सिंचाई विभाग का राज्य मंत्री बनाया. अपने धन और रसूख के बाल पर 6 महीने के भीतर ही उसे खनन विभाग का राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बना दिया गया. 2014 आते-आते गायत्री की किस्मत ऐसी चमकी कि उसे खनन विभाग में ही कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रसाद प्रजापति के मंत्री रहते खनन विभाग में कई घोटालों के आरोप लगे. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में दखल देते हुए खनन घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. गायत्री प्रसाद प्रजापति के कारनामों के चलते अखिलेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. साल 2017 से गायत्री के ऊपर संकट के बादल मडराने शुरू हो गया. बांदा जिले की रहने वाली एक महिला ने गैंगरेप के आरोप में लखनऊ में चुनाव के पूर्व गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज कराई. उसके बाद जब गायत्री जेल गए तो फिर निकल नहीं सके.





ये भी पढे़ंः जिस रामगढ़ ताल पर CM योगी ने सांसद रवि किशन की चुटकी ली, उसे तस्वीरों में देखिए; कसम से! मुंबई के बीच जैसा नजारा मिलेगा

अमेठीः ईडी टीम ने गुरुवार को पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के अमेठी, लखनऊ और मुंबई के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इसके बाद एक बार फिर वह सुर्खियों में आ गए हैं. कभी पेटिंग का काम करने वाले गायत्री प्रजापति की किस्मत 2002 से बदलनी शुरू हो गई और 2017 आते-आते वह अकूत दौलत के मालिक बन गए. इसके बाद उनके ग्रहों की दशा बदली और वह अर्श से फर्श पर आ गए.

दरअसल, गैंग रेप एवं मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल काट रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम वृहस्पतिवार को सुबह से ही छापेमारी शुरू हो गई थी. गायत्री प्रजापति के पास कितनी संपत्ति इसका खुलासा आज तक नही हो पाया. प्रवर्तन निदेशालय की टीम जब भी छापेमारी करती है इसकी अकूत संपत्ति का खुलासा होता है. इस बार भी लखनऊ मुंबई अमेठी सहित कई ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम जांच कर रही है. दरअसल गायत्री करीबियों के नाम पर भी जमीन जायदाद खरीदते थे. अमेठी में गायत्री के ड्राइवर के घर छापेमारी हुई तो वहां भी उसके ड्राइवर के नाम 200 करोड़ की संपत्ति के दस्तावेज मिले थे.


2002 तक बीपीएल कार्ड धारक थे
अमेठी के एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाला गायत्री प्रजापति साल 2002 तक बीपीएल कार्ड धारक थे. उस समय वह छोटे मोटे पुताई के ठेके का काम करते थे फिर उसने प्रॉपर्टी का काम शुरू किया. 2002 में उसने जब विधानसभा का चुनाव लड़ा था तो चुनावी हलफनामे में उसने अपनी कुल प्रॉपर्टी 92 हजार रुपए बताई थी. 2012 में जब गायत्री प्रसाद प्रजापति ने विधानसभा का चुनाव लड़ा तब चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति 1 करोड़ 81 लाख बताई. वहीं 2017 के विधानसभा चुनाव में गायत्री ने अपने हलफनामे में कुल संपत्ति 10 करोड़ से ज्यादा की बताई थी. इससे यह अंदाजा लगाया जा सकता है उनका खजाना दिन दूना रात चौगुना बढ़ा.

2012 के विधान सभा चुनाव में गायत्री प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस का गढ़ जाने वाली अमेठी सीट से रानी अमिता सिंह को चुनाव हरा कर विधायक की कुर्सी हासिल की थी. बताया जाता है कि तत्कालीन सपा मुखिया मुलायम सिंह ने गायत्री को साल 2013 में पहली बार सिंचाई विभाग का राज्य मंत्री बनाया. अपने धन और रसूख के बाल पर 6 महीने के भीतर ही उसे खनन विभाग का राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बना दिया गया. 2014 आते-आते गायत्री की किस्मत ऐसी चमकी कि उसे खनन विभाग में ही कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रसाद प्रजापति के मंत्री रहते खनन विभाग में कई घोटालों के आरोप लगे. हाईकोर्ट ने पूरे मामले में दखल देते हुए खनन घोटाले की सीबीआई जांच के आदेश दिए. गायत्री प्रसाद प्रजापति के कारनामों के चलते अखिलेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. साल 2017 से गायत्री के ऊपर संकट के बादल मडराने शुरू हो गया. बांदा जिले की रहने वाली एक महिला ने गैंगरेप के आरोप में लखनऊ में चुनाव के पूर्व गौतम पल्ली थाने में एफआईआर दर्ज कराई. उसके बाद जब गायत्री जेल गए तो फिर निकल नहीं सके.





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Last Updated : Mar 16, 2024, 6:24 AM IST
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