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लोकसभा चुनाव के बीच पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ीं, महादेव सट्टा एप केस में EOW ने दर्ज किया FIR, बघेल का पलटवार - EOW registers FIR On Bhupesh Baghel

EOW registers FIR on Bhupesh Baghel लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले महादेव सट्टा एप केस का मुद्दा गरमा गया है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ की EOW और एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है. कार्रवाई के बाद भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में पलटवार किया है. Bhupesh Baghel in Mahadev Satta App case

EOW registers FIR on Bhupesh Baghel
भूपेश बघेल के खिलाफ एफआईआर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 17, 2024, 3:44 PM IST

Updated : Mar 17, 2024, 6:22 PM IST

रायपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के धाकड़ नेता और पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई है. मिली जानकारी के मुताबिक महादेव सट्टा एप केस में भूपेश बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ EOW और एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत यह केस दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा एप केस में आरोप लगा था. ईडी ने जांच में आरोप लगाया था कि महादेव सट्टा एप के मालिक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से भूपेश ने 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी के रूप में लेने का काम किया है.

ईडी के खुलासे के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट: सूत्रों के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि ईडी के आरोपों और कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट के आधार पर ईओडब्ल्यू और एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है. इससे पहले ईडी ने खुलासा किया था कि कैश कोरियर असीम दास के बयान पर ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. अब उसी आधार पर राज्य की जांच ऐजेंसी ने यह एफआईआर दर्ज की है.

"छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ईडी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है. राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट के आधार पर, 4 मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है. इसके अलावा 14 अन्य को एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया है. इस केस में कई नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और ओएसडी को भी आरोपी बनाया गया है. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. जिसमें 120बी, 420 और 471 के तहत केस फाइल किया गया है": EOW के अधिकारी

एफआईआर में क्या है: EOW और एसीबी के एफआईआर में यह कहा गया है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने लाइव ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए एक मंच बनाया. फिर इस मंच को व्हाट्सएप, फेसबुक , टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया. इसके अलावा प्रमोटरों ने अलग अलग प्लेटफॉर्म बनाए. फिर उसके बाद पैनल ऑपरेटरों और शाखा ऑपरेटरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी का काम किया. इससे अवैध कमाई की गई. इस कमाई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा प्रमोटर्स ने अपने पास रखा बाकी के पैसों को अन्य ऑपरेटरों और शाखा संचालकों में बांट दिया. महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों एवं पैनल संचालकों द्वारा अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन हेतु फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले गये. उसके बाद कमीशन के आधार पर सैकड़ों बैंक खातों का संचालन किया गया. इतना ही नहीं पैनल के संचालकों ने अन्य बैंक खातों के जरिए संयुक्त अरब अमीरात में प्रमोटरों को पैसे ट्रांसफर किए. इस मामले में ईडी अब तक नौ लोगों को अरेस्ट किया है.

कब हुई थी असीम दास की गिरफ्तारी: आपको बता दें कि ईडी ने सौरव चंद्राकर और रवि उप्पल से नजीदीकी संबंध रखने वाले असीम दास को तीन नवंबर 2023 को रायपुर से गिरफ्तार किया था. रायपुर की एक होटल की पार्किंग से असीम दास की गाड़ी और घर से तीन करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए थे. ईडी का दावा है कि भूपेश बघेल ने 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी के तौर पर महादेव सट्टा एप के प्रमोटर्स और मालिक से लिए.

भूपेश बघेल ने आरोपों को बताया गलत, टाइमिंग पर उठाए सवाल: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महादेव सट्टा एप केस में हुई कार्रवाई को गलत बताया. उन्होंने कहा कि" महादेव सट्टा एप के प्रमोटर्स को दुबई से गिरफ्तार कर क्यों नहीं लाया गया. प्रोटेक्शन मनी लेने में मेरा नाम नहीं है. दवाब के तहत मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. मैं इस गीदड़ भभकियों से न तो डरने वाला हूं और न ही पीछे हटने वाला हूं. महादेव सट्टा एप केस में सबसे ज्यादा कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुई है. आज भी महादेव एप को बंद नहीं किया गया है. मैं मीडिया को बताना चाहता हूं कि महादेव सट्टा एप केस में हमने सबसे ज्यादा कार्रवाई की है. हमने रवि उप्पल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया. एफआईआर में मेरे ऊपर सात धाराएं लगाई गई. जानबूझकर मुझे बदनाम करने के लिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है. एफआईआर की कॉपी में 6ठवें नंबर पर मेरा नाम दर्ज किया गया है. सौरभ चंद्राकर को पकड़कर लाने का काम केंद्र सरकार का है. कोई प्रमाण तो ये लोग पेश नहीं कर पाए उसके बाद ईडी ने इस केस को जांच किया फिर EOW को जांच का जिम्मा दिया गया. मेरे खिलाफ चार मार्च को यह केस दर्ज किया गया तो इसे वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं किया गया"

भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया: इससे पहले नवंबर 2023 में जब भूपेश बघेल का इस केस में नाम आया था. तब उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था. भूपेश बघेल कई मंचों पर इस मामले में अपना बयान दे चुके हैं और इसे राजनीतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई बता चुके हैं.आपको बता दें कि भूपेश बघेल को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव से अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में उनके खिलाफ महादेव सट्टा एप केस में एफआईआर उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.

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रायपुर: लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के धाकड़ नेता और पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुश्किलें बढ़ गई है. मिली जानकारी के मुताबिक महादेव सट्टा एप केस में भूपेश बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ EOW और एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है. प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत यह केस दर्ज किया गया है. छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के दौरान भूपेश बघेल के खिलाफ महादेव सट्टा एप केस में आरोप लगा था. ईडी ने जांच में आरोप लगाया था कि महादेव सट्टा एप के मालिक रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर से भूपेश ने 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी के रूप में लेने का काम किया है.

