लखनऊः लोकसभा चुनाव आ गए हैं. इस बार यूपी में सात चरणों में ये चुनाव होंगे. इसके लिए सभी दलों ने कमर कस ली है. चुनावी मौसम में पिछले चुनाव परिणामों को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गईं हैं. चलिए जानते हैं इस बारे में.
2014 में यूपी में मोदी मैजिक से बीजेपी को रिकार्ड जीत
2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा की 80 सीटों में से 71 पर जीत दर्ज की थी. वहां कांग्रेस के हिस्से में महज दो सीटें आईं थी. वहीं, बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने दो सीटें जीती थी. वहीं सबसे बड़ा झटका सपा को लगा था. सपा के खाते में महज पांच सीटें आई थीं. इस चुनाव में बसपा का सूपड़ा साफ हो गया था. इस चुनाव में बीजेपी ने बुंदेलखंड, अवध, पश्चिमी यूपी समेत सभी जगहों पर शानदार प्रदर्शन किया था. उस दौर में मोदी मैजिक अपने पूरे चरम पर था. प्रचंड जीत ने बीजेपी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया था.
2019 में बीजेपी को नौ सीटों का नुकसान, बसपा का खुला खाता, सपा का भी कम बैक
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 2014 जैसा अपना प्रदर्शन बरकरार नहीं रख सकी. इस चुनाव में प्रदेश की 80 सीटों में बीजेपी को 62 सीटों पर ही जीत मिली. 2014 की तुलना में इस चुनाव में बीजेपी को नौ सीटों का नुकसान हुआ. वहीं, सपा और बसपा गठबंधन ने जी तोड़ मेहनत कर अपनी खोई हुई दस और सीटें हासिल कर ली. वहीं, अगर कांग्रेस की बात करें तो इस चुनाव में कांग्रेस को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ा. कांग्रेस महज एक सीट पर ही सिमट कर रह गई.
मनोज सिन्हा और जयाप्रदा को करना पड़ा था हार का सामना
2019 के चुनाव में बीजेपी के मनोज सिन्हा को हार का सामना करना पड़ा था. उन्हें गाजीपुर सीट से बसपा के अफजाल अंसारी ने हराया था. वहीं, रामपुर सीट से बीजेपी ने जयाप्रदा को उतारा था, जिन्हें आजम खान ने हरा दिया था. इन दो बड़े नेताओं की हार ने लोगों को चौंका दिया था.