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Watch : जानिए कहां बनाई गई 2.21 लाख इमली के बीज से बनी भगवान गणेश की इको फ्रेंडली मूर्ति - eco friendly ganesha idol - ECO FRIENDLY GANESHA IDOL

Eco Friendly Ganesha Idol, कर्नाटक के बेलगावी में 2.21 लाख इमली के बीज से भगवान गणेश की मूर्ति बनाई गई है. इको फ्रेंडली यह मूर्ति लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है.

Eco-friendly idol of Lord Ganesha made from 2.21 lakh tamarind seeds
2.21 लाख इमली के बीज से बनी भगवान गणेश की इको फ्रेंडली मूर्ति (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 7, 2024, 3:22 PM IST

Updated : Sep 7, 2024, 4:26 PM IST

बेलगावी: देशभर में भगवान गणेश की तरह-तरह की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं. इसी क्रम में बेलगावी के एक कलाकार ने 2.21 लाख इमली के बीजों से गणेश जी की मूर्ति बनाई है. फलस्वरूप यह इको फ्रेंडली गणेश सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है.

देखें वीडियो (ETV Bharat)

पुराने गांधी नगर के मूर्तिकार सुनील सिद्दप्पा आनंदाचे पर्यावरण के अनुकूल गणेश की प्रतिमाएं बनाने के लिए जाने जाते हैं. इन्होंने इमली के बीजों से गणेश प्रतिमा बनाई है. 8 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी यह गणेश प्रतिमा इस अवधारणा के साथ बनाई गई है कि विसर्जन के बाद भी इमली के बीजों से पौधे उग सकें.

सुनील ने पिछले साल रुद्राक्ष से गणेश प्रतिमा बनाई थी. इस बार में अखबारों और कार्डबोर्ड के अलावा घास और इमली के बीजों का उपयोग की गणेश प्रतिमा बनाई. उन्होंने इको फ्रेंडली यह गणेश प्रतिमा बनाने के लिए इमली के 2 लाख 21 हजार 111 इमली के बीजों का उपयोग किया है. उन्होंने अपने परिवार और पड़ोसियों के सहयोग से अपने दैनिक कार्य से कुछ घंटे निकालकर एक महीने में इस प्रतिमा को तैयार किया. इस गणेश प्रतिमा को तैयार करने में 35 हजार रुपए की लागत आई.

पेशे से प्लंबर का काम करने वाले सुनील ने गणेश प्रतिमा को फैशन के तौर पर चुना है. वह हर साल सिर्फ एक सार्वजनिक गणेश प्रतिमा बनाते हैं, वह भी इको-फ्रेंडली गणेश. वह कुछ घरों के लिए मिट्टी के गणेश जी बनाते हैं. सुनील को उनकी पत्नी रश्मि, बेटे समर्थ और यश का भी सहयोग मिलता है. गणेश मूर्ति बनाने वाले सुनील ने ईटीवी भारत से कहा कि वह इको-फ्रेंडली गणेश बनाकर खुश हैं. क्योंकि पर्यावरण संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है. इसलिए, पहले मैंने वॉल नट, मोदक, कपड़े के फूल, इस्तेमाल किए जाने वाले कागज के कप, रेत, सूखे मेवे, विभिन्न अनाज, रुद्राक्षी से गणेश की मूर्ति बनाई. इस बार मैंने एक नए कॉन्सेप्ट के साथ इमली के बीजों से मूर्ति बनाई है. उन्होंने सभी से इको-फ्रेंडली गणेशोत्सव मनाने के लिए कहा. फिलहाल सुनील की बनाई मूर्ति के द्वारा पर्यावरण जागरुकता का संदेश दिया जा रहा है, वहीं लोगों के द्वारा उनके काम की सराहना की जा रही है.

ये भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2024: दाईं सूंड वाले या बाईं सूड वाले, जानिए कौनसे गणेश आपके लिए रहेंगे शुभ

बेलगावी: देशभर में भगवान गणेश की तरह-तरह की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं. इसी क्रम में बेलगावी के एक कलाकार ने 2.21 लाख इमली के बीजों से गणेश जी की मूर्ति बनाई है. फलस्वरूप यह इको फ्रेंडली गणेश सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है.

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पुराने गांधी नगर के मूर्तिकार सुनील सिद्दप्पा आनंदाचे पर्यावरण के अनुकूल गणेश की प्रतिमाएं बनाने के लिए जाने जाते हैं. इन्होंने इमली के बीजों से गणेश प्रतिमा बनाई है. 8 फीट लंबी और 4 फीट चौड़ी यह गणेश प्रतिमा इस अवधारणा के साथ बनाई गई है कि विसर्जन के बाद भी इमली के बीजों से पौधे उग सकें.

सुनील ने पिछले साल रुद्राक्ष से गणेश प्रतिमा बनाई थी. इस बार में अखबारों और कार्डबोर्ड के अलावा घास और इमली के बीजों का उपयोग की गणेश प्रतिमा बनाई. उन्होंने इको फ्रेंडली यह गणेश प्रतिमा बनाने के लिए इमली के 2 लाख 21 हजार 111 इमली के बीजों का उपयोग किया है. उन्होंने अपने परिवार और पड़ोसियों के सहयोग से अपने दैनिक कार्य से कुछ घंटे निकालकर एक महीने में इस प्रतिमा को तैयार किया. इस गणेश प्रतिमा को तैयार करने में 35 हजार रुपए की लागत आई.

पेशे से प्लंबर का काम करने वाले सुनील ने गणेश प्रतिमा को फैशन के तौर पर चुना है. वह हर साल सिर्फ एक सार्वजनिक गणेश प्रतिमा बनाते हैं, वह भी इको-फ्रेंडली गणेश. वह कुछ घरों के लिए मिट्टी के गणेश जी बनाते हैं. सुनील को उनकी पत्नी रश्मि, बेटे समर्थ और यश का भी सहयोग मिलता है. गणेश मूर्ति बनाने वाले सुनील ने ईटीवी भारत से कहा कि वह इको-फ्रेंडली गणेश बनाकर खुश हैं. क्योंकि पर्यावरण संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है. इसलिए, पहले मैंने वॉल नट, मोदक, कपड़े के फूल, इस्तेमाल किए जाने वाले कागज के कप, रेत, सूखे मेवे, विभिन्न अनाज, रुद्राक्षी से गणेश की मूर्ति बनाई. इस बार मैंने एक नए कॉन्सेप्ट के साथ इमली के बीजों से मूर्ति बनाई है. उन्होंने सभी से इको-फ्रेंडली गणेशोत्सव मनाने के लिए कहा. फिलहाल सुनील की बनाई मूर्ति के द्वारा पर्यावरण जागरुकता का संदेश दिया जा रहा है, वहीं लोगों के द्वारा उनके काम की सराहना की जा रही है.

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Last Updated : Sep 7, 2024, 4:26 PM IST
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