ईडी के खुलासे के आधार पर तैयार की गई चार्जशीट: सूत्रों के मुताबिक यह बताया जा रहा है कि ईडी के आरोपों और कोर्ट में पेश की गई चार्जशीट के आधार पर ईओडब्ल्यू और एसीबी ने एफआईआर दर्ज किया है. इससे पहले ईडी ने खुलासा किया था कि कैश कोरियर असीम दास के बयान पर ईडी ने कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. अब उसी आधार पर राज्य की जांच ऐजेंसी ने यह एफआईआर दर्ज की है.

"छत्तीसगढ़ में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने ईडी द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर कथित महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है. ईडी एक साल से अधिक समय से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहा है. राज्य की आर्थिक अपराध शाखा/भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट के आधार पर, 4 मार्च को यहां ईओडब्ल्यू पुलिस स्टेशन में बघेल और अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल और ऐप के प्रमोटरों रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और अनिल कुमार अग्रवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज किया गया है. इसके अलावा 14 अन्य को एफआईआर में आरोपी के रूप में नामित किया गया है. इस केस में कई नौकरशाहों, पुलिस अधिकारियों और ओएसडी को भी आरोपी बनाया गया है. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. जिसमें 120बी, 420 और 471 के तहत केस फाइल किया गया है": EOW के अधिकारी

एफआईआर में क्या है: EOW और एसीबी के एफआईआर में यह कहा गया है कि महादेव बुक एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने लाइव ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए एक मंच बनाया. फिर इस मंच को व्हाट्सएप, फेसबुक , टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से संचालित किया. इसके अलावा प्रमोटरों ने अलग अलग प्लेटफॉर्म बनाए. फिर उसके बाद पैनल ऑपरेटरों और शाखा ऑपरेटरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी का काम किया. इससे अवैध कमाई की गई. इस कमाई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा प्रमोटर्स ने अपने पास रखा बाकी के पैसों को अन्य ऑपरेटरों और शाखा संचालकों में बांट दिया. महादेव बुक ऐप के प्रमोटरों एवं पैनल संचालकों द्वारा अवैध रूप से प्राप्त धन के लेन-देन हेतु फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले गये. उसके बाद कमीशन के आधार पर सैकड़ों बैंक खातों का संचालन किया गया. इतना ही नहीं पैनल के संचालकों ने अन्य बैंक खातों के जरिए संयुक्त अरब अमीरात में प्रमोटरों को पैसे ट्रांसफर किए. इस मामले में ईडी अब तक नौ लोगों को अरेस्ट किया है.

कब हुई थी असीम दास की गिरफ्तारी: आपको बता दें कि ईडी ने सौरव चंद्राकर और रवि उप्पल से नजीदीकी संबंध रखने वाले असीम दास को तीन नवंबर 2023 को रायपुर से गिरफ्तार किया था. रायपुर की एक होटल की पार्किंग से असीम दास की गाड़ी और घर से तीन करोड़ रुपये कैश बरामद किए गए थे. ईडी का दावा है कि भूपेश बघेल ने 508 करोड़ रुपये प्रोटेक्शन मनी के तौर पर महादेव सट्टा एप के प्रमोटर्स और मालिक से लिए.

भूपेश बघेल ने आरोपों को बताया गलत, टाइमिंग पर उठाए सवाल: पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर महादेव सट्टा एप केस में हुई कार्रवाई को गलत बताया. उन्होंने कहा कि" महादेव सट्टा एप के प्रमोटर्स को दुबई से गिरफ्तार कर क्यों नहीं लाया गया. प्रोटेक्शन मनी लेने में मेरा नाम नहीं है. दवाब के तहत मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. मैं इस गीदड़ भभकियों से न तो डरने वाला हूं और न ही पीछे हटने वाला हूं. महादेव सट्टा एप केस में सबसे ज्यादा कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हुई है. आज भी महादेव एप को बंद नहीं किया गया है. मैं मीडिया को बताना चाहता हूं कि महादेव सट्टा एप केस में हमने सबसे ज्यादा कार्रवाई की है. हमने रवि उप्पल के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया. एफआईआर में मेरे ऊपर सात धाराएं लगाई गई. जानबूझकर मुझे बदनाम करने के लिए लोकसभा चुनाव को देखते हुए यह कार्रवाई की गई है. एफआईआर की कॉपी में 6ठवें नंबर पर मेरा नाम दर्ज किया गया है. सौरभ चंद्राकर को पकड़कर लाने का काम केंद्र सरकार का है. कोई प्रमाण तो ये लोग पेश नहीं कर पाए उसके बाद ईडी ने इस केस को जांच किया फिर EOW को जांच का जिम्मा दिया गया. मेरे खिलाफ चार मार्च को यह केस दर्ज किया गया तो इसे वेबसाइट पर अपलोड क्यों नहीं किया गया"

भूपेश बघेल ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया: इससे पहले नवंबर 2023 में जब भूपेश बघेल का इस केस में नाम आया था. तब उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया था. भूपेश बघेल कई मंचों पर इस मामले में अपना बयान दे चुके हैं और इसे राजनीतिक दुर्भावना से की गई कार्रवाई बता चुके हैं.आपको बता दें कि भूपेश बघेल को कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में राजनांदगांव से अपना उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में उनके खिलाफ महादेव सट्टा एप केस में एफआईआर उनकी मुश्किलें बढ़ा सकता है.

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Last Updated : Mar 17, 2024, 6:22 PM IST
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