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छात्रवृत्ति घोटाले में ED ने की कार्रवाई, हाइजिया कॉलेज की 20.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की - SCHOLARSHIP SCAM UTTAR PRADESH

ईडी ने बुधवार को हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 20.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की. यह कार्रवाई पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) एक्ट के तहत की गई.

प्रवर्तन निदेशालय
प्रवर्तन निदेशालय (फोटो क्रेडिट- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 10:33 PM IST

लखनऊ: 75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से कार्रवाई शुरू की. ईडी ने बुधवार को हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 20.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की. यह कार्रवाई पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) एक्ट के तहत की गई. ईडी अब तक हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 41.13 करोड़ की सपत्ति कुर्क कर चुकी है.

घोटाले की रकम ट्रस्टियों को की गई थी ट्रांसफर: छात्रवृत्ति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की जांच में आरोपी हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रबंधकों की लखनऊ में संपत्ति होने की जानकारी मिली थी. बुधवार को ईडी की प्रयागराज टीम पहुंची और कुर्की की कार्रवाई की. अब तक इस मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. दरअसल, घोटाले की रकम ट्रस्टियों को भेजी गई थी, जिनके खिलाफ कोर्ट ने कुर्की के आदेश दिए थे.

2015 में हुआ था घोटाला: वर्ष 2015 से केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे. इसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे.

इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर प्रमोद पांडे कर रहे थे. उन्होंने समाज कल्याण से नामजद सभी दस संस्थानों को अब तक दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा तलब किया था. इसके अलावा छात्रवृति गबन करने के लिए खोले गए 3000 बैंक अकाउंट का भी ब्योरा सब इंस्पेक्टर ने बैंक से मांगा था.

किन-किन पर दर्ज हुई थी FIR: एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल है.

लखनऊ: 75 करोड़ से अधिक छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर से कार्रवाई शुरू की. ईडी ने बुधवार को हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 20.6 करोड़ की संपत्ति कुर्क की. यह कार्रवाई पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) एक्ट के तहत की गई. ईडी अब तक हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज की 41.13 करोड़ की सपत्ति कुर्क कर चुकी है.

घोटाले की रकम ट्रस्टियों को की गई थी ट्रांसफर: छात्रवृत्ति घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ईडी की जांच में आरोपी हाइजिया ग्रुप ऑफ कॉलेज के प्रबंधकों की लखनऊ में संपत्ति होने की जानकारी मिली थी. बुधवार को ईडी की प्रयागराज टीम पहुंची और कुर्की की कार्रवाई की. अब तक इस मामले में 6 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. दरअसल, घोटाले की रकम ट्रस्टियों को भेजी गई थी, जिनके खिलाफ कोर्ट ने कुर्की के आदेश दिए थे.

2015 में हुआ था घोटाला: वर्ष 2015 से केंद्र व राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए दी जाने वाली 75 करोड़ से अधिक की पोस्ट मैट्रीकुलेशन छात्रवृत्ति कई नर्सिंग और इंटर कॉलेज के मैनेजमेंट ने हड़प ली थी. प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में छात्रवृत्ति हड़पने वाले कॉलेजों में छापेमारी कर कई अहम दस्तावेज भी बरामद किए थे. इसमें सामने आया था कि छात्रवृति के लिए बैंक में खोले गए अकाउंट में जैसे मेल आईडी और मोबाइल नंबर एक ही दिए गए थे.

इसके अलावा बैंक के एकाउंट कुछ नाबालिग और बुजुर्गों के नाम भी थे, जिनसे कई लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इसके बाद दस सस्थानों, फिनो बैंक के अधिकारी समेत 18 लोग नामजद व अन्य अज्ञात के खिलाफ हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी. इसकी विवेचना सब इंस्पेक्टर प्रमोद पांडे कर रहे थे. उन्होंने समाज कल्याण से नामजद सभी दस संस्थानों को अब तक दी गई छात्रवृत्ति का ब्योरा तलब किया था. इसके अलावा छात्रवृति गबन करने के लिए खोले गए 3000 बैंक अकाउंट का भी ब्योरा सब इंस्पेक्टर ने बैंक से मांगा था.

किन-किन पर दर्ज हुई थी FIR: एसएस इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट मामपुर के चेयरमैन प्रवीण चौहान, एजुकेशन सोसाइटी एंड हाइजिया के वाइस प्रेसीडेंट इजहार हुसैन जाफरी, इसी ग्रुप में अली अब्बास जाफरी, सईद इशरत हुसैन जाफरी, हाइजिया कॉलेज ऑफ फार्मेसी के रवि प्रकाश गुप्ता व ग्रुप से जुड़े अन्य अधिकारी-कर्मचारी, लखनऊ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड एजुकेशन के संचालक, डॉ. ओमप्रकाश ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन फर्रुखाबाद के चेयरमैन गुप्ता, डॉ. भीमराव अंबेडकर फाउंडेशन एंड जीविका कॉलेज ऑफ फार्मेसी हरदोई के सेक्रेटरी रामगोपाल, आरपीपी इंटर कॉलेज हरदोई के प्रबंधक पूनम वर्मा, ज्ञानवती इंटर कॉलेज हरदोई विवेक कुमार पटेल, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गौसगंज कछौना हरदोई के विवेक कुमार जगदीश प्रसाद वर्मा, फिनो पेमेंट बैंक के एरिया मैनेजर सचिन दुबे, एजेंट मो. साहिल अजीज, अमित कुमार मौर्य, तनवीर अहमद और जितेंद्र सिंह शामिल है.

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