मुंबई : एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजित पवार को क्लीन चिट मिलने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने प्रफुल्ल पटेल को बड़ी राहत दी है. ईडी ने पीएमएलए अधिनियम के तहत वर्ली में सीजे हाउस में उनके स्वामित्व वाले 12वीं और 15वीं मंजिल के फ्लैटों की जब्ती रद्द कर दी. जब्त किए गए सीजे हाउस फ्लैट की कीमत 180 करोड़ रुपये है. 2022 में ईडी ने इस संपत्ति को जब्त किया था. जिसके बाद प्रफुल्ल पटेल ने पीएमएलए मामले को लेकर इस जब्ती कार्रवाई के खिलाफ सफेमा ट्रिब्यूनल में अपील की.
ईडी ने प्रफुल्ल पटेल पर भगोड़े वित्तीय अपराधियों आसिफ और जुनेद की मां हाजरा मेमन से यह संपत्ति खरीदते समय मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया. 2022 में, ईडी ने प्रफुल्ल पटेल, उनकी पत्नी वर्षा और उनकी कंपनी मिलेनियम डेवलपर्स से संबंधित कम से कम सात फ्लैट जब्त कर लिए. उन पर गैंगस्टर इकबाल मिर्ची की पत्नी से अवैध तरीके से संपत्ति खरीदने का आरोप था.
आरोप था कि जिस संपत्ति पर ईडी ने कार्रवाई की थी, उसकी दो मंजिलें इकबाल मिर्ची के परिवार की थीं. संपत्ति को ईडी पहले ही जब्त कर चुकी है. संपत्ति व्यावसायिक उपयोग में थी. प्रफुल्ल पटेल पर इकबाल मिर्ची के साथ समझौता कर यह संपत्ति खरीदने का आरोप था.
ईडी के दावे के मुताबिक, यह समझौता 2007 में हुआ था. बेशक प्रफुल्ल पटेल ने इस आरोप से इनकार किया है. ईडी पीएमएलए एक्ट के तहत मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही थी. इस मामले में ईडी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है. फिर 2019 में प्रफुल्ल पटेल से पूछताछ की गई.
कोरोना काल के बाद राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ. शिवसेना में फूट पड़ी, शिंदे गुट अलग हो गया. भाजपा के साथ गठबंधन करके राज्य में गठबंधन सरकार सत्ता में आई. इसके बाद राष्ट्रवादी पार्टी में फूट पड़ गई. अजित पवार गुट गठबंधन सरकार में शामिल हो गया था. महागठबंधन ने लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. फैसले के बाद अब प्रफुल्ल पटेल को ईडी ने बड़ी राहत दी है. उनकी संपत्ति जब्त कर ली गई है.